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पंचांग - 27-06-2024

 .                ।। *ॐ* ।।
   🚩💐 *सुप्रभातम्* 💐🚩
📜««« *पंचांग* »»»📜
दिनांक....27 जून 2024 गुरुवार*

jyotish

तिथी.............................षष्ठी    18:38:59 पश्चात सप्तमी*
मास...........................आषाढ़
पक्ष...............................कृष्ण
विक्रम संवत्..................2081
शक संवत्.....................1946
कलियुगाब्द....................5126
रवि..........................उत्तरायण
सूर्योदय(नागौर)..प्रातः 05:44:11 पर
सूर्यास्त (नागौर)..संध्या 07.32.16 पर
सूर्यराशि........................मिथुन
चन्द्र राशि.....    कुम्भ    till......
 28:30:47*
चन्द्र राशि......       मीन    from....
 28:30:47*
गुरु राशि........................वृषभ
नक्षत्र...... शतभिषा    11:35:39      
पश्चात पूर्वभाद्रपदा
योग...........आयुष्मान    24:26:41..... पश्चात सौभाग्य
करण..........................    गर    07:46:31पश्चात बव
ऋतु......................(शुचि) ग्रीष्म

⚜️ *ब्रह्म मुहूर्त:-04:22 ए एम से 05:02 ए एम*
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
*12:11 पी एम से 01:06 पी एम*
⚜️ *निशिता मुहूर्त:-    12:18 ए एम, जून 28 से 12:59 ए एम, जून 28*
⚜️ * प्रदोष    19:32 - 21:33    शुभ*
⚜️ *दिशा शूल :-    दक्षिण*
🚦 *दक्षिणदिशा - गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर बहुत जरूरी है, तो दही खाकर यात्रा कर सकते हैं।*
⚜️ *राहु वास    दक्षिण*
⚜️ *पंचक ²    अहोरात्र    अशुभ*

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोप 02.22 से 04.05 तक ।
☸ शुभ अंक....................5
🔯 शुभ रंग...................पीला
🔯अंक ज्योतिष के मुताबिक, गुरुवार को अंक ज्योतिष में बृहस्पति का अंक तीन का स्वामी ग्रह बृहस्पति है, जो सभी ग्रहों का स्वामी है। अंक 3 वाले लोग बहुत स्वाभिमानी होते हैं। ऐसे लोग किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करते। वे अपनी स्वतंत्रता से समझौता करना पसंद नहीं करते। ऐसे लोग साहसी, बहादुर, शक्तिशाली, दृढ़ निश्चयी, संघर्षशील और मेहनती होते हैं और कठिनाइयों का सामना करने पर हार नहीं मानते।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
    मिथुन    11°40' , 71°40'
seema

✡ *चौघडिया दिन का* :-
शुभ    05:44 - 07:28    शुभ
रोग    07:28 - 09:11    अशुभ
उद्वेग    09:11 - 10:55    अशुभ
चर    10:55 - 12:38    शुभ
लाभ    12:38 - 14:22    शुभ
अमृत    14:22 - 16:05    शुभ
काल    16:05 - 17:49    अशुभ
शुभ    17:49 - 19:32    शुभ
✡ *चौघडिया रात्रि का* :-
अमृत    19:32 - 20:49    शुभ
चर    20:49 - 22:05    शुभ
रोग    22:05 - 23:22    अशुभ
काल    23:22 - 24:38    अशुभ
लाभ    24:38 - 25:55    शुभ
उद्वेग    25:55 - 27:11    अशुभ
शुभ    27:11 - 28:28    शुभ
अमृत    28:28 - 29:45    शुभ
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📿 *आज का मंत्र* :-
गुरुवार के दिन सुबह या शाम के समय विष्णु गायत्री मंत्र
।। 'ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। '
का जाप अवश्य करें.
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (सप्तमोऽध्यायः  - ज्ञानविज्ञानयोग:) -*

⚜️ *श्री कृष्ण आगे पुष्टि करते हैं कि वे परम सत्य और सर्वोच्च अधिकारी हैं। उनमें सर्वशक्तिमानता, सर्वव्यापकता और सर्वज्ञता जैसे अनेक दिव्य गुण हैं। हालाँकि, उनकी दिव्य योगमाया शक्ति उनके अविनाशी स्वभाव और शाश्वत दिव्य रूप को छिपाती है। जो भक्त उनके प्रति समर्पित होते हैं और उनकी शरण लेते हैं, उन्हें सर्वोच्च ईश्वर, स्वयं और कर्मों के संपूर्ण क्षेत्र का दिव्य ज्ञान प्राप्त होता है।*
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⚜️ *भगवद गीता 7.1देखना "
हे अर्जुन! अब सुनो कि किस प्रकार अनन्य भाव से मुझमें मन लगाकर तथा भक्तियोग के द्वारा मुझमें शरण लेकर तुम संशयरहित होकर मुझे पूर्णतया जान सकते हो।*

⚜️ *भगवद गीता 7.2देखना "
अब मैं तुम्हें वह ज्ञान और बुद्धि पूर्ण रूप से बताऊंगा, जिसे जानने के बाद इस संसार में और कुछ भी जान जाता है।*

⚜️ *23 जून को आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है. प्रत्येक महीने में 15 दिन का कृष्ण पक्ष और 15 दिन का शुक्ल पक्ष होता है. लेकिन  इस बार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष 13 दिन का ही है. यह संयोग द्वापर युग में महाभारत युद्ध के आरंभ से  पहले बना था और दूसरी तरफ आषाढ़ माह की शुरुआत रविवार को हुई है और इसका समापन रविवार के दिन ही होगा. यह संयोग अखिल विश्व के लिए अशुभ  है. बड़ी घटनाएं प्रकृति में घटित होंगी. समाज में व्यापक स्तर पर षडयंत्र होगा।*
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 ⚜️ *इतना ही नहीं ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस नक्षत्र में देश की सरकार के विरुद्ध षडयंत्र रचने की संभावना है. जिसमें दुनिया के कई देश शामिल हो सकते हैं. इस दौरान षड्यंत्र से सावधान रहने की जरूरत है. ईष्ट देवता की ध्यान करें।*

⚜️ *धार्मिक मान्यता के मुताबिक द्वापर युग के महाभारत काल में युद्ध के दौरान 13 दिन के पक्ष में यह दुर्योग काल निर्मित हुआ था. उसे काल में भारी जनहानि और प्राकृतिक आपदा की घटना घटी थी।*

⚜️ *पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की शुरुआत बीते 23 जून से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 21 जुलाई को होगा. पंचांग के अनुसार हर माह में दो पक्ष होते हैं, जिसमें 15 दिन का शुक्ल पक्ष होता है, तो 15 दिन का कृष्ण पक्ष होता है. लेकिन इस वर्ष आषाढ़ माह में महाभारत काल के बाद ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है कि कृष्ण पक्ष 15 दिन के बजाय 13 दिन का ही होगा।*
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⚜️ *जिसे ज्योतिषीय गणना में अशुभ माना जाता है. जब ऐसी स्थिति आती है, तो इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. द्वापर युग में भी 13 दिनों का ऐसा ही अशुभ संयोग बना था. जिसके बाद महाभारत युद्ध हुआ था. इतना ही नहीं इस अद्भुत संयोग के निर्माण होने से कई तरह की जनहानि की संभावना रहती है।*

⚜️ *धार्मिक मान्यता के मुताबिक द्वापर युग के महाभारत काल में युद्ध के दौरान 13 दिन के पक्ष में यह दुर्योग काल निर्मित हुआ था. उसे काल में भारी जनहानि और प्राकृतिक आपदा की घटना घटी थी. कौरव और पांडवों के बीच में भीषण युद्ध हुआ था. तो वहीं अब इस काल में भी प्राकृतिक प्रकोप बढ़ने की आशंका  व्यक्त की जा रही है।*


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   ।। 🐚  *शुभम भवतु* 🐚 ।।
*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
🇮🇳🇮🇳 *जय श्री बंसीवाले की जय* 🚩🚩
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