राम के जीवन से हम बहुत शिक्षा प्राप्त होती है
आज आर्य समाज भवन में दूसरे दिन वैदिक राम कथा व यजुर्वेद पारायण महायज्ञ पर बोलते हुए आचार्या विदुषी अमृता आर्या ने कहा कि हमारी भारतीय सनातन संस्कृति में राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम इसलिए कहलाये की, राम के जीवन से हम बहुत शिक्षा प्राप्त होती है माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए, भाई के साथ भाई का व्यावहार कैसा होना चाहिए, पति-पत्नी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए और मित्रता श्री राम और सुग्रीव जैसी होनी चाहिए ।
भरतपुर से पधारे मुनी श्रीनिवास ने यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा कि यज्ञ से ही इस मनुष्य जीवन का पालन होता है ,यज्ञ से ही सब देवो का पूजन किया जाता है ।पृथ्वी ,जलवायु ,अग्नि यज्ञ से पवित्र होते हैं और यह पवित्र होते हैं, तो यह हमें सुख देने वाले होते है। और यह अपवित्र होते हैं तो हमें दुख देने वाले हो जाते हैं इसलिए हमारे जीवन में यज्ञ का बहुत महत्व है।
आज हवन वैदी में निम्न यजमान जोड़ों ने वैदिक मित्रों के साथ आहुतियां दी । गणपत राम चौधरी गीता, नंद किशोर शारदा, पुरुषोत्तम शारदा, सीताराम मीरा, मियालाराम फौजी सरस्वती, रामकुमार चौधरी सरिता, पवन जोशी वीणा, हनुमान डीडवाना ,भूराराम बडू ,गजेंद्र जी कुचेरा, मोहन तंवरा, नागरमल वेद कुचामन, बिरमाराम दुजार, हेमाराम बिचवा, कुशल बिल्लू ,रामेश्वर लाल कुचेरा, सरवन चिंतना, अमृतलाल जावरा ,हनुमान तंवरा, भोपाराम तंवरा, कैलाश जोधपुर, पदम सिंह जोधपुर, रतन सिंह, द्वारका प्रसाद सोनी वासुदेव अग्रवाल ,चन्द्रप्रकाशजी अग्रवाल ।
सभी यजमान जोड़ो, पधारे हुए आर्यजनों व मातृशक्ति को आर्यसमाज प्रधान सीताराम तांन्डी ने साधूवाद दिया ।