*🌷~ पंचांग ~🌷*
*🌷दिनांक - 04 जून 2024*
*🌷दिन - मंगलवार*
*🌷तिथि ~ तिथि त्रयोदशी 22:00:31 पश्चात चतुर्दशी *
*🌷पक्ष ~ कृष्ण*
*🌷नक्षत्र~ भरणी 22:33:49*पश्चात कृत्तिका*
*🌷योग शोभन 06:10:20 पश्चात सुकर्मा*
*🌷करण गर 11:08:14 पश्चात विष्टि भद्र*
*🌷 चन्द्र राशि मेष till 28:12:50* from
*🌷 चन्द्र राशि वृषभ 28:12:50*
*🌷सूर्य राशि ~ वृषभ*
*🌷राहू काल 03:59- 05:42:अशुभ*
*🌷प्रदोष 19:25 - 21:26 शुभ*
*🌷सूर्योदय 05:41:29*
*🌷सूर्यास्त 19:25:35*
*🌷दिन काल 13:44:05*
*🌷रात्री काल 10:15:48*
*🌷चंद्रास्त 17:22:05 *
*🌷चंद्रोदय 28:15:3*
*🌷दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🌷राहुवास - पश्चिम दिशा में*
*🌷ब्रह्म मुहूर्त -04:18 ए. एम. से 04:59 ए. एम.*
*🌷अभिजित मुहूर्त- 12:06.00 to 01:01*
*🌷गोधूलि मुहूर्त 07:26 पी एम से 07:46 पी एम*
*🌷निशिता मुहूर्त -12:13 ए एम, जून 03 से 12:54 ए एम, जून 05*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*रोग 05:41 - 07:25 अशुभ*
*उद्वेग 07:25 - 09:08 अशुभ*
*चर 09:08 - 10:51 शुभ*
*लाभ 10:51 - 12:34 शुभ*
*अमृत 12:34 - 14:17 शुभ*
*काल 14:17 - 15:59 अशुभ*
*शुभ 15:59 - 17:43 शुभ*
*रोग 17:43 - 19:26 अशुभ*
*🌷~चोघडिया,रात~🌷*
*काल 19:26 - 20:43 अशुभ*
*लाभ 20:43 - 21:59 शुभ*
*उद्वेग 21:59 - 23:17 अशुभ*
*शुभ 23:17 - 24:33 शुभ*
*अमृत 24:33 - 25:50 शुभ*
*चर 25:50 - 27:07 शुभ*
*रोग 27:07 - 28:24 अशुभ
*काल 28:24 - 29:41 अशुभ*
*🌷~आज का विशेष*
*🌷~पंचांग की तेरहवीं तिथि को त्रयोदशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली त्रयोदशी को कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और अमावस्या के बाद आने वाली त्रयोदशी को शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी कहते हैं।*
*🌷 4 जून को ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और मंगलवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि मंगलवार रात 10 बजकर 2 मिनट तक रहेगी। 4 जून को रात 10:22 बजकर 31 मिनट तक भरणी नक्षत्र रहेगा। साथ ही मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत किया जाएगा।*
*🌷भौम का अर्थ होता है मंगल और मंगलवार के दिन पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव और हनुमान की पूजा का महत्व बताया गया है. शिव की उपासना से जीवन खुशहाल और हनुमान की पूजा से शत्रुओं का विनाश होता है।*
*🌷ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है इस वर्ष चार बड़ा मंगल है।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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