*योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं*
नागौर,20 जून/योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अधिकारी नागौर डॉ सुनिता बाजिया ने बताया कि दसवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जा रहा है दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम "स्वयं एवं समाज के लिए योग "`रखी गई है जो कि जाहिर करती है कि योग ने केवल स्वयं के लिए है बल्कि समाज के लिए फ़ायदेमंद है। व्यक्ति का खानपान ,आचार -विचार तथा व्यक्तित्व पर गहन प्रभाव पड़ता है समाज में आदतों,सदाचरण ,खान-पान आदि से व्यक्ति प्रभावित होता है इसी प्रकार योग अभ्यास यदि परिवार से शुरु किया जाएं तो समाज और समाज से देश को स्वस्थ एवं निरोगी बनाने का प्रयास सार्थक सिद्ध हो पाएगा ।
योग के नियमित अभ्यास से हम स्वयं तो स्वस्थ रह ही हैं साथ -साथ स्वास्थ्य के प्रति समाज को भी जागरूक रख सकते हैं एवं स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं ।योग हमारे तन- मन -आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। दिनचर्या में योग को शामिल करना अति आवश्यक है ।योग हमारे मन की एकाग्रता को बढ़ाता है एवं हमारे शरीर के संतुलन प्रदान करता है तथा सकारात्मक सोच प्रदान करता है ।किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के उत्थान के लिए नियमित योग अति आवश्यक है।
योग:कर्मसु कौशलम्" अर्थात कर्म की कुशलता ही योग है ।योग को मुख्य रूप से आठ अंग है यम,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा ,ध्यान, समाधि। यम- सामाजिक स्वास्थ्य ,आसन व प्राणायाम -शारीरिक स्वास्थ्य ,प्रत्याहार व नियम- मानसिक स्वास्थ्य ,तथा धारणा व ध्यान -आध्यात्मिक स्वास्थ्य का विकास करते हैं।