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पंचांग - 16-04-2017

 *🌷~पंचांग~🌷*
  *🌷 विक्रमसंवत्~2081🌷*

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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*🌷~16अप्रैल2024 मंगलवार🌷*
*🔱॥ॐ श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम: ॥🔱*
*🌷~मास~ चैत्र शुक्ल पक्ष*
*🌷~रितु~ बसंत*
*🌷~आयन~    उत्तरायण*
*🌷~संवत्सर~    क्रोधी (उत्तर)    कालयुक्त*
*🌷~गुजराती संवत    2080*
*🌷~शक संवत    1946*
*🌷~कलि संवत    5125*
*🌷~सौर प्रविष्टे    2, वैशाख    *
*🌷~नागौर(राजस्थान), भारत*
*🌷~, शुक्ल पक्ष, चैत्र*
*🌷~तिथि~अष्टमी दोपहर 01:23:25pm तक तत्पश्चात नवमी* **🌷~नक्षत्र - पुष्य 05:14:52 अप्रैल 17 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*🌷~योग- धृति रात्रि 11:15:18 तक तत्पश्चात शूल*
*🌷~करण    बव    13:23:25pm*
*🌷~सूर्योदय - 06:10:56*
*🌷~सूर्यास्त - 06:59:01*
 *🌷~राहू काल    03:47 - 05:23    अशुभ*
*🌷~दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*🌷~  ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:25 तक*
*🌷~ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:09 से दोपहर 01:01 तक*
*🌷~ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:12 अप्रैल 17 से रात्रि 01:57 अप्रैल 17 तक*
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*🌷~चोघडिया, दिन~🌷*
*रोग    06:11 - 07:47    अशुभ*
*उद्वेग    07:47 - 09:23    अशुभ*
*चर    09:23 - 10:59    शुभ*
*लाभ    10:59 - 12:35    शुभ*
*अमृत    12:35 - 14:11    शुभ*
*काल    14:11 - 15:47    अशुभ*
*शुभ    15:47 - 17:23    शुभ*
*रोग    17:23 - 18:59    अशुभ*
  *🌷~चोघडिया, रात~🌷*
*काल    18:59 - 20:23    अशुभ*
*लाभ    20:23 - 21:47    शुभ*
*उद्वेग    21:47 - 23:11    अशुभ*
*शुभ    23:11 - 24:34 शुभ*
*अमृत    24:34 - 25:58    शुभ*
*चर    25:58  - 27:22    शुभ*
*रोग    27:22 - 28:46    अशुभ*
*काल    28:46  - 30:10     अशुभ*
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*🌷~ व्रत पर्व विवरण- महातारा जयंती, दुर्गाष्टमी*
*🌷~ विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
महागौरी पूजा के साथ कन्या पूजन से दूर होते हैं सभी कष्ट,
सनातन धर्म में नवरात्र की अवधि महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ बेहद पवित्र भी मानी गई है। माना जाता है कि इस पावन अवधि में आदिशक्ति के नौ रूपों की आराधना करने से साधक के सभी दुख-दर्द दूर होने लगते हैं। कई लोग नवरात्र व्रत का समापन अष्टमी तिथि पर करते हैं तो वहीं कई लोग नवमी तिथि पर पूजन करके अपना व्रत खोलते हैं।,*
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*🌷~नवरात्र की अष्टमी-नवमी तिथि का शुभ मुहूर्त।(राम नवमी)*

*🌷~चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है चैत्र नवरात्र की शुरुआत।*
*🌷~09 अप्रैल से 17 अप्रैल तक मनाई जाएगी चैत्र नवरात्र।
नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि का है विशेष महत्व।*
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*🌷~ 09 अप्रैल, 2024 मंगलवार के दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 17 अप्रैल को होने जा रहा है। नवरात्र की अवधि में अलग-अलग दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में से अष्टमी और नवमी तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं, अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व और शुभ मुहूर्त।*

*🌷~इसलिए भी खास है अष्टमी और नवमी तिथि*
*माना जाता है कि नवरात्र में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से व्यक्ति को हर प्रकार के दुख व कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। वहीं, पैराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भी भगवान राम का भी जन्म हुआ था। इसलिए नवरात्र के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है।*

*🌷~ अष्टमी शुभ मुहूर्त
चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 15 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 11 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 16 अप्रैल को रात्रि 01 बजकर 23:25 मिनट पर होगा। ऐसे में नवरात्र की अष्टमी तिथि का व्रत 16 अप्रैल, मंगलवार को किया जाएगा।*

*🌷~नवमी तिथि शुभ मुहूर्त*
*चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल को 01 बजकर 23:25 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर में 03 बजकर 13:30 मिनट पर होगा। ऐसे में नवमी 17 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी।*
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*🌷~राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक*
*🌷~यूं तो नवरात्रि में मां दुर्गा के हर रूप को अलग-अलग पकवानों का भोग लगाया जाता है। अष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाने की परंपरा है। मां को भोग लगाने के लिए आप नारियल की बर्फी भी बना सकते हैं।*
*मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्*
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*🌷~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको  जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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