Type Here to Get Search Results !

पंचांग - 10-03-2024

 *राम🚩राम🚩राम🚩राम🚩*
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*💐🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*💐🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*

jyotish




*🌞~ रविवार फाल्गुन पक्ष  कृष्ण अमावस्या 10 मार्च 2024 का  पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 10 मार्च 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
⛅तिथि - अमावस्या दोपहर 02:29:21 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद मध्य रात्रि 01:54 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
⛅योग - साध्य शाम 04:12:08 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 05:11 से दोपहर 06:40 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:50:54*
*⛅सूर्यास्त - 06:39:54*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:01 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:09 तक*
*⛅गोधूलि मुहूर्त    06:39 पी एम से 07:03 पी एम*
*⛅अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:22 से 01:09*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पंचक प्रारम्भ* *(पंचक ³    अहोरात्र    अशुभ)*

    *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*उद्वेग    06:51 - 08:20    अशुभ*
*चर    08:20 - 09:48    शुभ*
*लाभ    09:48 - 11:17    शुभ*
*अमृत    11:17 - 12:45    शुभ*
*काल    12:45 - 14:14    अशुभ*
*शुभ    14:14 - 15:43    शुभ*
*रोग    15:43 - 17:11    अशुभ*
*उद्वेग    17:11 - 18:40    अशुभ*
    *⛅चोघडिया, रात ⛅*
*शुभ    18:40 - 20:11    शुभ*
*अमृत    20:11 - 21:42    शुभ*
*चर    21:42 - 23:14    शुभ*
*रोग    23:14 - 24:45    अशुभ*
*काल    24:45 - 26:16    अशुभ*
*लाभ    26:16 - 27:47    शुभ*
*उद्वेग    27:47 - 29:19    अशुभ*
*शुभ    29:19 - 30:50    शुभ*
*⛅फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च 2024 को, जानें शुभ मुहूर्त, स्नान -दान का समय, पितरों का कैसे करें तर्पण*
*⛅फाल्गुन अमावस्या पर स्नान दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या पर किस समय करें स्नान दान और पितरों को कैसे करें तर्पण*
*⛅हर एक अमावस्या का अपना-अपना एक महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि काफी खास है। इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को हर तरह के दुख-दर्द, रोग-दोषों से निजात मिल जाती है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का समय, तर्पण विधि और महत्व।*
*⛅फाल्गुन अमावस्या 2024 तिथि सनातन पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या तिथि 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 10 मार्च को 2 बजकर 29:21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को है।*
*⛅फाल्गुन अमावस्या स्नान-दान का मुहूर्त अमावस्या पर स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह 4 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक स्नान दान कर सकते हैं। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।*
*⛅अमावस्या पर करें ये खास उपाय, पितृदोष, शनिदोष से मिलेगी मुक्ति, पितर होंगे प्रसन्न अमावस्या पूजा विधि अमावस्या के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इसलिए अमावस्या तिथि पर गंगा के अलावा अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर आप किसी कारणवश स्नान के लिए नहीं जा रहे हैं, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इसके बाद एक तांबे लोटे में जल के साथ सिंदूर, फूल और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्ध्य करें। इसके ,साथ ही गणेश जी, विष्णु जी की विधिवत पूजा करें। भगवान विष्णु को पीला चंदन, फूल, माला चढ़ाने के साथ तुलसी के साथ भोग लगाएं। इसके साथ ही घी का दीपक और धूप जलाकर चालीसा, मंत्र आदि पढ़ लें।*
*⛅फाल्गुन अमावस्या पर स्नान दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या पर किस समय करें स्नान दान और पितरों को कैसे करें तर्पण फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त, तर्पण विधि हिंदू धर्म में हर एक अमावस्या का अपना-अपना एक महत्व है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि काफी खास है। इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को हर तरह के दुख-दर्द, रोग-दोषों से निजात मिल जाती है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का समय, तर्पण विधि और महत्व।*
*⛅फाल्गुन अमावस्या 2024 तिथि पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या तिथि 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17:08 मिनट से शुरू हो रही है, जो 10 मार्च को 2 बजकर 29:21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को है अमावस्या स्नान-दान का मुहूर्त*
*⛅अमावस्या पर स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह 4 बजकर 49 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक स्नान दान कर सकते हैं। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।*

*⛅फाल्गुन अमावस्या पर करें ये खास उपाय, पितृदोष, शनिदोष से मिलेगी मुक्ति, पितर होंगे* *प्रसन्नफाल्गुन अमावस्या पूजा विधि*
*⛅अमावस्या के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इसलिए अमावस्या तिथि पर गंगा के अलावा अन्य पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर आप किसी कारणवश स्नान के लिए नहीं जा रहे हैं, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इसके बाद एक तांबे लोटे में जल के साथ सिंदूर, फूल और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्ध्य करें। इसके ,साथ ही गणेश जी, विष्णु जी की विधिवत पूजा करें। *भगवान विष्णु को पीला चंदन, फूल, माला चढ़ाने के साथ तुलसी के साथ भोग लगाएं। इसके साथ ही घी का दीपक और धूप जलाकर चालीसा, मंत्र आदि पढ़ लें।पितरों का तर्पण* *अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना काफी शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन कुछ खास उपाय करके पितृदोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है।*
*⛅पितरों का तर्पण करने के लिए एक लोटे में जल लें और उसमें फूल और तिल डाल लें। इसके बाद पितरों को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय हथेली में लेकर अपने अंगूठे की ओर से चढ़ाएं। इसके बाद गाय के गोबर का कंडा या उपला जलाकर केसर युक्त खीर, गुड़ घी डालकर अर्पित करें।*
*⛅पितरों का तर्पण करने के लिए एक लोटे में जल लें और उसमें फूल और तिल डाल लें। इसके बाद पितरों को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय हथेली में लेकर अपने अंगूठे की ओर से चढ़ाएं। इसके बाद गाय के गोबर का कंडा या उपला जलाकर केसर युक्त खीर, गुड़ घी डालकर अर्पितकरें*
*⛅व्रत पर्व विवरण - द्वापर युगादि तिथि, अमावस्या, पंचक*
*⛅विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*⛅अमावस्या विशेष⛅*
*⛅1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।
(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*
*⛅2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*
*⛅द्वापर युगादि तिथि : 10 मार्च*
*⛅चारों युग के प्रारम्भ होते समय जो मास और तिथि थी । उन्हें युगादि तिथियाँ कहते हैं।*
*⛅द्वापर युग की आरम्भ तिथि - फाल्गुन कृष्ण अमावस्या।*
*⛅इस दिन किया गया जप, तप, ध्यान, स्नान, दान, यज्ञ, हवन आदि अक्षय फल होता है।*
▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🔯

 *🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Post Ad