*🌷~पंचांग~🌷*
*🌷 विक्रमसंवत्~2081🌷*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🌷~17अप्रैल2024 बुद्धवार🌷*
*🔱॥ 'ॐ सिद्धिदात्र्यै नम:'॥🔱*
*🔱।।'ॐ रामभद्राय नमः'।।🔱*
*🌷~मास~ चैत्र शुक्ल पक्ष*
*🌷~रितु~ बसंत*
*🌷~आयन~ उत्तरायण*
*🌷~संवत्सर~ क्रोधी (उत्तर) कालयुक्त*
*🌷~गुजराती संवत 2080*
*🌷~शक संवत 1946*
*🌷~कलि संवत 5125*
*🌷~सौर प्रविष्टे 2, वैशाख *
*🌷~नागौर(राजस्थान), भारत*
*🌷~, शुक्ल पक्ष, चैत्र*
*🌷~तिथि~महानवमी(राम नवमी) दोपहर 03:13:30 pm तक तत्पश्चात दशमी *
*🌷~नक्षत्र - आश्लेषा 06:55:41am* अप्रैल 17 तक तत्पश्चात अश्लेषा 07:55:41*
*🌷~योग- शूल रात्रि 01:49:31 तक तत्पश्चात गण्ड*
*🌷~करण गर 05:31:02pm*
*🌷~सूर्योदय - 06:08:58*
*🌷~सूर्यास्त - 07:00:*
*🌷~राहू काल 12:35 - 02:11 अशुभ*
*🌷चन्द्र राशि~ कर्क*
*🌷सूर्य राशि ~ मेष*
*🌷~दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🌷~ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:24 तक*
*🌷~ अभिजीत मुहूर्त - नही है।*
*🌷~ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:12 अप्रैल 17 से रात्रि 12:56 अप्रैल 17 तक*
*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*लाभ 06:10 - 07:46 शुभ*
*अमृत 07:46 - 09:22 शुभ*
*काल 09:22 - 10:59 अशुभ*
*शुभ 10:59 - 12:35 शुभ*
*रोग 12:35 - 14:11 अशुभ*
*उद्वेग 14:11 - 15:47 अशुभ*
*चर 15:47 - 17:23 शुभ*
*लाभ 17:23 - 18:59 शुभ*
*🌷~चोघडिया, रात~🌷*
*उद्वेग 18:59 - 20:23 अशुभ*
*शुभ 20:23 - 21:47 शुभ*
*अमृत 21:47 - 23:11 शुभ*
*चर 23:11 - 24:34 शुभ*
*रोग 24:34 - 25:58 अशुभ*
*काल 25:58 - 27:22 अशुभ*
*लाभ 27:22 - 28:45 शुभ*
*उद्वेग 28:45 - 30:09अशुभ*
*🌷~ व्रत पर्व विवरण- महानवमी जयंती, रामनवमी*
*🌷~ विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
महागौरी पूजा के साथ कन्या पूजन से दूर होते हैं सभी कष्ट,
सनातन धर्म में नवरात्र की अवधि महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ बेहद पवित्र भी मानी गई है। माना जाता है कि इस पावन अवधि में आदिशक्ति के नौ रूपों की आराधना करने से साधक के सभी दुख-दर्द दूर होने लगते हैं। कई लोग नवरात्र व्रत का समापन अष्टमी तिथि पर करते हैं तो वहीं कई लोग नवमी तिथि पर पूजन करके अपना व्रत खोलते हैं।,*
*🌷~नवरात्र की नवमी तिथि का शुभ मुहूर्त।(राम नवमी)*
*🌷~चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है चैत्र नवरात्र की शुरुआत।*
*🌷~09 अप्रैल से 17 अप्रैल तक मनाई जाएगी चैत्र नवरात्र।
नवरात्र की नवमी तिथि का है विशेष महत्व।*
*🌷~ 09 अप्रैल, 2024 मंगलवार के दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 17 अप्रैल को होने जा रहा है। नवरात्र की अवधि में अलग-अलग दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में से अष्टमी और नवमी तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं, अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व और शुभ मुहूर्त।*
*🌷~इसलिए भी खास है नवमी तिथि*
*माना जाता है कि नवरात्र में नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से व्यक्ति को हर प्रकार के दुख व कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। वहीं, पैराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भी भगवान राम का भी जन्म हुआ था। इसलिए नवरात्र के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है।*
*🌷~ नवमी शुभ मुहूर्त
चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 15 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर, इस तिथि का समापन 16 अप्रैल को रात्रि 01 बजकर 23:25 मिनट पर होगा। ऐसे में नवरात्र की अष्टमी तिथि का व्रत 16 अप्रैल, मंगलवार को किया गया।*
*🌷~नवमी तिथि शुभ मुहूर्त*
*चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल को 01 बजकर 23:25 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर में 03 बजकर 13:30 मिनट पर होगा। ऐसे में नवमी 17 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी।*
*🌷~राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक*
*🌷~सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
*🌷~चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।*
*🌷~घी का दीपक जलाने के साथ-साथ मां सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा जो भी फल या भोजन मां को अर्पित करें वो लाल वस्त्र में लपेट कर दें।*
*🌷~पूजन-अर्चन के पश्चात हवन, कुमारी पूजन, अर्चन, भोजन, ब्राह्मण भोजन करवाकर पूर्ण होता है।*
*🌷~नवरात्रि की नवमी के दिन तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। इससे मृत्यु भय से राहत मिलेगी। साथ ही अनहोनी होने की घटनाओं से बचाव भी होता है।*
17 अप्रैल, बुधवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।*
*🌷~श्रीराम 🚩 नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें ।हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।*
*🌷~दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें ।इससे धन लाभ हो सकता है ।*
*🌷~इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं ।इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है ।*
*🌷~श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी ।*
*🌷~इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें ।इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।*
*🌷~इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें ।इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।*
*🌷~भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं ।इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी।*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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