📗📒 📖पंचांग 📕📗📒
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🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱
*♦️~ सोमवार चैत्र त्रयोदशी का 8 अप्रैल 2024 पंचांग ~♦️*
*♦️दिनांक - 8 अप्रैल 2024*
*♦️दिन - सोमवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - वसंत*
*♦️मास - चैत्र*
*♦️पक्ष - कृष्ण*
*♦️तिथि : अमावस्या 11:49:51 पश्चात प्रथम तिथि*
*♦️पक्ष. कृष्ण*
*♦️नक्षत्र. उत्तरभाद्रपदा 10:11:40*
*♦️योग ऐन्द्र. 18:12:38*
*♦️करण चतुष्पद .13:34:25*
*♦️वार. सोमवार
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग - सुबह 07:54 से 09:28 तक*
*♦️सूर्योदय - 06:19:09*
*♦️सूर्यास्त - 06:54:51*
*♦️दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:32 तक*
*♦️अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:02 तक*
*♦️ निशिता मुहूर्त- रात्रि 00.14 अप्रैल 09 से रात्रि 12.59 अप्रैल 09 तक*
*♦️व्रत पर्व विवरण- सोमवती दर्श अमावस्या*
*♦️विशेष - अमावस्या के दिन फूल, पत्ती, टहनी आदि तोड़ना व स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।*
*♦️चोघडिया, दिन♦️*
*अमृत 06:19 - 07:54 शुभ*
*काल 07:54 - 09:28 अशुभ*
*शुभ 09:28 - 11:03 शुभ*
*रोग 11:03 - 12:37 अशुभ*
*उद्वेग 12:37 - 14:11 अशुभ*
*चर 14:11 - 15:46 शुभ*
*लाभ 15:46 - 17:20 शुभ
*अमृत 17:20 - 18:55 शुभ
*♦️चोघडिया, रात♦️*
*चर 18:55 - 20:20 शुभ*
*रोग 20:20 - 21:46 अशुभ*
*काल 21:46 - 23:11 अशुभ*
*लाभ 23:11 - 24:36 शुभ*
*उद्वेग 24:36 - 26:02 अशुभ*
*शुभ 26:02 - 27:27 शुभ*
*अमृत 27:27 - 28:53 शुभ*
*चर 28:53 - 30:18 शुभ*
*♦️आकाश में रहेगा अद्भुत नजारा:-* ग्रहण के दौरान ही आकाश में एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना बढ़ा पी12 नाम का धूमकेतु दिखाई देगा जिसे अमेरिका ने 'शैतान' नाम दिया है। हालांकि यह सूर्य से बहुत दूर होगा। इसके दिखाई देने की संभावना भी मानी जा रही है। ग्रहण के दौरान ही बृहस्पति और शुक्र ग्रहों को आप अपनी आंखों से एक साथ देख सकेंगे। बृहस्पति सूर्य के उपर और शुक्र नीचे नजर आएगा।*
*♦️भूतड़ी अमावस्या को वैसे ही इस तरह की नकारात्मक शक्तियां बहुत उग्र होती हैं, पर इसी दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है. सूर्य ग्रहण रात को 9:12 से रात को
ग्रहण का मध्यान 11:47को ओर पूर्ण ग्रहण2:22 तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान राहु उग्र हो जाता है. तो ये काफी घातक संयोग बन रहा है. इसलिए कुछ उपाय करने चाहिए।*
*♦️विष्णु कवच, देवी कवच, गरुण पुराण का पाठ करना चाहिए*
*♦️ग्रहण के दिन में दान पुण्य करना चाहिए*
*♦️सोमवती अमावस्या को भूतड़ी क्यों कहते हैं , सूर्य ग्रहण के साथ घातक संयोग बनने,से पितृ दोष मुक्ति के लिए जरूर करें ये उपाय*
*♦️सोमवती अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है. अनोखा संयोग है कि इसी दिन साल का पहला सूर्यग्रहण भी पड़ने जा रहा है. 4 घंटे 13 मिनट तक चलने वाला ये सूर्य ग्रहण काफी अहम है*
*♦️भूतड़ी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का भी संयोग बन रहा है.
भूतड़ी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का भी संयोग बन रहा है.
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या हिंदू वर्ष की आखरी अमावस्या होती है. इस साल 8 अप्रैल 2024 को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की आखिरी अमावस्या है. उस दिन सोमवार है इसलिए इसको सोमवती अमावस्या भी कहते हैं. इस अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है*
*♦️अनोखा संयोग है कि इसी दिन साल का पहला सूर्यग्रहण भी पड़ने जा रहा है.भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा जो रात के करीब 2 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा. भूतड़ी अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण का संयोग बनना कई कठिन परिस्थितियों को पैदा कर सकता है*
*♦️भूतड़ी अमावस्या क्यू कहते हैं और इस दिन सूर्य ग्रहण का संजोग कितना घातक है।
*♦️ऐसा इसलिए क्योंकि भूत शब्द का अर्थ होता है जो बीत चुका हो, ऐसा व्यक्ति जिसकी मृत्यु हो चुकी होती है, जो अब भूतकाल में है. यानी अतृप्त आत्माएं, चाहे वह अनजान आत्माएं हों या फिर किसी व्यक्ति के परिवारिक सदस्य इत्यादि उनकी अकाल मृत्यु हो जाती है. पर उनके जीवन की इच्छाएं हैं. ऐसी आत्माएं इस दिन अपने परिवार के सदस्यों या अनजान लोगों के शरीर में घुसकर अपनी इच्छाएं पूर्ती करने की कोशिश करती हैं. पर वह अक्सर ऐसा कर नहीं पातीं. परंतु चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या वो दिन है, जब ऐसी आत्माएं बहुत उग्र होती हैं. ऐसे में वह इस दिन आसानी से किसी कमजोर व्यक्ति के अंदर घुस जाती हैं. अपने रूठे हुए पितृों को मनाने का और उन्हें शांत करने का भी यही समय है. आप अगर अपने पितृों को नजरअंदाज कर रहे हैं, विवाह इत्यादि उनकी अनदेखी कर रहे हैं, तो वह अतृप्त रहते हैं. इस समय अगर आप उनके क्रोध का समाधान नहीं करेंगे तो वह आपको परेशान कर सकते हैं।*
*♦️पितृों के लिए करें दान
भूतड़ी अमावस्या पर आपको पितृों की प्रसन्नता के लिए दान पुण्य जरूर करना चाहिए.गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिएआपको अपने पितृों के नाम पर कपड़े व चप्पल का दान करना चाहिए.उनकी पसंद की मिठाई आदि का दान भी करना चाहिए।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के सेअनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। हमारा उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*यह पंचांग निशुल्क नगर की जनता जनार्दन के सेवा में अलग अलग जगह से लेकर तैयार एवं नागौर के समय अनुसार है।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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