बुद्ध के मार्ग से ही मानव कल्याण संभव - रेटा
नागौर में भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसके बौद्ध विचारक सहित दलित चिंतक शामिल हुए। कार्यक्रम में ग्रामीणों के बीच वक्ताओं ने भगवान बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला साथ ही संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर के बौद्ध धर्म पर विचारो पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भंवर सिंह रेटा ने कहा कि सदियों से भगवान बुद्ध ने मानवता का मार्गदर्शन किया है। भगवान बुद्ध को ना सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों ने हमसे ज्यादा माना है।
आगे सिंह ने कहा कि जो भी व्यक्ति दलित और पिछड़ों के अधिकारों की बात करता है वह भगवान बुद्ध और उनके सिदांतो के सबसे ज्यादा नजदीक है। दलित चिंतक मुकेश मेघवाल ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद भगवान बुद्ध के विचार सदियों बाद फिर से प्रासंगिक हो गए और भगवान बुद्ध के अनुयायी सबसे ज्यादा बाबा साहब के सिदांतो पर चलने वाले लोग हैं। दलित नेता बजरंग खुड़ीवाल ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म भले राजमहल में हुआ लेकिन उन्हें वंचित लोगों की पीड़ा को महसूस किया। अगर भगवान के बुद्ध के विचारों को इतिहास में किसी ने ठीक से आत्मसात किया है तो वे भीमराव अंबेडकर थे। इस दौरान अनेक वक्ताओं ने बुद्ध और अंबेडकर के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मंच का संचालन संदेश पंवार ने किया कार्यक्रम में नागौर जिले से खीवसर मेघवाल समाज अध्यक्ष अर्जुन खाडंपा छोटू राम जी नायक , शिवनारायण मेघवाल, भागीरथ आखला, कुशाल कटारिया ,सीताराम खेरवाल सहित बहुजन समाज के लोग मौजूद रहे