*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷दिनांक ~23 जून 2024*
*🌷दिन~ रविवार*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~ ज्येष्ठ*
*🌷पक्ष ~ शुक्ल*
*🌷तिथि ~ द्वितीया 27:25:21 तत्पश्चात तृतीया *
*🌷नक्षत्र ~ पूर्वाषाढा 17:02:37 तत्पश्चात उत्तरषाढा*
*🌷योग~ ब्रह्म 14:24:57 तत्पश्चात ऐन्द्र*
*🌷करण~ तैतुल 16:21:18 तत्पश्चात वणिज*
*🌷चन्द्र राशि धनु till 22:46:43*
*🌷चन्द्र राशि मकर from 22:46:43 *
*🌷सूर्य राशि ~ मिथुन*
*🌷राहु काल ~ हर जगह का अलग है- दोपहर बाद: 05:48 से 07:32 पी एम तक*
*🌷सूर्योदय ~ 05:42:59*
*🌷सूर्यास्त ~ 07:31:44*
*🌷दिशा शूल ~ पश्चिम दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त ~ प्रातः 04:21 से 05:01 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त ~ 12:10 पी एम से 01:05 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त~ रात्रि 12:17 जून 24 से रात्रि 12:58 जून 24 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*उद्वेग 05:43 - 07:27 अशुभ*
*चर 07:27 - 09:10 शुभ*
*लाभ 09:10 - 10:54 शुभ*
*अमृत 10:54 - 12:37 शुभ*
*काल 12:37 - 14:21 अशुभ*
*शुभ 14:21 - 16:05 शुभ*
*रोग 16:05 - 17:48 अशुभ*
*उद्वेग 17:48 - 19:32 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*शुभ 19:32 - 20:48 शुभ*
*अमृत 20:48 - 22:05 शुभ*
*चर 22:05 - 23:21 शुभ*
*रोग 23:21 - 24:37 अशुभ*
*काल 24:37 - 25:54 अशुभ*
*लाभ 25:54 - 27:10 शुभ*
*उद्वेग 27:10 - 28:27 अशुभ*
*शुभ 28:27 - 29:43 शुभ*
*🌷व्रत विशेष पर्व विवरण - *
*🌷 विष्णु सहस्रनाम मंत्र और इसके लाभ*
*🌷विष्णु सहस्रनाम एक ऐसा मंत्र है जिसमें विष्णु के हजार नामों का सम्मिश्रण है अर्थात अगर कोई व्यक्ति भगवान विष्णु के हजार नामों का जाप नहीं कर सकता है तो वह इस एक मंत्र का जाप कर सकता है। इस एक मंत्र में अथाह शक्ति छिपी हुई है जो कलयुग में सभी परेशानियों को दूर करने में सहायक है।*
🚩विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र मंत्र🚩
*🌷नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।*
*🌷सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः।।*
*🌷शैव और वैष्णवों के मध्य यह सेतु का कार्य करता है ये मंत्र*
*🌷इस मंत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हिन्दू धर्म के दो प्रमुख सम्प्रदाय शैव और वैष्णवों के मध्य यह सेतु का कार्य करता है।*
*🌷विष्णु सहस्रनाम में विष्णु को शम्भु, शिव, ईशान और रुद्र के नाम से सम्बोधित किया है, जो इस तथ्य को प्रतिपादित करता है कि शिव और विष्णु एक ही है। विष्णु सहस्रानम में प्रत्येक नाम के एक सौ अर्थ से कम नहीं हैं, इसलिए यह एक बहुत प्रकांड और शक्तिशाली मंत्र है।*
*🌷शंकराचार्य और पारसर भट्ट जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व ने इस पवित्र पाठ पर टिप्पणियां लिखी हैं।*
*🌷विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र मंत्र :-*
*🌷नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।*
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः।।*
*🌷विष्णु सहस्रनाम उद्ग्म स्रोत :-*
*विष्णु सहस्रनम की उत्पत्ति महाकाव्य महाभारत से मानी जाती है, जब पितामह भीष्म, पांडवों से घिरे मौत के बिस्तर पर अपनी मृत्यु का इंतजार कर रहे थे, उस समय युधिष्ठिर ने उनसे पूछा, "पितामह! कृपया हमें बताएं कि सभी के लिए सर्वोच्च आश्रय कौन है? जिससे व्यक्ति को शांति प्राप्त हो सके, वह नाम कोनसा है जिससे इस भवसागर से मुक्ति प्राप्त हो सके, इस सवाल के जबाब में भीष्म ने कहा की वह नाम विष्णु सहस्रनाम है।*
*🌷ज्योतिषीय लाभ :-*
*यह नकारात्मक ज्योतिषीय प्रभावों को वश में करने में मदद करता है, इनमें उन दोषों को शामिल किया जाता है जो जन्म समय की ग्रहों की खराब स्थिति से उत्पन्न होते हैं, विष्णु सहस्त्रनाम बुरी किस्मत और श्राप से दूर कर सकता है।*
*🌷अच्छा भाग्य और तकदीर:-*
जो व्यक्ति विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करता है उसका भाग्य हमेशा उसका साथ देता है।*
*🌷मनोवैज्ञानिक फायदे :-*
*इसका मनोवैज्ञानिक लाभ भी है , दैनिक विष्णु सहस्रनाम का जप करते हुए मन को काफी आराम मिलता हैं और अवांछित चिंताओं और विचलित विचारों से मुक्ति मिलती है, इससे मन में सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और कुशलता सीखने को मिलती है।महा विद्या की पोस्ट *
*🌷बाधाएं दूर होती हैं :-*
*विष्णु सहस्त्रनामम अपने जीवन में बाधाओं को दूर करने का अंतिम उपाय है, यह आपके जीवन में मौजूद महत्वपूर्ण योजनाओं को तेज़ी से और आपके रास्ते पर बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकता है, बढ़ती ऊर्जा स्तर और आत्मविश्वास के साथ, आप अपने जीवन के लक्ष्यों की ओर जल्दी और ऊर्जावान रूप से आगे बढ़ सकते हो।*
*🌷रक्षात्मक कवच*
*भगवान विष्णु का नाम दुर्भाग्य, खतरों, काला जादू, दुर्घटनाओं और बुरी नज़रों से व्यक्ति की रक्षा करने के लिए एक बहुत शक्तिशाली कवच की तरह कार्य करता है और दुश्मनों की बुरी योजनाओं से मन और शरीर की सुरक्षा करता है।*
*🌷पापों को मिटाना:-*
*यह शक्तिशाली मंत्र एक व्यक्ति को अपने सारे जन्मों में अपने सभी पापों को मुक्त करने में सहायता कर सकता है।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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