*♦️~पंचांग~♦️*
*♦️ विक्रमसंवत्~2081♦️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*♦️14अप्रैल2024रविवार♦️*
*🔱॥मंत्र- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥🔱*
*♦️मास~ चैत्र शुक्ल पक्ष*
*♦️रितु~ बसंत*
*♦️आयन~ उत्तरायण*
*♦️संवत्सर~ क्रोधी*
*♦️संवत्सर~(उत्तर) कालयुक्त*
*♦️तिथि~षष्ठी रात्रि 11.43:15 तक,तत्पश्चात सप्तमी*
*♦️नक्षत्र~ आद्रा 01:33:38 पश्चात~ पुनर्वसु नक्षत्र *
*♦️योग~ अतिगंड 24:32:33 पश्चात~ सुकर्मा*
*♦️करण~तैतुल~ 11:33:15
पश्चात वणिज*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - शाम 05:22 से शाम 06:58 तक*
*♦️सूर्योदय - 06:12:56*
*♦️सूर्यास्त - 06:57:58*
*♦️दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:27 तक*
*♦️अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:10 से दोपहर 01:01 तक*
*♦️निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:13 अप्रैल 15 से रात्रि 12:57 अप्रैल 15 तक*
*♦️व्रत पर्व विवरण- रविवारी सप्तमी सुबह 11:43:15 से 15 अप्रैल सुबह12:10:58 तक*
*♦️विशेष - षष्ठी को ब्रह्म वैवर्त पुराण के मुताबिक, षष्ठी को नीम नहीं खाना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन नीम की पत्ती, फल, या दातुन मुंह में डालने से नीच योनियां मिलती हैं (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*♦️चोघडिया, दिन♦️*
*उद्वेग 06:13 - 07:49 अशुभ*
*चर 07:49 - 09:24 शुभ*
*लाभ 09:24 - 10:59 शुभ*
*अमृत 10:59 - 12:35 शुभ*
*काल 12:35 - 14:11 अशुभ*
*शुभ 14:11 - 15:47 शुभ*
*रोग 15:47 - 17:22 अशुभ*
*उद्वेग 17:22 - 18:58 अशुभ*
*♦️चोघडिया, रात♦️*
*शुभ 18:58 - 20:22 शुभ*
*अमृत 20:22 - 21:46 शुभ*
*चर 21:46 - 23:11 शुभ*
*रोग 23:11 - 24:35 अशुभ*
*काल 24:35 - 25:59 अशुभ*
*लाभ 25:59 - 27:23 शुभ*
*उद्वेग 27:23 - 28:48 अशुभ*
*शुभ 28:48 - 30:12 शुभ*
*♦️ मां कात्यायनी देवी मां दुर्गा की छठी विभूति हैं। शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है। कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन में भी खुशियां प्राप्त होती हैं।*
*♦️ मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है। इस समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। जो भक्त माता को 5 तरह की मिठाइयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद बांटते हैं तो माता उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है।*
*♦️ माता कात्यायनी का चित्र या यंत्र सामने रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें। यदि चित्र में यंत्र उपलब्ध न हो तो देवी माता दुर्गा जी का चित्र रखकर निम्न मंत्र की 51 माला नित्य जपें, मनोवांछित प्राप्ति होगी। साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी। इस दिन नवरात्रि पर हरे रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं।*
*♦️ मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है। अत: इस समय धूप-दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करना चाहिए।*
*♦️ गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके मां कात्यायनी की पूजा करनीचाहिए।*
*♦️ माता को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें।*
*♦️ - मां के समक्ष दीपक जलाएं।*
*♦️ - इसके बाद 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं।*
*♦️ - हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें।*
*♦️ - मां कात्यायनी को शहद अर्पित करें।*
*♦️ - अगर ये शहद चांदी के या मिट्टी के पात्र में अर्पित किया जाए तो ज्यादा उत्तम होगा। इससे प्रभाव बढ़ेगा तथा आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी।*
*♦️ मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी।*
*♦️ - इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें।*
*♦️मां कात्यायनी मंत्र-*
*♦️ मंत्र- 'ॐ ह्रीं नम:।।*
*♦️मंत्र-* *चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।*
*कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।*
*♦️ मंत्र- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥*
*♦️ हल्दी की माला एवं पीले आसन पर बैठकर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके माला का जाप करें आपको सफलता मिलेगी।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा 8387869068*
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