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पंचांग -25-04-2024

 *🌷~पंचांग~🌷*
  *🌷 विक्रमसंवत्~2081🌷*

jyotish

*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🌷25 अप्रैल2024 गुरुवार🌷
* *🌷~मास~वैशाख कृष्ण पक्ष*
*🌷~रितु~ ग्रीष्म*
*🌷~आयन~    उत्तरायण*
*🌷~संवत्सर     क्रोधी (उत्तर)    कालयुक्त*
*🌷~गुजराती संवत    2080*
*🌷~शक संवत    1946*
*🌷~कलि संवत    5125*
*🌷~सौर प्रविष्टे    2, वैशाख    *
*🌷~नागौर(राजस्थान), भारत*
*🌷~  कृष्ण पक्ष, *
*🌷~तिथि~वैशाख कृष्ण पक्ष, प्रथम    सुबह 6:45:22 पश्चात द्वितीया*
*🌷~नक्षत्र    ~विशाखा    02:22:51 पश्चात अनुराधा*
*🌷~  योग व्यतिपत    28:51:49 पश्चात वरियान*
*🌷~करण    कौलव    06:45:22*
*🌷~चन्द्र राशि     तुला    till      19:59:38*
*🌷~चन्द्र राशि     वृश्चिक    from 19:59:38*
*🌷~सूर्य राशि       मेष*
*🌷~सूर्योदय    06:02:29*    
*🌷~सूर्यास्त    07:03:51*
*🌷~राहू काल    02:11 - 03:49 अशुभ*
*🌷~दिशा शूल    ~दक्षिण*
*🌷~राहु वास    ~दक्षिण*
*🌷~ब्रह्म मुहूर्त    04:34 ए एम से 05:17 ए एम*
*🌷~अभिजित मुहूर्त    12:07 पी एम से 12:59 पी एम*
*🌷~निशिता मुहूर्त    12:11 ए एम, अप्रैल 26 से 12:55 ए एम, अप्रैल 26*

    *❣️चोघडिया, दिन❣️*
*शुभ    06:02 - 07:40    शुभ*
*रोग    07:40 - 09:18    अशुभ*
*उद्वेग    09:18 - 10:56    अशुभ*
*चर    10:56 - 12:33    शुभ*
*लाभ    12:33 - 14:11    शुभ*
*अमृत    14:11 - 15:49    शुभ*
*काल    15:49 - 17:26    अशुभ*
*शुभ    17:26 - 19:04    शुभ*
    *❣️चोघडिया, रात❣️*
*अमृत    19:04 - 20:26    शुभ*
*चर    20:26 - 21:48    शुभ*
*रोग    21:48 - 23:11    अशुभ*
*काल    23:11 - 24:33    अशुभ*
*लाभ    24:33 - 25:55    शुभ*
*उद्वेग    25:55 - 27:17    अशुभ*
*शुभ    27:17 - 28:39    शुभ*
*अमृत    28:39 - 30:02    शुभ*
kundli

*❣️जन्मकुंडली में अंतर्जातीय प्रेम विवाह कब होता है❓❣️*
💖💝❣️💗🌸☘️🌿🍀🌺
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*❣️अंतर्जातीय प्रेम विवाह या अंतर्जातीय विवाह वह विवाह होता है जो जाति या धर्म से बाहर किया जाता है।*
*🔸विवाह होने के लिए कुंडली का 7वा भाव/इसका स्वामी ।।*
*❣️प्रेम विवाह होने के लिए 7+5वा दोनो भाव भावेश जिम्मेदार है।*
*🔹अंतर्जातीय प्रेम विवाह तब ही होता है जब सातवे और 9वे भाव पर पाप शनि या राहु का प्रभाव होगा क्योंकि शनि और राहु ही अंतर्जातीय धर्म या जाति से बाहर विवाह या प्रेम विवाह करवाते है।*
seema

*❣️जब भी कुंडली मे 5वे और 7वे भाव के बीच संबंध बनता है या इन दोनों भावो के स्वामियों में से कोई भी एक दूसरे के भावों को प्रभावित करेगा तब प्रेम विवाह होगा,और सातवे भाव या इस भाव के स्वामी और नवे भाव इस भाव के स्वामी पर शनि या राहु का प्रभाव पड़ने से अंतर्जातीय विवाह/अन्तरधर्म में भी विवाह। हो जाता है, शनि या राहु का सातवे या नवे भाव पर या इनके। स्वामियों पर प्रभाव न होगा तब अंतर्जातीय प्रेम विवाह नही होगा। #जैसै_अगर👇🏼*
*❣️वृश्चिक लग्न के कुण्डली में सातवें भाव का स्वामी शुक्र बनता है,5वे भाव का स्वामी गुरु तो 9वे भाव का स्वामी चन्द्र होता है।अब यहाँ सातवें भाव स्वामी शुक्र और पाँचवे भाव स्वामी गुरु का संबंध या शुक्र का 5वे भाव मे बैठना या देखना आदि भी प्रेम विवाह की स्थिति होगी, ऐसी स्थिति में गुरु शुक्र और नवे भाव पर राहु की दृष्टि हो या राहु बैठा होगा तब प्रेम विवाह होगा, जैसे सप्तमेश शुक्र, पंचमेश गुरु, नवमेश चंद्र तीनो एक साथ 5वे भाव मे राहु के साथ होंगे तब यह अंतर्जातीय प्रेम विवाह की बनेगी क्योंकि अब यहाँ 5वे+7वे+9वे तीनों भावो के स्वामी 5वे भाव मे राहु के साथ है और राहु की 5वे भाव से धर्म/जाति के घर। 9वे भाव पर दृष्टि भी है नवमेश चन्द्र, सप्तमेश शुक्र, पंचमेश गुरु तीनो पर प्रभाव है।यह स्थिति अंतरजातीय प्रेम विवाह कराएगी।।*
lucky


*❣️जन्मकुंडली में कुम्भ लग्न में 5वे भाव का स्वामी बुध होता है सातवे भाव का स्वामी सूर्य अब यहाँ सूर्य और बुध का किसी तरह कोई संबंध हो और यह संबंध् केंद्र या त्रिकोण भावो में होगा साथ ही राहु और शनि का प्रभाव पाँचवे भाव स्वामी बुध और सातवें भाव स्वामी सुर्य पर होगा साथ ही नवे भाव के स्वामी शुक्र या नवे भाव पर पाप शनि या राहु का असर होगा जैसे, यही कुंभ लग्न में पाचवे भाव स्वामी बुध सातवे भाव स्वामी सूर्य और नवे भाव स्वामी शुक्र तीनो या इनमे से कोई दो ग्रह भी एक साथ हो साथ ही 5वे भाव को प्रभावित कर रहे होंगे साथ ही इन पर राहु या शनि भी साथ हो ,इनको प्रभावित कर रहे हो तब प्रेम विवाह होगा और यह प्रेम विवाह अंतर्जातीय होगा।।*
*🔹कम शब्दों में कहू तो जब 9वे भाव या भावेश पर और साथ ही 5वे+7वे भाव पर राहु शनि का असर होगा तब अंतर्जातीय प्रेम विवाह ही होता है।ऐसी स्थिति में जब राहु या शनि का कोई प्रभाव नही होगा तब अंतर्जातीय न विवाह होता है। न प्रेम विवाह होगा।।*
*❣️ विशेष–प्रेम विवाह संबंन्धी योग कमजोर हुए,या प्रेम विवाह योग बनाने वाले ग्रह अस्त हुए, बहुत ज्यादा पीड़ित हुए तब प्रेम विवाह योग भंग हो जाते है, ऐसी स्थिति में केवल अंतर्जातीय विवाह ही हो पाता है।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
parihar


*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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