*📗📒 📖हिंदू नववर्ष पंचांग 📕📗📒*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*जय श्री राम🚩राम🚩राम🚩*
*🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*♦️लब्ध्वा शुभं नववर्षेऽस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्॥♦️*
*♦️भावार्थइसी तरह, नया साल आपके लिए हर दिन, हर पल मंगलमय हो।*
*♦️सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।*
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु।।♦️*
*♦️~ मंगलवार चैत्र शुक्ला पक्ष का 9 अप्रैल 2024 पंचांग ~♦️*
*♦️दिनांक - 9 अप्रैल 2024*
*♦️दिन - मंगलवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - वसंत*
*♦️मास - चैत्र*
*♦️पक्ष - कृष्ण*
*♦️तिथि - प्रतिपदा रात्रि 08.30:27 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*♦️ नक्षत्र रेवती 07:31:05
तक पश्चात*
*♦️नक्षत्र अश्विनी 04:05:33*
*♦️योग वैधृति 02:16:58*
*♦️करण किन्स्तुघ्न 10:08:08*
*♦️राहू काल 07:54 - 09:28 अशुभ*
*♦️दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*♦️चोघडिया, दिन♦️*
*रोग 06:18 - 07:53 अशुभ*
*उद्वेग 07:53 - 09:27 अशुभ*
*चर 09:27 - 11:02 शुभ*
*लाभ 11:02 - 12:37 शुभ*
*अमृत 12:37 - 14:11 शुभ*
*काल 14:11 - 15:46 अशुभ*
*शुभ 15:46 - 17:21 शुभ*
*रोग 17:21 - 18:55 अशुभ*
*♦️चोघडिया, रात♦️*
*काल 18:55 - 20:21 अशुभ*
*लाभ 20:21 - 21:46 शुभ*
*उद्वेग 21:46 - 23:11 अशुभ*
*शुभ 23:11 - 24:36 शुभ*
*अमृत 24:36 - 26:01 शुभ*
*चर 26:01 - 27:27 शुभ*
*रोग 27:27- 28:52 अशुभ*
*काल 28:52 - 30:17 अशुभ*
*♦️व्रत पर्व विवरण- चैत्री नववर्ष विक्रम संवत 2081 प्रारम्भ, गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ,*
*♦️विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।*
*♦️हिंदू नव वर्ष के साथ बसंत नवरात्र पर्व की शुरुआत♦️*
*♦️पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। नवरात्रि के शुभारंभ होने के साथ ही नया हिंदू वर्ष भी आरंभ होता है। नवरात्रि पर लगातार 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और मंत्रोचार किया जाता है।*
*♦️ नवरात्रि के शुरुआत प्रतिपदा को मां शैलपुत्री पूजा कलश एवं घटस्थापना होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर देवी दुर्गा पृथ्वी लोक आती है और अपने सभी भक्तों की हर एक मनोकामना को पूर्ण करती हैं।*
*♦️इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 09 अप्रैल,मंगलवार विक्रम संवत 2081 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रथम तिथि से शुरू हो रहे हैं और पूर्ण 17 अप्रैल को राम नवमी पर होगा। चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त कब रहेगा, पूजा विधि और नवरात्रि के बारे में जानते है।*
*♦️इस पर्व को बसंतिक नवरात्रि भी कहते हैं नवरात्रि के त्योहार को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि इस वर्ष 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी जो अगले दिन यानी 09 अप्रैल 2024 को रात को 08 बजकर 30 मिनट 27 सेकंड पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग रहेगा। पंचांग में इन योगों में पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है।*
*♦️चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त ♦️*
*♦️चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल 2024 वार मंगल विक्रम संवत 2081 से आरंभ हो रहे हैं। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि पर्व पर देवी दुर्गा की आराधना, ध्यान, जप, यज्ञ,साधना काल का महापर्व शुरू होता है।*
*♦️नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि पर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए करना शुभ माना जाता है। पंचांग की गणना के मुताबिक 09 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक पंचक रहेगा। यानी पंचक के समाप्त के बाद घट स्थापना करना शुभ रहेगा। 09 बजकर 27 मिनट से 11:02 तक अशुभ चौघड़िया रहेगा इस कारण से इस समय घट स्थापना न करें।*
*♦️पंचांग की गणना के मुताबिक लाभ,अमृत चौघड़िया 11 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 11मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस शुभ मुहू्र्त में कलश स्थापना कर सकते हैं।*
*♦️09 अप्रैल2024 को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 12 बजकर 11 मिनट से 01बजकर 02 मिनट तक रहेगा। क्योंकि यह अभिज
त मुहूर्त है। कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ होता है।*
*♦️इसके अलावा इस समय वैघृत योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग भी रहेगा। ऐसे में घटस्थापना, पूजा का संकल्प लेना और मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी रहेगा।*
*♦️विशेष मुहूर्त जाप अनुष्ठान:
*ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04:48 से 05: 33 तक*
*अभिजीत मुहूर्त- सुबह 12:12 से दोपहर 01:02तक*
*विजय मुहूर्त- दोपहर 02:43 से दोपहर 03: 34 तक*
*गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:54 से शाम 07: 17 तक*
*अमृत काल: भोर 05:24 से रात्रि 06: 49 तक*
*निशिता काल: रात्रि 12:14से 12:59 तक*
*सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 12:58 से शाम 06: 18 तक*
*अमृत सिद्धि योग: सुबह 05:58 से सुबह 07: 23 तक*
*♦️घट एवं कलश स्थापना मुहूर्त विधि
नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि पर 9 दिनों तक उपवास रखा जाता है।*
*♦️नवरात्रि के पहले दिन सुबह घर को साफ-सुथरा करके गंगाजल गोमूत्र एवं कच्चे दूध का पूरे घर में छींटा देकर घर को शुद्ध करें ताकि घर में कोई नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश न हो। मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वास्तिक बनाएं और सुख-समृद्धि के लिए दरवाजे पर कनेर, आम,अशोक के ताज़े पत्तों का तोरण लगाएं।*
*♦️इस दिन सुबह स्नानादि करके माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर को लकड़ी की चौकी या आसन पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर स्थापित करना चाहिए। मां दुर्गा की मूर्ति के बाईं तरफ श्री गणेश की मूर्ति रखें। उसके बाद माता के समक्ष मिट्टी के बर्तन में जौ(जवारे) बोएं,जौ समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक माने जाते हैं।*
*♦️माँ की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए आराधना के समय "ॐ ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे:" मंत्र का अर्थ
"ह्रीं" यह ऐश्वर्य, धन ,माया प्रदान करने वाली माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र है. एक शक्ति बीज मंत्र है, जो ऊर्जा और शक्ति को प्रकट करता है. 3. "क्लीं" यह महाकाली शत्रुनाशक, दुर्गति नाशिनी का बीज मन्त्र है।*
*♦️यदि आपको कोई भी मन्त्र नहीं आता हो तो केवल दुर्गा सप्तशती में दिए गए नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' से पूजा कर सकते हैं व यही मंत्र जपते हुए पूजन सामग्री अर्पित करें। देवी को श्रृंगार का सामान और नारियल-चुन्नी जरुर चढ़ाएं ।अपने पूजा स्थल से दक्षिण-पूर्व की तरफ घी का दीपक जलाते हुए 'ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्र जनार्दनः। दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तुते' यह मंत्र पढ़ें और आरती करें। देवी माँ की पूजा में शुद्ध देसी घी का (अखंड ज्योति) दीप जलाएं।
*♦️चैत्र नवरात्रि 2024 क्या करें क्या न करें ♦️*
*नवरात्रि सात्विक भोजन, साफ़ सफाई, देवी की आराधना,भजन,
कीर्तन, जगराता, मंत्रों का जाप और देवी आरती अवश्य ही करनी चाहिए*
*फास्टफूडप्याज,लहसुन,शराब,मांस-मछली का सेवन, लड़ाई, झगड़ा, कलह, कलेश, काले कपड़े और चमड़े की चीजें न पहने, दाढ़ी,बाल और नाखून न काटें*
*♦️नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों के 9 बीज मंत्र बताए गए हैं जिनमे पहला दिन देवी बीज मंत्र
पहला दिन मां शैलपुत्री मंत्र: "ह्रीं शिवायै नम:*
*♦️नवरात्रि में माता को अलग प्रकार के भोग लगाए जाते है। तो विशेष अक्षय फल की प्राप्ति होती है।*
*♦️प्रथम दिन माँ शैलपुत्री देवी देसी घी का भोग लगाए।*
*♦️नवरात्रि 2024 घटस्थापना के लिए पूजन सामग्री
*कलश,माता की फोटो 7 तरह के अनाजमिट्टी का बर्तन पवित्र मिट्टी गंगाजल कनेर,आम या अशोक के पत्ते कुमकुम चावल लौंग इलायची सुपारी सरसों शतावर मरोड़ फली जटा वाला
नारियल सुखा इत्र,रोली, मोली, शुद्ध कपूर बतासे, लाल वस्त्र चौकी पुष्प,पान,माला प्रसाद सहित बहुत सी वस्तुओ से मां का पूजन कर सकते है।*
*♦️नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की महत्वता से आप लाभान्वित हो सकते हैं।*
*♦️ पूजा-अनुष्ठान विशेष लाभ*
नवरात्रि पहले दिन यानि प्रतिपदा को देवी शैलपुत्री की पूजा से चंद्र दोष समाप्त होता है।*
*♦️ नवरात्रि, देवी दुर्गा के राक्षस महिषासुर का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. एक कथा के अनुसार, माता दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिनों तक युद्ध किया और नवमी की रात को उसका वध किया. तभी से देवी दुर्गा को 'महिषासुरमर्दिनी' के नाम से जाना जाता है।*
*♦️ नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई, इसके बारे में एक और कहानी है. कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए नौ दिनों तक माता दुर्गा के स्वरूप चंडी देवी की उपासना की थी. ऐसा माना जाता है कि तभी से नवरात्रि मनाने और नौ दिनों तक व्रत रखने की शुरुआत हुई।*
*♦️ नवरात्रि के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं:
शरीर की शुद्धि: नवरात्रि के दौरान उपवास करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ और निरोगी रहता है.
मन की शांति: नवरात्रि के दौरान ध्यान, योग और भक्ति करने से मन को शांति मिलती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के सेअनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। हमारा उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*यह पंचांग निशुल्क नगर की जनता जनार्दन के सेवा में अलग अलग जगह से लेकर तैयार एवं नागौर के समय अनुसार है।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से अवश्य मिले l
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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