*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷दिनांक ~02 जुलाई 2024*
*🌷दिन~ मंगलवार*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~ आषाढ़*
*🌷पक्ष ~ कृष्ण पक्ष*
*🌷तिथि ~एकादशी 08:41:41 तत्पश्चात द्वादशी*
*🌷नक्षत्र ~ कृत्तिका 28:38:51तत्पश्चात रोहिणी*
*🌷योग~ धृति 11:15:19 तत्पश्चात शूल*
*🌷करण~ बालव 08:41:41तत्पश्चात तैतुल *
*🌷चन्द्र राशि मेष till 11:13:14*
*🌷चन्द्र राशि वृषभ from 11:13:14*
*🌷सूर्य राशि ~ मिथुन*
*🌷राहु काल ~ हर जगह का अलग है- दोपहर बाद: 04:06से 05:49 पी एम तक*
*🌷सूर्योदय ~ 05:45:55:*
*🌷सूर्यास्त ~ 07:32:27*
*🌷दिशा शूल ~ उत्तर दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त ~ प्रातः 04:23 से 05:04 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त ~ 12:12 पी एम से 01:07 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त~ रात्रि 5:45 july 03 से रात्रि 04:40 july 03 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*रोग 05:46 - 07:29 अशुभ*
*उद्वेग 07:29 - 09:13 अशुभ*
*चर 09:13 - 10:56 शुभ*
*लाभ 10:56 - 12:39 शुभ*
*अमृत 12:39 - 14:23 शुभ*
*काल 14:23 - 16:06 अशुभ*
*शुभ 16:06 - 17:49 शुभ*
*रोग 17:49 - 19:32 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*काल 19:32 - 20:49 अशुभ*
*लाभ 20:49 - 22:06 शुभ*
*उद्वेग 22:06 - 23:23 अशुभ*
*शुभ 23:23 - 24:39 शुभ*
*अमृत 24:39 - 25:56 शुभ*
*चर 25:56 - 27:13 शुभ*
*रोग 27:13 - 28:30 अशुभ*
*काल 28:30 - 29:46 अशुभ*
*💐मित्रों, तारीख 02 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष कि एकादशी तिथि है। आज योगिनी एकादशी का पावन व्रत है।।
*💐इस योगिनी एकादशी के विषय मे लिखा है:- आशाढ़े कृष्णपक्षे तु योगिनीव्रतमाचरेत्। अस्यव्रतस्य पुण्येन कुष्ठोनष्यति वै ध्रुवम्।।
*💐अर्थात इस योगिनी एकादशी का व्रत करने वालों के कुष्ठ रो तक समाप्त हो जाते हैं। आज देवरहवा बाबा की पुण्यतिथि है।।
*💐शास्त्रानुसार एकादशी सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक पुण्यदायी व्रत होता है। इसे हर एक व्यक्ति को अवश्य करना चाहिये।।
*💐आप सभी सनातनियों को "योगिनी एकादशी के पावन व्रत" की हार्दिक शुभकामनायें।।
*💐मित्रों, तारीख 02 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है।।
*💐एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये। यह इस एकादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है।।
*💐एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है।।
*💐एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से........
*💐पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि.........
*💐पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है। इस एकादशी तिथि के देवता विश्वदेवों.........को बताया गया है। यह एकादशी तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी गयी है। यह एकादशी तिथि कृष्ण पक्ष में.........
*💐अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। एकादशी तिथि एक आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि मानी जाती है।।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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