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पंचांग - 27-04-2024

 *🌷~पंचांग~🌷*
  *🌷 विक्रमसंवत्~2081🌷*

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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🌷27 अप्रैल 2024 गुरुवार🌷
* *🌷~मास~वैशाख कृष्ण पक्ष*
*🌷~रितु~ ग्रीष्म*
*🌷~आयन~    उत्तरायण*
*🌷~संवत्सर     क्रोधी (उत्तर)    कालयुक्त*
*🌷~गुजराती संवत    2080*
*🌷~शक संवत    1946*
*🌷~कलि संवत    5125*
*🌷~सौर प्रविष्टे    2, वैशाख    *
*🌷~नागौर(राजस्थान), भारत*
*🌷~  कृष्ण पक्ष, *
*🌷~तिथि~वैशाख कृष्ण पक्ष, तृतीया    सुबह 8:17:27 पश्चात चतुर्थी*
*🌷~नक्षत्र     ज्येष्ठा    28:27:03 तत्पश्चात मूल*
*🌷~  योग  परिघ     03:22:21 पश्चात शिव*
*🌷~करण    विष्टि भद्र    08:17:27पश्चात बालव*
*🌷~चन्द्र राशि       वृश्चिक    till 28:27:03*
*🌷~चन्द्र राशि       धनु    from 28:27:03*
*🌷~सूर्य राशि       मेष
*🌷~सूर्योदय    06:00:45*    
*🌷~सूर्यास्त    07:04:57*
*🌷~राहू काल    09:17 - 10:55 अशुभ*
*🌷~दिशा शूल    ~पूर्व *
*🌷~राहु वास    ~पूर्व*
*🌷~ब्रह्म मुहूर्त    04:32 ए एम से 05:16 ए एम*
*🌷~अभिजित मुहूर्त    12:07 पी एम से 12:59 पी एम*
*🌷~निशिता मुहूर्त    12:11 ए एम, अप्रैल 27 से 12:54 ए एम, अप्रैल 28*

    *❣️चोघडिया, दिन❣️*
*काल    06:01 - 07:39    अशुभ*
*शुभ    07:39 - 09:17    शुभ*
*रोग    09:17 - 10:55    अशुभ*
*उद्वेग    10:55 - 12:33    अशुभ*
*चर    12:33 - 14:11    शुभ*
*लाभ    14:11 - 15:49    शुभ*
*अमृत    15:49 - 17:27    शुभ*
*काल    17:27 - 19:05    अशुभ*
    *❣️चोघडिया, रात❣️*
*लाभ    19:05 - 20:27    शुभ*
*उद्वेग    20:27 - 21:49    अशुभ*
*शुभ    21:49 - 23:11    शुभ*
*अमृत    23:11 - 24:32    शुभ*
*चर    24:32 - 25:54    शुभ*
*रोग    25:54 - 27:16    अशुभ*
*काल    27:16 - 28:38    अशुभ*
*लाभ    28:38 - 29:59    शुभ*
 
*❣️शनिवार का दिन विशेष:-*
* हिंदू धर्म में शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है.*

*❣️शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और कहा जाता है कि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, शनिदेव की दृष्टि को अशुभ माना जाता है.*
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*❣️शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है. शनिदेव जिन पर प्रसन्न होते हैं उनके किसी भी काम में कभी भी बाधा नहीं आती है. शनिवार के दिन शनि की पूजा ही नहीं बल्कि हनुमान जी की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है.*    *शनिवार को हनुमान जी को लाल सिंदूर चढ़ाने से शनिदेव की कृपा बरसती है. शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और बिना खर्च का उपाय है कि नौकरों/सेवकों और गरीबों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें, उनका तिरस्कार न करें।*

*🌷~ अगर जीवन में सफलता प्राप्त करनी हो तो गुरु को करें मजबूत*
*🌷~प्राचीन परंपरा के अनुसार, 21 गुरुवार तक बिना क्रम तोड़े व्रत रखना विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है। इस व्रत को करने के लिए प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा करनी चाहिए और यथाशक्ति एक किलो या उससे अधिक बूंदी के लड्डू चढ़ाने चाहिए। इसके बाद, प्रसाद को बच्चों में बांटना चाहिए।*
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  *🌷~माना जाता है कि इस व्रत के दौरान मंदिर से लाल चंदन या केसर का तिलक पंडित जी से मंत्रपूर्वक लगवाना शुभ होता है। यह तिलक विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि लाने में सहायक होता है। व्रत की अवधि के दौरान, भक्तों को शुद्ध आहार का पालन करना चाहिए और मांसाहार, शराब और अन्य मादक पदार्थों से बचना चाहिए।*

  *🌷~इस व्रत को करने से विवाह में देरी, अनुचित विवाह प्रस्ताव और विवाह संबंधी अन्य बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है। यह माना जाता है कि व्रत के समापन पर भगवान विष्णु भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं।*

  *🌷~कुछ घरेलू औषधि उपाय:-*
  *🌷~अंगूर पसंद नहीं, तो जान लीजिए कि कई बीमारियों में फायदेमंद है इसका सेवन*

  *🌷~1 शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता, मोटापा, जोड़ों का दर्द, रक्त का थक्का जमना, दमा, नाड़ी की समस्या व त्वचा पर लाल चकत्ते उभरने आदि स्थितियों में अंगूर का सेवन लाभकारी होता है।*

  *🌷~2 अंगूर का सेवन, आंत, लीवर व पाचन संबंधी अन्य रोगों, मुंह में कड़वापन रहना, खून की उल्टी होना, गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी, कब्जियत, मूत्र की बीमारी, अतिसार कृमि रोग, टीबी (क्षय रोग) आदि रोगों में विशेष लाभकारी होता है।*

  *🌷~3 अंगूर की बेल काटने से जो रस निकलता है, वह त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।*

  *🌷~4 अंगूर के पत्तों का अर्क एक से तीन चम्मच तक लेने पर व बवासीर के मस्सों पर लगाने पर काफी लाभ मिलता है।*

  *🌷~5 यदि किसी ने धतूरा खा लिया हो, तो उसे अंगूर का सिरका दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है।*

  *🌷~6 अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि भी काफी लाभकारी है।*

  *🌷~7 अंगूर का 200 ग्राम रस शरीर को उतनी ही क्षारीयता प्रदान करता है, जितना कि एक किलो 200 ग्राम बाईकार्बोनेट सोडा, हालांकि सोडा इतनी अधिक मात्रा में लिया नहीं जा सकता।*

  *🌷~8 अंगूर के रस को कलई के बर्तन में पकाकर गाढ़ा करके सोते समय आंखों में लगाने से जाला, फूला आदि नेत्र रोगों दूर हो जाते हैं।*
*और इसी प्रकार स्वास्थ्य संबंधी कई प्रकार की औषधियां के बारे में अदभुत जानकारी पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़े और अगर आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट है तो जरूर आपके मित्रों और परिवार के लोगों के साथ हमारे व्हाट्सएप चैनल को शेयर करें जिससे उन्हें भी स्वास्थ्य संबंधी यह जानकारियां प्राप्त हो सके।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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