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पंचांग - 27-03-2024

 📕📗📒 📖पंचांग 📕📗📒
*राम🚩राम🚩राम🚩राम🚩*

jyotish


*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नम🔱*
    *♦️~ बुधवार चैत्र बद् द्वितीया 27 मार्च 2024 का पंचांग ~    *♦️
    *♦️दिनांक - 27 मार्च 2024*
    *♦️दिन - बुधवार*
    *♦️विक्रम संवत् - 2080*
    *♦️अयन - उत्तरायण*
    *♦️ऋतु - वसंत*
    *♦️मास - चैत्र*
    *♦️पक्ष - कृष्ण*
    *♦️तिथि - द्वितीया शाम 05:05:52 तक तत्पश्चात तृतीया*
*♦️नक्षत्र - चित्रा शाम 04:14:33 तक तत्पश्चात स्वाती*
*♦️योग - व्याघात रात्रि 10:52:08 तक तत्पश्चात हर्षण*
 *♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:40 से 02:13 तक*
 *♦️सूर्योदय - 06:32:10*
 *♦️सूर्यास्त - 06:48:44*
 *♦️दिशा शूल - उत्तर*
 *♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:45 तक*
 *♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:04 तक*
    *♦️चोघडिया, दिन♦️*
*लाभ    06:32 - 08:04    शुभ*
*अमृत    08:04 - 09:36    शुभ*
*काल    09:36 - 11:08    अशुभ*
*शुभ    11:08 - 12:40    शुभ*
*रोग    12:40 - 14:13    अशुभ*
*उद्वेग    14:13 - 15:45    अशुभ*
*चर    15:45 - 17:17    शुभ*
*लाभ    17:17 - 18:49    शुभ*
  *♦️चोघडिया, रात♦️*
*उद्वेग    18:49 - 20:17    अशुभ*
*शुभ    20:17 - 21:44    शुभ*
*अमृत    21:44 - 23:12    शुभ*
*चर    23:12 - 24:40    शुभ*
*रोग    24:40 - 26:08    अशुभ*
*काल    26:08 - 27:35    अशुभ*
*लाभ    27:35 - 29:03    शुभ*
"उद्वेग    29:03 - 30:31    अशुभ*
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 *♦️व्रत पर्व विवरण - 27 मार्च को ये भी त्योहार और व्रत हैं: संत तुकाराम जी की जयंती, विश्व रंगमंच दिवस.*
 *♦️विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
    *♦️मुख्य ग्रह शनि *♦️
 *मुख्य ग्रह शनि को मजबूत करने के लिए निम्न उपाय करें!*
 *सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की  पूजा  सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल से करनी चाहिए!*  
 *शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करनी और सरसों के तेल का दीप जलाना चाहिए !*
 *शमी वृक्ष की जड़ को  काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें!*
 *बंदरों और  कुत्तों को बूंदी के लड्डू खिलाना  चाहिए !*  
* काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करना चाहिए!*
 *शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें!*
 *मांस, मदिरा का सेवन न करें!
 लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर  पहनना चाहिए!*
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* मंत्र का  जाप करना चाहिए:*
 *वैदिक मंत्र- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:!*
 *लघु मंत्र- ऊं ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:!*
*भैरवजी की उपासना करें और काले तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए*  
 *काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को  धारण करना चाहिए!
 शनि ग्रह कि शांति :ग़रीब और वृद्ध को ,काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काला पुष्प, काले तिल, चमड़ा, काला वस्त्र,  काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, काले कंबल का दान करना चाहिए!*
* लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए. रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए.*
 *हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ करना चाहिए!*
 *गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखना , मोर पंख धारण करना!*
 *शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ और लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए!*
 *बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए!*
 *भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए!*
 *दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए!*
 *शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में दान करना चाहिए!*
* गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चाहिए!*  
 *आलस्य, , ढिलाई, सुस्ती, जिम्मेदारी से बचना,  दान॰उड़द, तिल, सभी तेल,लौह धातु, काला छाता,नीलम रत्न, काली गाय,काले वस्त्र, काले जूते,काली कम्बल, स्वर्ण,आदि का अनुदान !"शनि मन्त्र"ॐ ऐं ह्रीँ श्रीँ शनैश्चरायनम: !जप संख्या 23000संध्याकाल !ॐ प्रां प्रीं प्रौँ स: शनये नम:ॐ शं शनैश्चराय नम: !*
 *चांदी धारण करें!  घर को व्यस्थित रखें! मुस्कराकर स्वागत करें!*  
 *साधू, संतों, विद्वानों के साथ बैठकर ज्ञान की चर्चा करें!*
* बदजुबानी  पर लगाम  लगाएं!
 गरीबों की, असहायों की, गाय की सेवा करें!*
 *पति -पत्नी प्रेम से रहें!*  
* काले वस्त्रों तथा नीले वस्त्रों को यथा संभव न पहनें!*
 *शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाएं!*
 *शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें!*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। हमारा उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*यह पंचांग निशुल्क नगर की जनता जनार्दन के सेवा में अलग अलग जगह से लेकर तैयार एवं नागौर के समय अनुसार है।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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