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पंचांग - 06-05-2024

 *🌷~ पंचांग~🌷*

*🌷~ तिथि    त्रयोदशी    02:39:42*
पक्ष    कृष्ण तत्पश्चात चतुर्दशी*
 *🌷~नक्षत्र     रेवती    05:42:10 तत्पश्चात अश्विनी*
 *🌷~योग    प्रीति    24:27:23तत्पश्चात सौभाग्य*
 *🌷~    करण    वणिज    14:39:43*
 *🌷~करण    तैतुल    17:41:29*
 *🌷~करण    चतुष्पद    22:13:45*
 *🌷~चन्द्र राशि       मेष*
 *🌷~सूर्य राशि       मेष*
 *🌷~रितु    ग्रीष्म*
 *🌷~आयन    उत्तरायण*
 *🌷~संवत्सर    क्रोधी*
 *🌷~संवत्सर (उत्तर)    कालयुक्त*
 *🌷~विक्रम संवत    2081*
 *🌷~गुजराती संवत    2080*
 *🌷~शक संवत    1946*
कलि संवत    5125*
 *🌷~राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 07:33 से शाम 09:13 तक*
 *🌷~ सूर्योदय    05:53:43*
 *🌷~    सूर्यास्त    19:10:01*
*🌷~दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🌷~राहु वास    उत्तर-पश्चिम*
*🌷~ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:27 से 05:10 तक*
*🌷~अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:05 से दोपहर 12:58 तक*
*🌷~निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:10 मई 06 से रात्रि 12:53  मई 06 तक*
*🌷~व्रत पर्व विवरण- मासिक शिवरात्रि*
*🌷~विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
 *🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*अमृत    05:54 - 07:33    शुभ*
*काल    07:33 - 09:13    अशुभ
*शुभ    09:13 - 10:52    शुभ*
*रोग    10:52 - 12:32    अशुभ*
*उद्वेग    12:32 - 14:11    अशुभ*
*चर    14:11 - 15:51    शुभ*
*लाभ    15:51 - 17:30    शुभ*
*अमृत    17:30 - 19:10    शुभ*

  *🌷~चोघडिया, रात~🌷*
*चर    19:10 - 20:30    शुभ*
*रोग    20:30 - 21:51    अशुभ*
*काल    21:51 - 23:11    अशुभ*
*लाभ    23:11 - 24:32    शुभ*
*उद्वेग    24:32 - 25:52    अशुभ*
*शुभ    25:52 - 27:12    शुभ*
*अमृत    27:12 - 28:33    शुभ*
*चर    28:33 - 29:53    शुभ*

kundli


  *🌷~ज्योतिष/धर्म/अध्यात्म इनसान के अन्दर सब्र,सन्तोष का पालन करवाते हैं और यह बताते हैं कि उसके जीवन में आज जो कष्ट है वह ग्रह के कारण है। कुछ समय बाद जन्मकुंडली के शुभ और अच्छे ग्रह के समय आयेंगे और आपकी सब परेशानी दूर हो जायेगी।*
  *🌷~समय एक जैसा नहीं रहता है।जो कष्ट परेशानी है यह कुछ समय तक ही है। इससे जातक आगे की आशा पर उस कष्ट को भोग लेता है और आने वाले अच्छे समय की तैयारी करता है। अपना अच्छा, बुरा, लाभ, हानि परमात्मा पर छोड़ देता है।*
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  *🌷~ रामायण में कहा है:*

 सुनहु भरत भावी प्रबल विलखि कहत मुनि नाथ I
हानि लाभ जीवन मरन यश अपयश विधि हाथ II*

*यह श्लोक उस समय का है जब भगवान राम वनवास चले जाते हैं और राजा दशरथ की मौत हो जाती है। जब भरत जी बहुत दु:खी होते हैं तब उनके गुरु बताते हैं कि इस संसार में जो कुछ यश/अपयश, लाभ-हानि हो रहा है वह विधि की आज्ञा से हो रहा है। इसलिए जातक अपने जीवन में अच्छा काम करता जाये, बुरे समय, बुरी परिस्थितियों से न घबराये। इससे यह पता चलता है कि जातक जितना प्रकृति के निकट होगा उतने ही सरल स्वभाव का होगा। ईर्ष्या, क्रोध कम करेगा। उतना खुशहाल होता जायेगा।*
 
*🌷~इससे यह पता चलता है कि जातक जितना प्रकृति के निकट होगा उतने ही सरल स्वभाव का होगा। ईर्ष्या, क्रोध कम करेगा। उतना खुशहाल होता जायेगा।त्रिपुर सुंदरी ज्योतिष*
  *🌷~अपने भाग्य को ठीक रखने के लिये सूर्योदय से एक घन्टा पहले सोकर उठना चाहिए। जिससे सूर्य की पहली किरण आपके घर पर जब आये, तब तक आपके घर में साफ-सफाई हो चुकी हो। ऐसी सूर्य की किरण आपके लिए यश/स्वास्थ्य और धन लेकर आयेगी।*
  *🌷~सूर्योदय के पहले उठने तथा नहा लेने से ग्रहों का राजा सूर्य कुण्डली में अच्छा फल देना शुरू कर देता है और जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद में उठता है उसका सूर्य खराब हो जाता है।*                           
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*

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