*🌷~ पंचांग ~🌷*
*🌷दिनांक - 27 मई 2024*
*🌷दिन - सोमवार*
*🌷तिथि ~ चतुर्थी04:53:04pm पश्चात पंचमी*
*🌷पक्ष शुक्ल*
*🌷नक्षत्र पूर्वाषाढा 10:12:37पश्चात उत्तराषाढा*
*🌷योग योग शुभ 06:35:32 पश्चात ब्रह्म*
*🌷करण बालव 16:53:03 पश्चात तैतुल*
*🌷चन्द्र राशि धनु till 16:04:07*
*🌷चन्द्र राशि मकर from 16:04:07*
*🌷सूर्य राशि ~ वृषभ*
*🌷राहू काल 05:39- 07:21अशुभ*
*🌷प्रदोष 19:21 - 21:23 शुभ*
*🌷सूर्योदय 05:43:04 *
*🌷सूर्यास्त 19:21:40*
*🌷दिन काल 13:38:35*
*🌷रात्री काल 10:21:07*
*🌷चंद्रास्त 08:43:38 *
*🌷चंद्रोदय 23:14:19*
*🌷दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🌷राहुवास - उत्तरपश्चिम दिशा में*
*🌷ब्रह्म मुहूर्त -04:19 ए. एम. से 05:01 ए. एम.*
*🌷अभिजित मुहूर्त- 12:05 पी. एम. से 1:00 पी. एम.*
*🌷गोधूलि मुहूर्त 07:22 पी एम से 07:42 पी एम *
*🌷निशिता मुहूर्त -12:12 ए एम, मई 28 से 12:53 ए एम, मई 28*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*अमृत 05:43 - 07:25 शुभ*
*काल 07:25 - 09:08 अशुभ*
*शुभ 09:08 - 10:50 शुभ*
*रोग 10:50 - 12:32 अशुभ*
*उद्वेग 12:32 - 14:15 अशुभ*
*चर 14:15 - 15:57 शुभ*
*लाभ 15:57 - 17:39 शुभ*
*अमृत 17:39 - 19:22 शुभ*
*🌷~चोघडिया, रात~🌷*
*चर 19:22 - 20:39 शुभ*
*रोग 20:39 - 21:57 अशुभ*
*काल 21:57 - 23:15 अशुभ*
*लाभ 23:15 - 24:32 शुभ*
*उद्वेग 24:32 - 25:50 अशुभ*
*शुभ 25:50 - 27:08 शुभ*
*अमृत 27:08 - 28:25 शुभ*
*चर 28:25 - 29:43 शुभ*
*🌷ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के सरल उपाय🌷*
*🌷 1. सूर्य : सूर्य पिता, आत्मा, सम्मान, यश, कीर्ति, प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा का कारक होता है |*
*🌷इसकी राशि है सिंह |
कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आँख, हृदय का रोग हो सकता है।*
तथा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है।*
*🌷अपयश, मनं का दुखी होना, पिता से विवाद या वैचारिक मतभेद,
*🌷सूर्य के पीड़ित होने के सूचक है |*
*🌷उपाय : ऐसे में भगवान राम की आराधना करे | आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करे, सूर्य को आर्घ्य दे, गायत्री मंत्र का जाप करे |*
*🌷ताँबा, गेहूँ एवं गुड का दान करें। ताबें के एक टुकड़े को काटकर उसके दो भाग करें। एक को पानी में बहा दें तथा दूसरे को जीवन भर साथ रखें। ॐ घृणी सूर्याय नमः १०८ बार जाप करे|*
*🌷~*ज्योतिष शास्त्र से बीमारी*
*सब से पहले लग्न,लग्नेश की स्थिति साथचन्द्र,सूर्य का आकलन जरूर देखना होगा*
*रोग भाव के स्वामी साथ उसपर प्रभावित ग्रह की स्थिति भी देखनी होगी*
*जब भी लग्नेश,और सूर्य मजबूत हो तोह जातक मनोबल से बीमारी को दूर करेगा, या आसानी से सहन कर लेगा*
*जलतत्वीय प्रधान लग्न, साथ लग्नेश भी उसके संपर्क से हो तोह इम्युनिटी साथ मानशिकता कमजोर होती है*
*जो छोटी बीमारी बड़े रूप दे देती है*
*अग्निप्रधान और पृथिवितत्व से बीमारी को सहने की शक्ति, ऊर्जा, और इम्युनिटी अच्छी होती है* *जबकि वायुप्रधान* *लग्न,लग्नेश को सोचना ज्यादा जिसके कारण स्ट्रैस और बीमारी का आगमन होता है*
*मानसिकता भी चंद्र की राशि आधरित देखी जाएगी*
*जब भी चंद्र शुभ,ग्रह साथ द्रष्टि से भी तो जातक ज्यादा इमोशनल होने से रोग को बड़ा रूप देता है*
*इसलिए रोज रोग को देखने हेतु और प्रैक्टिकल निरयण लेने हेतु Dr की कुन्डली मैं चंद्र पाप प्रभावित होता है*
*रोग की स्थिति और बीमारी का रूप 6,8 की Dasa दर्शाएगी*
*और ठीक होने की सम्भवना 5,9 की Dasa दर्शाएगी*
ये कुछ जनरल नियंम है, आगे कुंडली की स्थिति पर निर्धारित होगा।
*6 th पर बैठे ग्रह किस तरह ठीक हो पाए वो भी दर्शाता है*
गुरु/शनि आयुर्वेदिक
सूर्य/मंगल ऐलोपैथिक
शुक/चंद्र होमेओपेथी
बुध ज्यादातर घरेलू दवाइया दर्शता है
राहु कभी भी रोग का निदान सही नही देता
जब कि केतु दाहजन बढ़ाता है।
6थ भाव मंगल किसी भी राशि का हो जातक को हाई बीपी की बीमारी दे जाता है।
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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