फैज मोहम्मद हत्याकाण्ड में आरोपियों को आजीवन कारावास
10 साल पुराने फैज मोहम्मद हत्याकाण्ड में अभियुक्तगण को आजीवन कारावास व भारी-भरकम जुर्माने से किया गया दण्डित
प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित तथ्य
1. दिनाँक 15-11-2014 को थानाधिकारी पुलिस थाना कुचामन सिटी सुरेश मय जाब्ता हैड कांस्टेबल फैज मोहम्मद, कांस्टेबल फारूख अली, परमाराम, सरकारी जीप चालक रफीक खान के साथ ग्राम खारिया व भांवता में हुई चोरी का मौका मुआयना कर वापिस मय जाब्ता सरकारी जीप से कुचामन की तरफ आ रहे थे, तब समय लगभग 01:45 पी.एम. पर ग्राम भांवता व हिराणी के बीच भांवता गांव के काकड़ में राजकीय माध्यमिक विधालय, भांवता के सामने हिराणी की तरफ से स्कोर्पियों गाड़ी नम्बर आर.जे.23-यू.ए. 8869 में आये अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह व मदनसिंह ने पुलिस जीप के टक्कर मारी एवं दोनों ने पुलिस व जाब्ते पर अन्धाधुन्ध फायरिंग की। उक्त फायरिंग के दौरान गोली लगने से पुलिस थाना कुचामन सिटी के हैड कांस्टेबल फैज मोहम्मद की मृत्यु कारित हो गयी तथा अन्य जाब्ता के गोलियों की लगने से चोटे कारित हुई। उक्त घटना के समय अभियुक्ता श्रीमती दौलत बानो भी अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह व मदनसिंह के साथ स्कोर्पियों में सवार थी।
2. उक्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाना कुचामन सिटी पर प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 375/2014 दर्ज की जाकर बाद अनुसंधान अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह, मदनसिंह व श्रीमती दौलत बानों के विरूद्ध आरोप-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा बहस चार्ज सुनी जाकर अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह, मदनसिंह व श्रीमती दौलतबानों को आरोप अन्तर्गत धारा 120 बी, 302/34, 307/34, 332/34, 353/34 भा.दं.सं. व धारा 3/25, 7/27 आर्म्स एक्ट व धारा 3 पी०डी०पी०पी०एक्ट के आरोप सुनाये गये। अभियोजन पक्ष की ओर से मौखिक साक्ष्य में कुल 27 गवाहान् को परीक्षित करवाया गया एवं दस्तावेजी साक्ष्य में 119 दस्तावेज तथा आर्टिकल 1 लगायत 138 आर्टिकल प्रदर्शित करवाये गये।
3. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, कुचामन सिटी श्री सुन्दर लाल खारोल द्वारा निर्णय पारित करते हुये अभियुक्ता श्रीमती दौलत बानों को आरोपित अपराधों से दोषमुक्त घोषित किया गया तथा अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह पुत्र रावतदान निवासी इण्डाली, पुलिस थाना चितावा, जिला नागौर व मदनसिंह पुत्र नरपतसिंह निवासी बिन्जासी, पुलिस थाना लोसल, जिला-सीकर को आरोपित धारा 302/34, 307/34, 332/34, 353/34 भारतीय दण्ड संहिता 1860, धारा 3/25, 7/27(2) आर्म्स एक्ट,1959 व धारा 3 पी०डी०पी०पी०एक्ट, 1984 के तहत दोषसिद्ध घोषित किया जाकर अपराध धारा 302 सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के तहत आजीवन कारावास से एवं 1,00,000/- रूपए के अर्थदण्ड, अपराध धारा 307 सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के तहत 10 (दस) वर्ष के कठोर कारावास व 50,000/-रूपये के अर्थदण्ड, अपराध धारा 332 सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के तहत 02 (दो) वर्ष के साधारण कारावास व 20,000/- रूपये के अर्थदण्ड, अपराध धारा 353 सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के तहत 1 (एक) वर्ष के साधारण कारावास व 10,000/- रूपये के अर्थदण्ड, अपराध धारा 3 पी.डी.पी.पी.एक्ट, 1984 के तहत 03 (तीन) वर्ष के साधारण कारावास व 1,00,000/- रूपये के अर्थदण्ड, अपराध धारा 3/25 आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत 02 (दो) वर्ष के साधारण कारावास व 20,000/-रूपये के अर्थदण्ड, अभियुक्त को अपराध धारा 7/27 (2) आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत 10 (दस) वर्ष के साधारण कारावास व 50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित
किया है।
अभियुक्तगण विजेन्द्रसिंह व मदनसिंह कुख्यात अपराधी है, जिनके विरुद्ध विभिन्न थानों में हत्या, लूट, डकैती, चोरी, नकबजनी के दर्ज है।