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जिला उपभोक्ता मंच ने दवा विक्रेता व दवा निर्माता पर लगाया जुर्माना 2 माह में किसान को अदा करें जुर्माना

 जिला उपभोक्ता मंच ने खरपतवार नाशक दवा विक्रेता व दवा निर्माता पर लगाया जुर्माना 2 माह में किसान को अदा करें जुर्माना

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खरपतवार नाशक दवा से नष्ट हुई किसान की मूंग की फसल

आयोग ने माना आधी फसल नष्ट होना

अब दवा विक्रेता व दवा निर्माण दोनों किसान को करे नुकसान की भरपाई

आधी फसल नष्ट होने से किसान को दावाकृत राशि की आधी राशि व्याज सहित दो माह में अदा करे।
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नागौर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का निर्णय

नागौर, 12 जुलाई 2024। नागौर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने खरपतवार नाशक दवा के प्रयोग से मूंग की फसल जलकर नष्द होने के एक मामले में दवा विक्रेता एवं दवा निर्माता कम्पनी दोनों का दोषी माना है। आयोग ने इस मामले में खरपतवार दवा के प्रयोग से उपभोक्ता की आधी फसल नष्ट होना मानते हुए नुकसान पेटे पचहतर हजार रूपये ब्याज सहित देने देने का आदेश दोनों विपक्षी को दिया है।

मामले के अनुसार नागौर के इन्दास निवासी हरिराम ने उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश कर

बताया कि उसने अपने इन्दास सरहद स्थित खेत में मूंग की फसल बोई, जिसमें कचरा व

घास आदि होने पर उक्त विपक्षी के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर यूपीएल कम्पनी मुम्बई

द्वारा निर्मित एक लीटर आईरिस दवा दवा विक्रेता श्री संतोष बीज भण्डार, नागौर से

1,450/- रूपये देकर मय बिल खरीद की तथा उनके बताए अनुसार आधे खेत में छिडकाव

किया लेकिन छिडकाव के तीन बाद फसल जलने लग गई, जिससे परिवादी को नुकसान हुआ।
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इसकी शिकायत दवा विक्रेता को करने पर दवा निर्माता का व्यक्ति आया लेकिन टालमटोल करके चला गया। बाद में उसने कृषि विभाग व जिला कलक्टर को शिकायत की

तो सहायक कृषि अधिकारी ने मौका देखकर रिपोर्ट तैयार की। हल्का पटवारी एवं भू अभिलेख

निरीक्षक ने भी मौका देखकर रिपोर्ट तैयार की। उसने बताया कि इस प्रकार खरपतवार दवा

के छिडकाव से उसकी आठ बीघा में खडी मूंग की फसल जलकर नष्ट हो गई।

आयोग ने जारी किया नोटिस

मामला आयोग में आने पर आयोग ने दवा विक्रेता श्री संतोष बीज भण्डार, नागौर व दवा निर्माता कम्पनी यू.पी.एल. लिमिटेड, मुम्बई को नोटिस जारी किया। दोनों विपक्षी ने नोटिस के जवाब में परिवादी के इस कथन को अस्वीकार किया कि उसने उनके बताये निर्देशानुसार व सावधानीपूर्वक छिडकाव किया हो। उन्होंने खरपतवार दवा के छिडकाव से मूंग की फसल के जलकर नष्ट होने तथा इससे उपभोक्ता को नुकसान होने के तथ्य को भी इंकार किया।लेकिन उन्होंने श्री संतोष बीज भण्डार, नागौर द्वारा दवा विकय करना तथा यू.पी.एल. कम्पनी, मुम्बई द्वारा निर्मित होना स्वीकार किया।
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न्यायालय ने दिया फैसला

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नागौर के अध्यक्ष नरसिंह दास व्यास, सदस्य बलवीर खुडखुडिया व चन्द्रकला व्यास ने सात पेज के निर्णय में माना कि खरपतवार नाशक दवा के छिडकाव से परिवादी की आधी फसल नष्ट हुई है, जिसके परिणामस्वरूप परिवादी, दोनों अप्रार्थीगण से दावाकृत राशि 1,50,000/- रूपये की आधी राशि 75,000/- रूपये एवं इस राशि पर आयोग में परिवाद संस्थापन तिथि से वसूली तक 9 प्रतिशत सालाना व्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके साथ आयोग ने अप्रार्थीगण को आदेशित किया कि वे परिवादी मानसिक वेदना व परिवाद व्यय के पेटे पांच-पांच हजार रूपये कुल दस हजार रूपये भी अदा करें।

रिपोर्ट का अवलोकन

इस मामले में आयोग ने सहायक कृषि अधिकारी, नागौर की मौका रिपोर्ट एवं भू अभिलेख निरीक्षक नागौर व पटवारी की फर्द मौका रिपोर्ट का सावधानीपूर्वक अध्ययन एवं मनन किया जिन्होंने कमशः कृषक के खेत में मूंग की फसल जली हुई पाई जाने तथा प्रार्थी के खेत में खडी फसल मूंग में कुछ पौधे जले हुए तथा शेष हरे भरे होना बताया। आयोग ने इन दोनों रिपोर्ट का अवलम्ब लेते हुए माना कि प्रार्थी की कृषि भूमि में खडी मूंग की फसल में कुछ पौधे जले थे तथा शेष पौधे हरे भरे थे। इस तरह आयोग ने माना की परिवादी की संपूर्ण फसल नष्ट नहीं हुई बल्कि आधी फसल जलकर नष्ट हुई थी।
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