*🌷~ पंचांग ~🌷*
*🌷दिनांक - 28 मई 2024*
*🌷दिन - मंगलवार*
*🌷तिथि ~ पंचमी 03:23:09 pm पश्चात षष्ठी*
*🌷पक्ष कृष्ण*
*🌷नक्षत्र उत्तराषाढा 09:32:24पश्चात श्रवण*
*🌷योग ब्रह्म 26:04:50 पश्चात ऐन्द्र*
*🌷करण तैतुल 15:23:09 पश्चात वणिज*
*🌷 चन्द्र राशि~ मकर*
*🌷सूर्य राशि ~ वृषभ*
*🌷राहू काल 03:57- 05:40अशुभ*
*🌷प्रदोष 19:21 - 21:23 शुभ*
*🌷सूर्योदय 05:42:48 *
*🌷सूर्यास्त 19:22:11*
*🌷दिन काल 13:39:23*
*🌷रात्री काल 10:20:21*
*🌷चंद्रास्त 09:49:27 *
*🌷चंद्रोदय 23:59:18*
*🌷दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🌷राहुवास - पश्चिम दिशा में*
*🌷ब्रह्म मुहूर्त -04:19 ए. एम. से 05:01 ए. एम.*
*🌷अभिजित मुहूर्त- 12:05 पी. एम. से 1:00 पी. एम.*
*🌷गोधूलि मुहूर्त 07:22 पी एम से 07:43 पी एम *
*🌷निशिता मुहूर्त -12:12 ए एम, मई 29 से 12:53 ए एम, मई 29*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*रोग 05:43 - 07:25 अशुभ
*उद्वेग 07:25 - 09:08 अशुभ*
*चर 09:08 - 10:50 शुभ*
*लाभ 10:50 - 12:32 शुभ*
*अमृत 12:32 - 14:15 शुभ*
*काल 14:15 - 15:57 अशुभ*
*शुभ 15:57 - 17:40 शुभ*
*रोग 17:40 - 19:22 अशुभ*
*🌷~चोघडिया, रात~🌷*
*काल 19:22 - 20:40 अशुभ*
*लाभ 20:40 - 21:57 शुभ*
*उद्वेग 21:57 - 23:15 अशुभ*
*शुभ 23:15 - 24:32 शुभ*
*अमृत 24:32 - 25:50 शुभ*
*चर 25:50 - 27:07 शुभ*
*रोग 27:07 - 28:25 अशुभ*
*काल 28:25 - 29:43 अशुभ*
*🌷नौतपा काल चालू है जानिए क्यों तपते हैं यह 9 दिन🌷*
*🌷साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है।*
*🌷यह नक्षत्र 15 दिन रहता है लेकिन शुरू के पहले चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह दिन नौतपा कहलाते हैं।*
*🌷इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है।*
*🌷मई माह के अंतिम सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है।*
*🌷इससे धूप और तीखी हो जाती है। नक्षत्रों के काल गणना को आधार मानने वाले प्राचीन ज्योतिष मत में परस्पर सांमजस्य बिठाने का प्रयास कर रहे हैं।*
*🌷नवतपा के संबंध में कहा जाता है कि*
*🌷ज्येष्ठ मासे सीत पक्षे आर्द्रादि दशतारका।*
*🌷सजला निर्जला ज्ञेया निर्जला सजलास्तथा।।*
*🌷ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आद्रा नक्षत्र से लेकर दस नक्षत्रों तक यदि बारिश हो तो वर्षा ऋतु में इन दसों नक्षत्रों में वर्षा नहीं होती, यदि इन्हीं नक्षत्रों में तीव्र गर्मी पड़े तो वर्षा अच्छी होती है।*
*🌷भारतीय ज्योतिष में नवतपा को परिभाषित कर लिया गया है,*
*🌷चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो एवं तीव्र गर्मी पड़े, तो वह नवतपा है।*
*🌷भारत में ऐसे बहुत लोगों का मानना है कि सूर्य वृष राशि में ही पृथ्वी पर आग बरसाता है और*
*🌷खगोल शास्त्र के अनुसार वृषभ तारामण्डल में यह नक्षत्र हैं कृतिका, रोहिणी और मृगशिरा*
*(वृषभो बहुलाशेषं रोहिण्योऽर्धम् च मृगशिरसः)*
*🌷जिसमें कृतिका सूर्य, रोहिणी चंद्र, मृगशिरा मंगल अधिकार वाले नक्षत्र हैं इन तीनों नक्षत्रों में स्थित सूर्य गरमी ज्यादा देता है।*
*🌷अब प्रश्न यह कि इन तीनों नक्षत्रों में सर्वाधिक गरम नक्षत्र अवधि कौन होगा*
*🌷 इसके पीछे खगोलीय आधार है इस अवधि मे सौर क्रांतिवृत्त में शीत प्रकृति रोहिणी नक्षत्र सबसे नजदीक का नक्षत्र होता है।*
*🌷जिसके कारण सूर्य गति पथ में इस नक्षत्र पर आने से सौर आंधियों में वृद्धि होना स्वाभाविक है*
*🌷 इसी कारण परिस्थितिजन्य सिद्धांत कहता है कि जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में आता है उसके बाद के नव चंद्र नक्षत्रों का दिन नवतपा है।*
*🌷ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार नौतपा में अधिक गर्मी पड़ना अच्छी बारिश होने का संकेत माना जाता है।*
*🌷अगर नौतपा में गर्मी ठीक न पड़े, तो अच्छी बारिश के आसार कम हो जाते हैं।*
*🌷शनि मंगल की स्थिति जल तत्व में होने से कहीं-कहीं बादल फटने के समाचार भी मिलेंगे।*
*🌷कहीं वर्षा से जन-धन की हानि के योग भी बनते हैं। मंगल जल तत्व की राशि वृश्चिक में होने से मंगल का अग्नि तत्व प्रभाव नष्ट होकर सौम्य असर देगा। इसी कारण वर्षा के योग उत्तम हैं।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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