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पंचांग - 12-03-2024

 *राम🚩राम🚩राम🚩राम🚩*
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

jyotish


*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*  
🌞~मंगलवार फाल्गुन द्वितीया, 12 मार्च 2024 का पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 12 मार्च 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅तिथि - द्वितीया सुबह 07:12:30 :23तक तत्पश्चात तृतीया 28:03:16*(क्षय )*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅ नक्षत्र    रेवती    20:28:28तत्पश्चात अश्विनी*
*⛅योग    शुक्ल    07:52:00 तत्पश्चात इन्द्र*
 *⛅योग    ब्रह्म    28:06:40*
*⛅करण    कौलव    07:12:30*
*⛅करण    तैतुल    17:34:29*
*⛅करण    गर    28:03:16*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ दिशा शूल- उत्तर दिशा में*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅ब्रह्म मुहूर्त    05:11 ए एम से 05:59ए एम*
*⛅सर्वार्थ सिद्धि योग    08:29 पी एम से 06:43 ए एम, मार्च 13*
*⛅अभिजित मुहूर्त    12:21 पी एम से 01:09 पी एम*
*⛅निशिता मुहूर्त    12:20 ए एम, मार्च १३ से 01:08 ए एम, मार्च 13*
 *🥗चोघडिया, दिन 🥗*
*रोग    06:49 - 08:18    अशुभ*
*उद्वेग    08:18 - 09:47    अशुभ*
*चर    09:47 - 11:16    शुभ*
लाभ    11:16 - 12:45    शुभ*
*अमृत    12:45 - 14:14    शुभ*
*काल    14:14 - 15:43    अशुभ*
*शुभ    15:43 - 17:12    शुभ*
*रोग    17:12 - 18:41    अशुभ*
    *🥗चोघडिया, रात 🥗*
*काल    18:41 - 20:12    अशुभ*
*लाभ    20:12 - 21:43    शुभ*
*उद्वेग    21:43 - 23:14    अशुभ*
*शुभ    23:14 - 24:44    शुभ*
*अमृत    24:44 - 26:15    शुभ*
*चर    26:15 - 27:46    शुभ*
*रोग    27:46 - 29:17 अशुभ*
*काल    29:17 - 30:48    अशुभ*
kundli


*⛅व्रत पर्व विवरण - श्री रामकृष्ण परमहंस जयंती (ति.अ.), पंचक (समाप्त - रात्रि 08:29), तृतीया क्षय तिथि ।*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
✅ *वैसे तो भगवान शिव का अभिषेक हमेशा करना चाहिए,लेकिन शिवरात्रि)का दिन कुछ खास है। यह दिन भगवान शिवजी  का विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। कई ग्रंथों में भी इस बात का वर्णन मिलता है। भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है मनोकामना पूरी होती है। धर्मसिन्धू के दूसरे परिच्छेद के अनुसार,अगर किसी खास फल की इच्छा हो तो भगवान के विशेष शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यहां जानिए किस धातु के बने शिवलिंग की पूजा करने से कौन-सा फल मिलता है।*
1⃣ *सोने के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सत्यलोक (स्वर्ग) की प्राप्ति होती है ।*
2⃣ *मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।*
3⃣ *हीरे से निर्मित शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है ।*
4⃣ *पुखराज के शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।*
5⃣ *स्फटिक के शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी हो जाती हैं ।*
6⃣ *नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है ।*
7⃣ *चांदी से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति होती है ।*
8⃣ *ताम्बे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लम्बी आयु की प्राप्ति होती है ।*
9⃣ *लोहे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है ।*
🔟 *आटे से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है ।*
1⃣1⃣ *मक्खन से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने पर सभी सुख  प्राप्त होते हैं ।*
1⃣2⃣ *गुड़ के शिवलिंग पर अभिषेक करने से अन्न की प्राप्ति होती है ।*
   *🌹 *कालसर्प दोष*🌹*
*✅ - कालसर्प दोष के उपाय

✅ *कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है,इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाए हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप महाशिवरात्रि पर उपाए कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाए इस प्रकार हैं-*
🐍 *1.अनन्त कालसर्प दोष*
*🌹-अनन्त कालसर्प दोष होने पर शिवरात्रि पर एकमुखी,आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*
*🌹-यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है,तो महाशिवरात्रि पर रांगे(एक धातु)से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।*
🐍 *2.कुलिक कालसर्प दोष*
*🌹-कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।*
*🌹-चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।*

🐍 *3. वासुकि कालसर्प दोष*
*🌹- वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।*
*🌹- महाशिवरात्रि पर लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*
🐍 *4. शंखपाल कालसर्प दोष*
*🌹- शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबुत  बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।*
*🌹- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।*
🐍 *5. पद्म कालसर्प दोष*
*🌹- पद्म कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।*
*🌹- जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।*
🐍 *6. महापद्म कालसर्प दोष*
*🌹- महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।*
*🌹- महाशिवरात्रि पर गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।*
🐍 *7. तक्षक कालसर्प दोष*
*🌹- तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।*
*🌹- सफेद कपड़े और चावल का दान करें।*
🐍 *8. कर्कोटक कालसर्प दोष*
*🌹- कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।*
*🌹- महाशिवरात्रि पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।*
🐍 *9. शंखचूड़ कालसर्प दोष*
*🌹- शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए महाशिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।*
*🌹- पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*
🐍 *10. घातक कालसर्प दोष*
*🌹- घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।*
*🌹- चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।*
🐍 *11. विषधर कालसर्प दोष*
*🌹- विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।*
*🌹- महाशिवरात्रि (हर माह में भी आती है।) पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।*
🐍 *12. शेषनाग कालसर्प दोष*
*🌹- शेषनाग कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि (प्रत्येक माह की तेरस को भी) पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।*
*🌹- महाशिवरात्रि (प्रत्येक माह की तेरस को भी) पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें।🌷*
 यह स्कन्दपुराण🙏 के अनुसार  फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को 'निशिभ्रमन्ति भूतानि शक्तयः शूलभृद यतः । अतस्तस्यां चतुर्दश्यां सत्यां तत्पूजनं भवेत् ॥'  अर्थात् रात्रिके समय भूत, प्रेत, पिशाच, शक्तियाँ और स्वयं शिवजी भ्रमण करते हैं; अतः उस समय इनका पूजन करने से मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं । शिवपुराण में आया है “कालो निशीथो वै प्रोक्तोमध्ययामद्वयं निशि ॥ शिवपूजा विशेषेण तत्काले ऽभीष्टसिद्धिदा ॥ एवं ज्ञात्वा नरः कुर्वन्यथोक्तफलभाग्भवेत्” अर्थात रात के चार प्रहरों में से जो बीच के दो प्रहर हैं, उन्हें निशीधकाल कहा गया हैं | विशेषत: उसी कालमें की हुई भगवान शिव की पूजा अभीष्ट फल को देनेवाली होती है – ऐसा जानकर कर्म करनेवाला मनुष्य यथोक्त फलका भागी होता है |*
🙏🏻 *चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। अत: ज्योतिष शास्त्रों में इसे परम कल्याणकारी कहा गया है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है। परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। शिवरहस्य में कहा गया है ।*
🌷 *“चतुर्दश्यां तु कृष्णायां फाल्गुने शिवपूजनम्। तामुपोष्य प्रयत्नेन विषयान् परिवर्जयेत।। शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्।”*
🙏🏻 *शिवपुराण में ईशान संहिता के अनुसार “फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि। शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्यसमप्रभ:॥” अर्थात फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोडों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए इसलिए इसे महाशिवरात्रि मानते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण में विद्येश्वर संहिता के अनुसार शिवरात्रि के दिन ब्रह्मा जी तथा विष्णु जी ने अन्यान्य दिव्य उपहारों द्वारा सबसे पहले शिव पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर महेश्वर ने कहा था की “आजका दिन एक महान दिन है | इसमें तुम्हारे द्वारा जो आज मेरी पूजा हुई है, इससे मैं तुम लोगोंपर बहुत प्रसन्न हूँ | इसीकारण यह दिन परम पवित्र और महान – से – महान होगा | आज की यह तिथि ‘महाशिवरात्रि’ के नामसे विख्यात होकर मेरे लिये परम प्रिय होगी | इसके समय में जो मेरे लिंग (निष्कल – अंग – आकृति से रहित निराकार स्वरूप के प्रतीक ) वेर (सकल – साकाररूप के प्रतीक विग्रह) की पूजा करेगा, वह पुरुष जगत की सृष्टि और पालन आदि कार्य भी कर सकता हैं | जो महाशिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेन्द्रिय रहकर अपनी शक्ति के अनुसार निश्चलभाव से मेरी यथोचित पूजा करेगा, उसको मिलनेवाले फल का वर्णन सुनो | एक वर्षतक निरंतर मेरी पूजा करने पर जो फल मिलता हैं, वह सारा केवल महाशिवरात्रि को मेरा पूजन करने से मनुष्य तत्काल प्राप्त कर लेता हैं |*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से मिले
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,*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*

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