*राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️*
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*💐🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*💐🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*💐~ सोमवार फाल्गुनअष्टमी 04 मार्च 2024 का पंचांग ~💐*
*💐दिनांक - 04 मार्च 2024*
*💐दिन - सोमवार*
*💐विक्रम संवत् - 2080*
*💐अयन - उत्तरायण*
*💐ऋतु - वसंत*
*💐मास - फाल्गुन*
*💐पक्ष - कृष्ण*
*💐तिथि - अष्टमी सुबह 08:48:39 तक तत्पश्चात नवमी*
*💐नक्षत्र - ज्येष्ठा शाम 04:20:34 तक तत्पश्चात मूल*
*💐योग - वज्र शाम 04:04:34 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*💐राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:25 से 09:52 तक*
*💐सूर्योदय - 06:57:12*
*💐सूर्यास्त - 06:36:32*
*💐दिशा शूल - पूर्व*
*💐ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:17 से 06:07 तक*
*💐निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:12 तक*
*💐अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:23 से 01:10 तक*
*💐 विजय मुहूर्त 02:44 पी एम से 03:31 पी एम*
*💐अमृत काल 07:24 ए एम से 09:02ए एम*
*💐चोघडिया, दिन💐*
*अमृत 06:57 - 08:25 शुभ*
*काल 08:25 - 09:52 अशुभ*
*शुभ 09:52 - 11:19 शुभ*
*रोग 11:19 - 12:47 अशुभ*
*उद्वेग 12:47 - 14:14 अशुभ*
*चर 14:14 - 15:42 शुभ*
*लाभ 15:42 - 17:09 शुभ*
*अमृत 17:09 - 18:37 शुभ*
*💐चोघडिया, रात💐*
*चर 18:37 - 20:09 शुभ*
*रोग 20:09 - 21:41 अशुभ*
*काल 21:41 - 23:14 अशुभ*
*लाभ 23:14 - 24:46 शुभ*
*उद्वेग 24:46 - 26:19 अशुभ*
*शुभ 26:19 - 27:51 शुभ*
*अमृत 27:51 - 29:24 शुभ*
*चर 29:24 - 30:56 शुभ*
*💐व्रत पर्व विवरण -*
*💐विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💐व्यतिपात योग - 05 मार्च 24*
*💐समय अवधि : 05 मार्च दोपहर 02:09 से 06 मार्च सुबह 11:33 तक ।*
*💐व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । - वराह पुराण*
*💐महा शिवरात्रि - 08 मार्च 24💐*
*💐दांपत्य जीवन अशांति है तो
महा शिवरात्रि को आराधना करे
यदि दांपत्य जीवन की गाड़ी के दोनों पहिए एक ही दिशा में न चलकर अलग-अलग चल रहे हैं. सुख-शांति की जगह मनमुटाव और नोकझोक ने ले ली है और आपकी लाख कोशिशों के बाद भी बात नहीं बन रही है, तो आपको महाशिवरात्रि का उपवास जरूर रखना चाहिए. इसके साथ ही जिस भी कन्या या लड़के का विवाह नहीं हो रहा है, उन्हें भी उपवास रखने के साथ भोलेबाबा से अच्छे जीवनसाथी की प्रार्थना करनी चाहिए.*
*💐सबसे बड़ी 'शिवरात्रि'*
*शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को 'शिवरात्रि' का व्रत होता है परन्तु फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को 'महाशिवरात्रि' के नाम से जाना जाता है, नाम से ही स्पष्ट है कि यह शिवरात्रि सबसे बड़ी है. कुछ लोग की मान्यता है कि महाशिवरात्रि भगवान शिव का प्राकट्य दिवस हैं किंतु शिव तो अनादि हैं तथा वे काल से परे हैं. इसलिए शिव तो सर्वत्र और सदैव विद्यमान हैं.*
*💐अर्पित करें ये चीजें*
*स्कंद पुराण में शिवरात्रि के दिन उपवास और रात्रि जागरण करने की बात कही गयी है. विधि-विधान से शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर काले तिलों से स्नान किया जाता है तथा पूरे दिन व्रत रखा जाता है.* *रात्रि में शिवजी का पूजन किया जाता है. शिवजी के सबसे प्रिय पुष्पों में मदार अर्थात आकड़ा, कनेर, बेलपत्र, तथा मौलश्री हैं. पूजन में बिल्वपत्र सबसे प्रमुख है. शिवजी पर पका आम चढ़ाने से विशेष फल प्राप्त होता है. उन पर गाजर, बेर, धतूरा, भांग आदि भी चढ़ाई जाती है. शिवलिंग पर चढ़ाए गए पुष्प, फल तथा जल आदि को केवल सिर से लगाया जाता है, मुंह में नहीं ग्रहण नहीं किया जाता.*
*💐चारों प्रहरों में पूजा का महत्व
शिवरात्रि के चारों प्रहरों में शिवजी की पूजा की जाती है. सभी पूजाएं ऋग्वेद के पुरुषसूक्त के 16 मंत्र बोलकर की जाती हैं.*
*💐जो लोग पुरुषसूक्त के मंत्र नहीं पढ़ सकते, वे पहले प्रहर की पूजा महामृत्युंजय मंत्र से कर सकते हैं. इसी मंत्र से भगवान शिव का आह्वान, ध्यान, आसन, पाद्य, अर्घ्य, स्नान, आचमन, वस्त्र, केसर, पुष्प, अक्षत, धूप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती और पुष्पांजलि अर्पित की जाती है.*
*💐दूसरे प्रहर में उन्हें फल, फूल एवं पूजन सामग्री चढ़ाई जाती है तथा आरती की जाती है.*
*💐तीसरे प्रहर में मंत्र से पूजा कर उनकी आरती उतार कर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है.*
*💐चौथे प्रहर शिवरात्रि व्रत की कथा सुनने के बाद पारण किया जाता है.*
*💐4 मार्च को सिद्धि योग, रूचक योग समेत कई अनुकूल योग बन रहे हैं, जिससे कल का दिन मेष, सिंह, कुंभ समेत अन्य 5 राशियों के लिए फायदेमंद रहने वाला है। साथ ही सोमवार का दिन चंद्र देव और भगवान भोलेनाथ को समर्पित हैं, ऐसे में आज इन 5 राशियों को शिव शंकर का आशीर्वाद भी मिलेगा। *
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*⛅यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।_*
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*♦️ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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