*राम🚩राम🚩राम🚩राम🚩*
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*💐🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*💐🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*🌞~शुक्रवार त्रयोदशी का 08 मार्च 2024 पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 08 मार्च 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 09:57:14 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - श्रवण सुबह 10:39:52 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग - शिव मध्य रात्रि 12:44:38 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:18 से दोपहर 12:46 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:53:02*
*⛅सूर्यास्त - 06:18:38*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:03 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:10 तक*
*⛅अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:22 से 01:09*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ 06:54 - 08:22 शुभ*
*रोग 08:22 - 09:50 अशुभ*
*उद्वेग 09:50 - 11:18 अशुभ*
*चर 11:18 - 12:46 शुभ*
*लाभ 12:46 - 14:14 शुभ*
*अमृत 14:14 - 15:42 शुभ*
*काल 15:42 - 17:10 अशुभ*
*शुभ 17:10 - 18:38 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*अमृत 18:38 - 20:10 शुभ*
*चर 20:10 - 21:42 शुभ*
*रोग 21:42 - 23:14 अशुभ*
*काल 23:14 - 24:46अशुभ*
*लाभ 24:46 - 26:17 शुभ*
*उद्वेग 26:17 - 27:49 अशुभ*
*शुभ 27:49 - 29:21शुभ*
*अमृत 29:21 - 30:53 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि जागरण, विश्व महिला दिवस, पंचक (आरम्भ रात्रि 09:20)*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌞प्रदोष व्रत : 08 मार्च*🌞*
*🌞 सूतजी कहते हैं - त्रयोदशी तिथि में सायंकाल प्रदोष कहा गया है । धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की इच्छा रखनेवाले पुरुषों को प्रदोष में नियम पूर्वक भगवान् शिव की पूजा, होम, कथा और गुणगान करने चाहिये ।*
*🌞दरिद्रता के तिमिर से अन्धे और भवसागर में डूबे हुए संसार भय से भीरु मनुष्यों के लिये यह प्रदोषव्रत पार लगानेवाली नौका है ।*
*🌞भगवान् शिव की पूजा करने से मनुष्य दरिद्रता, मुर्त्यु-दुःख और पर्वत के समान भारी ऋण-भार को शीघ्र ही दूर कर के सम्पत्तियों से पूजित होता है।*
*(स्कन्द पुराण : ब्रम्होत्तर खंड)*
*🌞महाशिवरात्रि : 08 मार्च*🌞
*🌞निशीथकाल - रात्रि 12:13 से 01:01 तक ।*
*🌞(प्रहर:- प्रथम - शाम 06:33 से, द्वितीय - रात्रि 09:35 से, तृतीय - मध्यरात्रि 12:37 से, चतुर्थ - 09 मार्च प्रातः 03:39 से)*
*🌞(पारणा : 09 मार्च सूर्योदय के बाद)*
*🌞1. शिवरात्रि को भक्तिभाव से रात्रि जागरण किया जाता है । इस रात्रि में किये जाने वाले जप, तप और व्रत हजारों गुना पुण्य प्रदान करते हैं ।*
*🌞2. शिवरात्रि में रात्रि जागरण, बिल्वपत्र चंदन पुष्प आदि से शिव पूजन तथा जप ध्यान किया जाता है । यदि इस दिन 'बं' बीजमंत्र का सवा लाख जप किया जाय तो जोड़ों के दर्द एवं वायु सम्बंधी रोगों में विशेष लाभ होता है ।*
*🌞3. शिवरात्रि व्रत सभी पापों का नाश करने वाला है और यह योग एवं मोक्ष की प्रधानता वाला व्रत है ।*
*🌞4. शिवरात्रि का व्रत न करने से पाप लगता है लेकिन करने से ऐसी बुद्धि होती है जैसी सतयुग, त्रेता और द्वापर के लोगों की होती थी और वही पुण्यलाभ प्राप्त होता है, जो उस काल में मिलता था क्योंकि काल के प्रभाव से जो पुण्य लुप्त हो गये हैं, वे शिवरात्रि के दिन पूर्णतः विद्यमान होते हैं ।*
*🌞5. जीवन में अगर कोई-न-कोई व्रत नहीं रखा तो जीवन में दृढ़ता नहीं आयेगी, दक्षता नहीं आयेगी, अपने-आप पर श्रद्धा नहीं बैठेगी और सत्यस्वरूप आत्मा- परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती है। अतः शिवरात्रि का व्रत जरूर रखें ।*
*🌞नमः शिवाय मंत्र जप🌞*
*🌞अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र । वामदेव ऋषिः । पंक्तिः छंदः । शिवो देवता । ॐ बीजम् । नम : शक्तिः । शिवाय कीलकम् । अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे है - ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उस संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी ।*
*🌞 महाशिवरात्रि पारणा (व्रत तोड़ना) : 09 मार्च सुबह सूर्योदय के बाद किया जायेगा ।*
*🌞 शिवरात्रि चतुर्थ प्रहर शिव पूजन के बाद सूर्योदय पहले स्नान से निवृत हो कर व जप-ध्यान का नियम करके, सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए ।*
*🌞उसके बाद नींबू को गुनगुने पानी मे मिलाकर नींबू पानी पिएं ।*
*🌞आधा-एक घण्टे के बाद मूंग का पानी पियें, कुछ समय के बाद मूंग खाएं ।*
*🌞मूंग खाने के एक-डेढ़ घण्टे के बाद सामान्य भोजन ले सकते है ।*
*🌞 पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अति उत्तम होगा ।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श लेवे
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