*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷दिनांक ~25 जून 2024*
*🌷दिन~मंगलवार*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~आषाढ़*
*🌷पक्ष ~ शुक्ल*
*🌷तिथि ~ चतुर्थी 23:10:27 रात्रि तत्पश्चात पंचमी *
*🌷नक्षत्र ~ श्रवण 14:31:28 तत्पश्चात धनिष्ठा*
*🌷योग~ वैधृति 09:04:19 तत्पश्चात विश्कुम्भ*
*🌷करण~ बव 12:17:17 तत्पश्चात कौलव*
*🌷चन्द्र राशि मकर till 25:48:10*
*🌷चन्द्र राशि कुम्भ from 25:48:10*
*🌷सूर्य राशि ~ मिथुन*
*🌷राहु काल ~ हर जगह का अलग है- दोपहर बाद: 04:05से 05: 48पी एम तक*
*🌷सूर्योदय ~ 05:43:31*
*🌷सूर्यास्त ~ 07:32:01*
*🌷दिशा शूल ~ उत्तर दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त ~ प्रातः 04:21 से 05:02 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त ~ 12:10 पी एम से 01:06 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त~ रात्रि 12:18 जून 26 से रात्रि 12:58 जून 26 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*रोग 05:44 - 07:27 अशुभ*
*उद्वेग 07:27 - 09:11 अशुभ*
*चर 09:11 - 10:54 शुभ*
*लाभ 10:54 - 12:38 शुभ*
*अमृत 12:38 - 14:21 शुभ*
*काल 14:21 - 16:05 अशुभ*
*शुभ 16:05 - 17:48 शुभ*
*रोग 17:48 - 19:32 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*काल 19:32 - 20:49 अशुभ*
*लाभ 20:49 - 22:05 शुभ*
*उद्वेग 22:05 - 23:21 अशुभ*
*शुभ 23:21 - 24:38 शुभ*
*अमृत 24:38 - 25:54 शुभ*
*चर 25:54 - 27:11 शुभ*
*रोग 27:11 - 28:27 अशुभ*
*काल 28:27 - 29:44अशुभ*
*💐व्रत विशेष पर्व विवरण - *
*💐 चतुर्थी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए...*
व्रत में प्याज, लहसुन, चुकंदर, गाजर और कटहल का सेवन करना भी वर्जित होता है.*
*💐दान देते समय इन नियमों का करें पालन 💐*
*💐निस्वार्थ भाव से करें दान क्योंकि दुखी या द्वेष भाव से किया गया दान व्यर्थ चला जाता है। अर्जित कमाई का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए दान। इससे परिवार में बरकत बनी रहती है।*
*💐कभी-कभी दान देना भी व्यक्ति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है,अगर उसकी जन्मकुंडली में दान करने के योग न हों तो।*
*💐 खासक़र लाल किताब में ऐसे बहुत से योगों का वर्णन है,
जिनका अगर हम पालन करें तो अनेक संकटों से बच सकते हैं। इसमें यह बताया गया है कि हमें कौन-सी वस्तु दान करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए।*
*💐यदि जन्म कुंडली के साथ वर्ष फल में भी कोई ग्रह विशिष्ट रूप से आ जाए अथवा जो ग्रह व्यक्ति की जन्मकुंडली में उच्च का हो और अपने स्थायी घर में विद्यमान हो तो उस ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान उस व्यक्ति को नहीं करना चाहिए।*
*ऐसा दान देना भयंकर हानि का कारण बन सकता है।*
*💐यदि जन्मकुंडली में किसी ग्रह को उच्चत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु दान न दें।*
*💐यदि आपकी जन्मकुंडली में किसी ग्रह को नीचत्व प्राप्त है तो उस ग्रह से संबंधित कोई भी वस्तु बिना मूल्य के न लें।*
*💐सूर्य के उच्च होने पर गुड़ या गेहूं का दान नहीं करना चाहिए। एस्ट्रो गुरु आदित्य की पोस्ट
मंगल के उच्च होने पर मीठी वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐उच्च के बुध वाले व्यक्ति को कलम का दान और घड़े का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐बृहस्पति के उच्च होने पर पीली वस्तु, चने की दाल, सोना और पुस्तक का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐शुक्र के उच्च होने पर परफ्यूम व रैडीमेड कपड़ों का दान नहीं करना चाहिए।*
शनि के उच्च होने पर अंडा, मांस, तेल व काले उड़द दान नहीं करने चाहिए।*
*💐यदि आपकी जन्मकुंडली में चंद्र चतुर्थ भाव में है तो आपको कभी भी दूध, जल अथवा दवा का मूल्य नहीं लेना चाहिए।
*💐यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु सातवें भाव में हो तो आपको कभी भी कपड़े का दान नहीं करना चाहिए अन्यथा स्वयं वस्त्रहीन हो जाएंगे। अर्थात आप पर इतना अधिक आर्थिक संकट आ जाएगा कि आपके पास स्वयं के पहनने के लिए कपड़े भी नहीं बचेंगे।*
*💐यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि आठवें भाव में हो तो कभी भी भोजन, वस्त्र या जूते आदि का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐यदि सूर्य सातवें या आठवें भाव में विद्यमान हो तो जातक को सुबह-शाम दान नहीं करना चाहिए। उसके लिए विष पान के समान साबित होगा।*
*💐यदि शनि प्रथम भाव में तथा बृहस्पति पंचम भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति द्वारा तांबे का दान करने पर संतान नष्ट हो जाती है।*
*💐अष्टम भावस्थ शनि होने पर मकान बनवाना मृत्यु का कारक होता है।*
*💐जन्मकुंडली में केतु सातवें भाव में हो तो लोहे का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐जन्मकुंडली के चौथे भाव में मंगल बैठा हो तो वस्त्र का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐राहू दूसरे भाव में हो तो तेल व चिकनाई वाली चीजों का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐सूर्य-चंद्र ग्यारहवें भाव में हो तो शराब-कबाब का सेवन न करें, नहीं तो आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी।*
*💐सूर्य-बुध की युति ग्यारहवें भाव में हो तो अपने घर में किराएदार नहीं रखना चाहिए।*
*💐बुध यदि चौथे भाव में हो तो घर में तोता नहीं पालना चाहिए। यदि पालें तो माता को कष्ट होता है।*
*💐जन्मकुंडली के भाव तीन में केतु हो तो जातक को दक्षिणामुखी घर में नहीं रहना चाहिए।*
*💐यदि जन्मकुंडली के किसी भाव में बुध-शुक्र की युति हो तो गद्दे पर न सोएं।*
*💐यदि पांचवे भाव में गुरु बैठा हो तो धन का दान नहीं करना चाहिए।*
*💐एक बार भवन निर्माण शुरू हो जाए तो उसे बीच में न रोकें। अन्यथा अधूरे मकान में राहु का वास हो जाएगा।*
*💐सूर्यास्त के बाद इन चीजों को नहीं करना चाहिए दान, घर में आती है दरिद्रता
दूध-दही शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय दही, दूध दान करना अशुभ माना जाता है।दूध व दही सफेद है, जो कि चंद्र ग्रह से संबंधित है। सूर्यास्त के बाद दूध व दही के दान करने से घर से सुख और वैभव चला जाता है।दूध को मां लक्ष्मी से भी जोड़कर देखा जाता है, इसलिए सूर्यास्त के बाद दूध के दान से घर में आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है। इससे घर में दरिद्रता आने लगती है।*
*💐हल्दी*
*दूध व दही के अलावा शाम के बाद हल्दी का दान नहीं करना चाहिए, खासतौर पर गुरुवार के दिन।हल्दी का संबंध गुरु से माना जाता है।हल्दी के दान करने से गुरु कमजोर होता है, जिससे जीवन में परेशानियां आती हैं और घर में अशांति रहती है।*
*💐धन*
* सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी भी व्यक्ति को धन का दान नहीं करना चाहिए, क्योंकि शाम के समय मां लक्ष्मी का आगमन होता है।शाम के समय धन दान करने से मां लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं।इसके कारण घर में दरिद्रता आने लगती है और धन संपत्ति की कमी होने लगती है।इसी तरह सूर्यास्त के बाद प्याज और लहसुन भी दान नहीं करना चाहिए*
*💐चतुर्थी (4) नवमी (9) और चतुर्दशी (14) को नया कार्य आरंभ न करें क्योंकि यह रिक्ता तिथि होती है।"
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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