*🌷~पंचांग~🌷*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
🌷दिनांक ~22 जून 2024**🌷दिन~ शनिवार*
*🌷विक्रम संवत् ~2081*
*🌷अयन ~उत्तरायण*
*🌷ऋतु ~ग्रीष्म*
*🌷मास ~ ज्येष्ठ*
*🌷पक्ष ~ शुक्ल*
*🌷तिथि ~ पूर्णिमा 06:36:45 तिथि प्रथम
29:12:27(क्षय )*
*🌷नक्षत्र ~ मूल 17:53:15 तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*🌷योग~ शुक्ल 16:43:41 तत्पश्चात ब्रह्म*
*🌷करण~ बव 06:36:45 तत्पश्चात तैतुल*
*🌷चन्द्र राशि धनु *
*🌷सूर्य राशि ~ मिथुन*
*🌷राहु काल ~ हर जगह का अलग है- दोपहर बाद: 09:10 से 10:54 पी एम तक*
*🌷सूर्योदय ~ 05:42:45*
*🌷सूर्यास्त ~ 07:31:33*
*🌷दिशा शूल ~ पूर्व दिशा में*
*🌷ब्राह्ममुहूर्त ~ प्रातः 04:20 से 05:01 तक*
*🌷अभिजीत मुहूर्त ~ 12:09 पी एम से 01:05 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त~ रात्रि 12:17 जून 23 से रात्रि 12:57 जून 23 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*काल 05:43 - 07:26 अशुभ*
*शुभ 07:26 - 09:10 शुभ*
*रोग 09:10 - 10:54 अशुभ*
*उद्वेग 10:54 - 12:37 अशुभ*
*चर 12:37 - 14:21 शुभ*
*लाभ 14:21 - 16:04 शुभ*
*अमृत 16:04 - 17:48 शुभ*
*काल 17:48 - 19:32 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*लाभ 19:32 - 20:48 शुभ*
*उद्वेग 20:48 - 22:04 अशुभ*
*शुभ 22:04 - 23:21 शुभ*
*अमृत 23:21 - 24:37 शुभ*
*चर 24:37 - 25:54 शुभ*
*रोग 25:54 - 27:10 अशुभ*
*काल 27:10 - 28:27 अशुभ*
*लाभ 28:27 - 29:43 शुभ*
*🌷व्रत विशेष पर्व विवरण - पूर्णिमा आज भी है।*
*🌷 *इस फ़ोटो के चारों ओर तीन घेरे बने हुए हैं। जो सबसे पहला घेरा है उसमें 27 नक्षत्रों के नाम हैं और उनके पौधों के भी नाम साथ में लिखे हुए हैं।*
*दूसरे घेरे में 12 राशियों के नाम लिखे हैं और साथ में उनके पौधों के नाम भी लिखे हुए हैं।*
*तीसरे घेरे में नौ ग्रहों के नाम लिखे हैं और उनसे संबंधित पेड़ पौधों के नाम भी लिखे हुए हैं। जहाँ पर पेड़ पौधे जड़ी बूटी और वृक्ष के नाम लिखे हुए हैं तो उनमें उन नक्षत्रों का या उन राशियों का या उन ग्रहों का वास होता है।*
*यदि हम उन पेड़ पौधों जड़ी बूटियों या वृक्षों को लगाकर बड़ा करते हैं फिर उससे प्राप्त लकड़ी को हम रत्न की तरह धारण करते हैं तो हमे अतुलित लाभ प्राप्त होता है।और महंगे रत्नों की कीमत भी नहीं चुकानी पड़ती है...!*
*क्योंकि वह वृक्ष आपके हाथों से प्राप्त जल,खाद्य,मिट्टी और आपके द्वारा की गई इसकी रक्षा के भाव से बढ़ा होता है। साथ ही आपके सानिध्य की सकारात्मक ऊर्जा अवशोषित करता रहता है।इसलिए आपको निजी रूप से उसका अंश बहुत लाभ देता है...!!*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।* 🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮