*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷दिनांक ~12 जुलाई 2024*
*🌷दिन~ षष्ठी 12:32:12 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~ आषाढ़*
*🌷पक्ष ~ शुक्ल पक्ष*
*🌷तिथि ~ षष्ठी 12:32:12 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*🌷नक्षत्र - उत्तर फाल्गुनी 16:07:40 तक तत्पश्चात हस्त*
*🌷योग - परिघ 29:13:14* तत्पश्चात शिव*
*🌷करण तैतुल 12:32:12तत्पश्चात परिध*
*🌷चन्द्र राशि कन्या*
*🌷सूर्य राशि मिथुन*
*🌷राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 10:58 से शाम 12:41 तक*
*🌷सूर्योदय - 05:50:12*
*🌷सूर्यास्त - 07:31:11*
*🌷दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:26 से 05:07 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:08*
*🌷निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जुलाई 12 से रात्रि 01:01 जुलाई 12 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*चर 05:50 - 07:33 शुभ*
*लाभ 07:33 - 09:15 शुभ*
*अमृत 09:15 - 10:58 शुभ*
*काल 10:58 - 12:41 अशुभ*
*शुभ 12:41 - 14:23 शुभ*
*रोग 14:23 - 16:06 अशुभ*
*उद्वेग 16:06 - 17:49 अशुभ*
*चर 17:49 - 19:31 शुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*रोग 19:31 - 20:49 अशुभ*
*काल 20:49 - 22:06 अशुभ*
*लाभ 22:06 - 23:24 शुभ*
*उद्वेग 23:24 - 24:41 अशुभ*
*शुभ 24:41 - 25:58 शुभ*
*अमृत 25:58 - 27:16 शुभ*
*चर 27:16 - 28:33 शुभ*
*रोग 28:33 - 29:51 अशुभ*
*🌷व्रत पर्व विवरण -स्कन्द षष्ठी*
*🌷विशेष - षष्ठी को कुछ चीज़ें खाने से बचना चाहिए*
*षष्ठी के दिन नीम की पत्तियां नहीं चबानी चाहिए. ऐसा करने से दूसरे जन्म में नीच योनि मिलने की मान्यता है*
*षष्ठी को फल या दातुन मुंह में डालने से भी नीच योनि की प्राप्ति होती है*
*स्कंद षष्ठी व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज़ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.*
*🌷गुरु राहु युति (गुरु चांडाल योग)*
*♦️जैसा कि युति के नाम से ही पता चलता है कि जीवन में जो गुरु/शिक्षक/मार्गदर्शक मिलेगा वह जातक को धोखा देगा। जातक का उपयोग स्वार्थी उद्देश्यों के लिए करेगा और इस बात की बहुत अधिक संभावना रहती है कि जातक को बड़ा नुकसान भी पहुँचाएँ।*
*♦️व्यक्ति को मिले ज्ञान को याद रखने और विचारों को व्यवस्थित करने में दिक्कत होती है।*
*♦️जातक धार्मिक मामलों को लेकर हमेशा भ्रमित रहता है। अगर यह युति अशुभ मंगल, शनि से पीड़ित हो तो जातक अपना धर्म भी बदल सकता है या दूसरे धर्मो के प्रति झुकाव रखता है।*
*♦️जीजा जातक को धोखा देता है या जीवन में हमेशा परेशानियाँ ख़डी करता है।*
*♦️जातक को जीवनसाथी और विवाह से बहुत उम्मीदें रहती है।शुरुआत में विश्वास की कमी के कारण वैवाहिक जीवन परेशानियों से भरा रहता है।*
*♦️जीवनसाथी आलसी स्वभाव का और कमज़ोर शरीर का हो सकता है।*
*♦️जातक अपने अभिभावकों और शिक्षकों के द्वारा भी गुमराह हो जाता है।*
*♦️जातक जो शिक्षा प्राप्त करता है पेशा उससे बिल्कुल अलग हो सकता है।*
*♦️जातक अपने पड़ोसियों से दूरी बनाता रहता है और केवल करीबी दोस्तों के साथ ही बातचीत करना पसंद करता है।*
*♦️जातक को पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
टाइफाइड/हेपेटाइटिस होने की संभावना रहती है।*
*♦️जातक यदि विदेश/परदेस चला जाए तो धनवान बन सकता है।अगर जीवनसाथी अमीर परिवार से हो तो जातक को शादी के बाद बहुत लाभ भी होता है।*
*♦️अगर विवाह किसी विदेशी संस्कृति के व्यक्ति के साथ हो जाता है तो भी अच्छे फल मिलते है।*
*♦️जातक को अपने सास की ओर से से बहुत अधिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। वैवाहिक जीवन में भी हस्तक्षेप रहते है।*
*♦️पहला बच्चा अत्यंत स्वाभिमानी और ज्ञानी होता है लेकिन सही मार्गदर्शन न मिलने पर जीवन में भटक जाने की संभावना रहती है।*
*♦️दूसरा बच्चा बहुत मासूम और गठीले शरीर का होता है।*
*♦️जातक अपने जीवन काल में बहुत सारी जमीन का मालिक बनने में कामयाब होता है।*
*♦️जातक को जीवनसाथी की संपत्ति/जमीन/कार या सास पर पैसा खर्च नहीं करना चाहिए अन्यथा पहले बच्चे को व्यावसायिक रूप से बहुत नुकसान हो सकता है।*
*♦️उपाय के तौर पर जातक को प्रतिदिन श्री मदभागवत गीता का अध्ययन करना चाहिए।🌷*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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