*🌷~ पंचांग ~🌷*
*🌷दिनांक - 08 जून 2024*
*🌷दिन - शनिवार*
*🌷तिथि ~द्वितीया 03:54:52pm पश्चात तृतीया *
*🌷पक्ष ~ कृष्ण*
*🌷नक्षत्र~ आद्रा 19:41:19*पश्चात पुनर्वसु*
*🌷योग~ गण्ड 18:25:42 पश्चात वृद्वि*
*🌷करण~कौलव 15:54:52 पश्चात गर*
*🌷 चन्द्र राशि मिथुन*
*🌷सूर्य राशि ~वृषभ*
*🌷राहू काल 09:08- 10:51:अशुभ*
*🌷प्रदोष 19:26 - 21:28 शुभ*
*🌷सूर्योदय 05:41:13*
*🌷सूर्यास्त 19:27:18*
*🌷दिन काल 13:46:05*
*🌷रात्री काल 10:13:53*
*🌷चंद्रास्त 09:35:57 *
*🌷चंद्रोदय 06:55:28*
*🌷दिशा शूल - पूर्व में*
*🌷राहुवास - पूर्व दिशा में*
*🌷ब्रह्म मुहूर्त -04:18 ए. एम. से 04:59 ए. एम.*
*🌷अभिजित मुहूर्त- 12:07.00 to 01:02*
*🌷गोधूलि मुहूर्त 07:27 पी एम से 07:48 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त -12:14 ए एम, जून 09 से 12:55 ए एम, जून 09*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*काल 05:41 - 07:24 अशुभ*
*शुभ 07:24 - 09:08 शुभ*
*रोग 09:08 - 10:51 अशुभ*
*उद्वेग 10:51 - 12:34 अशुभ*
*चर 12:34 - 14:18 शुभ*
*लाभ 14:18 - 16:01 शुभ*
*अमृत 16:01 - 17:44 शुभ*
*काल 17:44 - 19:27 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*लाभ 19:27 - 20:44 शुभ*
*उद्वेग 20:44 - 22:01 अशुभ*
*शुभ 22:01 - 23:18 शुभ*
*अमृत 23:18 - 24:34 शुभ*
चर 24:34 - 25:51 शुभ*
*रोग 25:51 - 27:08 अशुभ*
*काल 27:08 - 28:24 अशुभ*
*लाभ 28:24 - 29:41 शुभ*
*🌷~आज का विशेष*
*🌷~एक विशेषज्ञ वास्तु सलाहकार के रूप में, आपके कार्य में समृद्धि, शांति, स्वास्थ्य और सफलता को बढ़ाने के लिए घर या कार्यस्थल के तत्वों का आकलन और संतुलन शामिल है।*
*🌷~ वास्तु शास्त्र, वास्तुकला और अंतरिक्ष सामंजस्य का प्राचीन भारतीय विज्ञान, पांच तत्वों: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष (आकाश) के उचित संरेखण और संतुलन पर निर्भर करता है। वास्तु दोष (असंतुलन) को ठीक करने के लिए आपके कार्य , उपकरण और उपचार के लिए एक मार्गदर्शिका नीचे दी गई है*
*🌷~वास्तु सलाहकार से परामर्श*
*ग्राहक की विशिष्ट चिंताओं और उद्देश्यों पर चर्चा करें।*
*वास्तुशिल्प लेआउट और मौजूदा स्थितियों की समीक्षा करें।*
*🌷~कार्यस्थल आंकलन:*
*स्थान की दिशा, लेआउट और आसपास के वातावरण का निरीक्षण करने के लिए उस स्थान पर जाएँ।*
*🌷~पांच तत्वों के आधार पर वास्तु दोष (असंतुलन) की पहचान करें।*
*🌷~ विश्लेषण और योजना:*
*साइट का विश्लेषण करने और समस्या क्षेत्रों की पहचान करने के लिए वास्तु सिद्धांतों का उपयोग करें।*
*🌷~तत्वों को संतुलित करने और दोषों को ठीक करने के लिए एक योजना विकसित करें।*
*🌷~उपायों का कार्यान्वयन:*
*तत्वों को संतुलित करने के लिए विशिष्ट वास्तु उपाय सुझाएं और लागू करें।*
*🌷~ संरचनात्मक परिवर्तन, वस्तुओं के स्थान और अन्य सुधारात्मक उपायों पर मार्गदर्शन करें।*
*उपचारों की प्रभावशीलता की निगरानी के लिए नियमित रूप से संपर्क करें।*
*आवश्यकतानुसार निरंतर सहायता और समायोजन प्रदान करें।*
*🌷~वास्तु दोष निवारण के लिए प्रयुक्त उपकरण:*
*🌷~दिशा सूचक यंत्र:*
* भवन और कमरों की सटीक दिशा निर्धारित करने के लिए आवश्यक।*
*🌷~वास्तु यंत्र:*
*पवित्र ज्यामितीय आरेखों का उपयोग असंतुलन को ठीक करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए किया जाता है।*
*🌷~क्रिस्टल और रत्न:*
*सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और नकारात्मक प्रभावों का प्रतिकार करने के लिए उपयोग किया जाता है।*
*🌷~ऊर्जा स्कैनर और डाउज़िंग रॉड्स:*
*🌷~सूक्ष्म ऊर्जा क्षेत्रों और असंतुलन का पता लगाने के लिए उपकरण।*
*🌷~वास्तु पिरामिड:*
*ऊर्जा प्रवाह को सही करने और सकारात्मक कंपन को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।*
*🌷~नमक लैंप और हिमालयन नमक:*
*🌷~नकारात्मक ऊर्जाओं को अवशोषित करके पर्यावरण को शुद्ध करें।*
*तत्वों को संतुलित करने के उपाय:*
*🌷~पृथ्वी तत्व (पृथ्वी):*
*महत्व: स्थिरता, ग्राउंडिंग और समर्थन।*
*स्थान: दक्षिणपश्चिम.*
*उपाय:*
*दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में भारी फर्नीचर और भंडारण इकाइयों का प्रयोग करें।*
*भूरे, पीले और बेज जैसे मिट्टी के रंगों को शामिल करें।
ऊर्जा को स्थिर करने के लिए क्रिस्टल या रत्न रखें।*
*🌷~जल तत्व (जल):*
*महत्व: शुद्धता, स्पष्टता और तरलता।*
*स्थान: पूर्वोत्तर*
*🌷~उपाय:*
*उत्तर-पूर्व में फव्वारा या एक्वेरियम जैसी पानी की सुविधा रखें।*
*इस क्षेत्र में नीले या एक्वा रंग का प्रयोग करें।*
*🌷~ऊर्जा के मुक्त प्रवाह की अनुमति देने के लिए क्षेत्र को साफ और अव्यवस्था मुक्त रखें।
*अग्नि तत्व (अग्नि):*
*महत्व: ऊर्जा, शक्ति और परिवर्तन।*
*स्थान: दक्षिणपूर्व.*
*उपाय:*
*रसोईघर या चिमनी को दक्षिण-पूर्व में रखें।*
*लाल, नारंगी और गुलाबी जैसे चमकीले रंगों का प्रयोग करें।
क्षेत्र को अच्छी तरह से प्रकाशित और जल तत्वों से मुक्त रखें।
वायु तत्व (वायु):*
* महत्व: आंदोलन, संचार और विकास।*
*स्थान: उत्तरपश्चिम.*
*🌷~उपाय:*
*उत्तर-पश्चिम में उचित वेंटिलेशन और वायु संचार सुनिश्चित करें।
वायु प्रवाह को बढ़ाने के लिए विंड चाइम्स या घंटियों का उपयोग करें।*
*सफेद, हल्का नीला या हल्का हरा जैसे हल्के पेस्टल रंग शामिल करें।
*🌷~अंतरिक्ष तत्व (आकाश):*
*महत्व: विस्तार, खुलापन और स्वतंत्रता।*
*स्थान: केंद्र.*
*🌷~उपाय:*
*घर के मध्य क्षेत्र को खुला और अव्यवस्था मुक्त रखें।स्थान और खुलेपन की भावना पैदा करने के लिए दर्पण का उपयोग करें।*
*🌷~इस क्षेत्र में हल्के रंग शामिल करें और भारी फर्नीचर से बचें।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के सुझाव:*
*🌷~नियमित सफ़ाई:*
*🌷~पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए नियमित रूप से धूप, ऋषि या कपूर से स्थान की सफाई करें।
खारे पानी का उपचार:*
*🌷~नकारात्मक ऊर्जा को सोखने के लिए घर के अलग-अलग कोनों में नमक के पानी के कटोरे रखें। पानी नियमित रूप से बदलें।
ध्वनि चिकित्सा:*
*🌷~रुकी हुई ऊर्जा को तोड़ने और सकारात्मक कंपन को आमंत्रित करने के लिए घंटियाँ, झंकार या गायन कटोरे का उपयोग करें।
प्रकाश और वेंटिलेशन:*
*🌷~स्वस्थ ऊर्जा प्रवाह बनाए रखने के लिए पूरे घर में उचित रोशनी और वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
पवित्र प्रतीक और देवता:*
*🌷~दैवीय आशीर्वाद और सुरक्षा को आकर्षित करने के लिए शुभ स्थानों पर पवित्र प्रतीकों, मूर्तियों या देवताओं की तस्वीरें रखें।
घरों के भीतर लगाए जाने वाले पौधे:*
*🌷~हवा की गुणवत्ता बढ़ाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए इनडोर पौधों का उपयोग करें।*
*🌷~इन सिद्धांतों और उपकरणों को अपने अभ्यास में शामिल करके, आप ग्राहकों को एक सामंजस्यपूर्ण और संतुलित जीवन वातावरण प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार पांच तत्वों के उचित संरेखण और संतुलन से बेहतर स्वास्थ्य, समृद्धि, शांति और समग्र कल्याण हो सकता है। एक वास्तु सलाहकार के रूप में आपकी विशेषज्ञता ग्राहकों को उनके स्थान और जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने में मार्गदर्शन करेगी।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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