*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷दिनांक ~04 जुलाई 2024*
*🌷दिन~ गुरुवार*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~ आषाढ़*
*🌷पक्ष ~ कृष्ण पक्ष*
*🌷तिथि ~त्रयोदशी 05:53:31 तिथि चतुर्दशी 28:57:18*(क्षय ) तत्पश्चात त्रयोदशी 05:53:31*
*🌷नक्षत्र ~ मृगशीर्षा 27:53:33 तत्पश्चात आद्रा*
*🌷योग~ गण्ड 06:58:16 तत्पश्चात ध्रुव*
*🌷करण~ वणिज 05:53:30 तत्पश्चात चतुष्पद*
*🌷चन्द्र राशि वृषभ till 15:57:13*
*🌷चन्द्र राशि मिथुन from 15:57:13*
*🌷सूर्य राशि ~ मिथुन*
*🌷राहु काल ~ हर जगह का अलग है- दोपहर बाद: 02:23से 04:06 पी एम तक*
*🌷सूर्योदय ~ 05:46:42:*
*🌷सूर्यास्त ~ 07:32:22*
*🌷दिशा शूल ~ दक्षिण दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त ~ प्रातः 04:24 से 05:05 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त ~ 12:12 पी एम से 01:07 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त~ रात्रि 12:19 july 05 से रात्रि 01:00 july 05 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*शुभ 05:47 - 07:30 शुभ*
*रोग 07:30 - 09:13 अशुभ*
*उद्वेग 09:13 - 10:56 अशुभ*
*चर 10:56 - 12:40 शुभ*
*लाभ 12:40 - 14:23 शुभ*
*अमृत 14:23 - 16:06 शुभ*
*काल 16:06 - 17:49 अशुभ*
*शुभ 17:49 - 19:32 शुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*अमृत 19:32 - 20:49 शुभ*
*चर 20:49 - 22:06 शुभ*
*रोग 22:06 - 23:23 अशुभ*
*काल 23:23 - 24:40 अशुभ*
*लाभ 24:40 - 25:57 शुभ*
*उद्वेग 25:57 - 27:13 अशुभ*
*शुभ 27:13 - 28:30 शुभ*
*अमृत 28:30 - 29:47 शुभ*
*🪷🚩जय श्री सीताराम*🚩🪷
*💐मित्रों, तारीख 04 जुलाई 2024 दिन गुरुवार को त्रयोदशी 05:53:31 तिथि चतुर्दशी 28:57:18*(क्षय ) तत्पश्चात अमावस्या 05:53:31है।*
*🌷शरीर में ग्रह नक्षत्र का प्रभाव
*🌷हमारे शरीर के हरेक अंग में ग्रहों एवं नक्षत्र का निवास है।सर से लेकर पैर तक कोई न कोई नक्षत्र निवास करता हैं । जब भी शरीर का कोई अंग बीमार पड़ता है या कमजोर होता है तो हमे ये समझना चाहिये की उस अंग से संबंधित ग्रह नक्षत्र पीड़ित है। अगर हम उस ग्रह नक्षत्र का उपाय करते है तो हमे लाभ अवश्य मिलता है।
*🌷जैसे- कभी कभी सर में बहुत दर्द होता है उस दर्द से छुटकारा पाने के लिये हम बहुत कोशिस करते है डॉक्टर से दवाई भी लाकर खाते है फिर भी सर दर्द से छुटकारा नही मिलता है।
*🌷ऐसे में अगर हम उस नक्षत्र का उपाय करते है तो हमे सर दर्द से छुटकारा मिल जायेगा । 27 प्रकार के नक्षत्र होते है और यही नक्षत्र हमारे शरीर के सताइस अंग पर अपना प्रभाव दिखाते है।
*🌷जिस दिन हम इन नक्षत्रों का खेल समझ गये उस दिन सारी समस्याओं का निवारण हो जायेगा।27 नक्षत्र के साथ साथ 9 ग्रह औऱ 12 राशीया भी हमारे शरीर पर असर डालते हैं
*🌷जैसे- सूर्य हमारे सिर को, चंद्रमा मुख को, मंगल छाती को, बृहस्पति उदर (पेट) को, शुक्र यौन अंगों को (लिंग मूत्राशय ),बुध पीठ को , शनि कमर को ,राहु और केतु हाथ पैरों का प्रतिनिधि करते हैं।
*🌷नक्षत्र का शरीर में स्थान
*🌷 सिर में कृत्तिका
*🌷 मस्तक में रोहिणी
*🌷 भौंह में मृगशिरा
*🌷 कानों में आश्लेषा
*🌷 आँखों में आर्द्रा
*🌷 नासिका में पुनर्वसु
*🌷 होंठों में मघा
*🌷 गर्दन में चित्रा
*🌷 गालों में पुष्य
*🌷 दाई छाती में विशाखा
*🌷 बाई छाती में स्वाति
*🌷 बाई कलाई पू ० फाल्गुनी
*🌷 दाई कलाई उ ० फाल्गुनी
*🌷 कमर में श्रावण
*🌷 आमाशय में ज्येष्ठा
*🌷 रीढ़ में उ ० आषाढ़ा
*🌷 पेट में अनुराधा
*🌷 पीठ में पू ० आषाढ़ा
*🌷 कोख में मूल
*🌷 अंगुली में हस्त
*🌷 गुदा में धनिष्ठा
*🌷 दाई जंघा में पू ० भाद्रपद
*🌷 बाई जंघा में शतभिषा
*🌷 घुटनों में रेवती
*🌷 पिंडुली में उ ० भाद्रपद
*🌷 पैरों में भरणी .
*🌷 पैरों के नीचे अश्विनी
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🔯