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पंचांग -17-03-2024

 📕📗📒 📖पंचांग 📕📗📒
*राम🚩राम🚩राम🚩राम🚩*
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

jyotish


*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*♦️~ रविवार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 17 मार्च 2024 का पंचांग ~♦️*
*♦️दिनांक - 17 मार्च 2024*
*♦️दिन - रविवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - वसंत*
*♦️मास - फाल्गुन*
*♦️पक्ष - शुक्ल*
*♦️तिथि - अष्टमी रात्रि 09:52:15 तक तत्पश्चात नवमी*
*♦️नक्षत्र - मृगशिरा शाम 04:46:11तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*♦️योग - आयुष्मान शाम 05:04:05 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - शाम 05:14 से 06:44 तक*
*♦️सूर्योदय - 06:43:15*
*♦️सूर्यास्त - 06:43:37*
*♦️दिशा शूल - पश्चिम*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:54 तक*
*♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:07 तक*
*♦️ विजय मुहूर्त    02:44 पी एम से 03;32 पी एम*
*♦️अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:19 से 01:08 तक*
 
   *♦️चोघडिया, दिन♦️*
*उद्वेग    06:43 - 08:13    अशुभ*
*चर    08:13 - 09:43    शुभ*
*लाभ    09:43 - 11:13    शुभ*
*अमृत    11:13 - 12:43    शुभ*
*काल    12:43 - 14:13    अशुभ*
*शुभ    14:13 - 15:44    शुभ*
*रोग    15:44 - 17:14    अशुभ*
*उद्वेग    17:14 - 18:44    अशुभ*
  *♦️चोघडिया, रात♦️*
*शुभ    18:44 - 20:13    शुभ*
*अमृत    20:13 - 21:43    शुभ*
*चर    21:43 - 23:13    शुभ*
*रोग    23:13 - 24:43    अशुभ*
*काल    24:43 - 26:13    अशुभ*
*लाभ    26:13 - 27:43    शुभ*
*उद्वेग    27:43 - 29:12    अशुभ*
*शुभ    29:12 - 30:42    शुभ*



*♦️व्रत पर्व विवरण - संत दादू दयालजी जयंती*
*♦️विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*♦️विपाशेरावती तीरे
               शुतुद्रयाश्च त्रिपुष्करे।*
*विवाहादि शुभे नेष्टं-
           होलिकाप्राग्दिनाष्टकम् ।।*

*♦️फाल्गुन शुक्ल अष्टमी , दिनांक 17 मार्च 2024 से होलाष्टक लगने जा रहे है, यह आठ दिनों का होता है, 24 मार्च 2024 तक रहेगा। इसमें सभी मांगलिक कार्य वर्जित है, यह समय आध्यात्मिक ऊँचाई प्राप्त करने के दिन है। ईश्वर की जितनी आराधना, भक्ति कर सकतें हैं करें।*
*♦️इसका वैज्ञानिक आधार भी है, यह समय एक ऋतु से दूसरी ऋतु में संधि काल का समय भी है अतः संक्रामक रोग फैलने की संभावना तीव्र होती है। ऐसे समय में जितना हो सके अपने इष्ट की पूजा के साथ ही*
*♦️“महामृत्युजंय मंत्र”के जाप करते रहे।*
*दान, पुण्य का भी फल इन दिनों प्राप्त होता है।*♦️

*♦️पीले और लाल वस्त्र अधिक पहने। अवसाद व निराशा में न रहें और यह नौ दिवस ईश्वर की पूर्ण निष्ठा के साथ भक्ति में लगाएं।*

*♦️सात्विक आहार लें। गुनगुने पानी में नींबू व शहद का सेवन करें। नित्य स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें और तुलसी के दो पत्तों का सेवन अवश्य करें।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है, उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं।* *हमारा उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है।* *इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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