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पंचांग - 26-02-2024

 *राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️*
*🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*⛅ 🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*⛅ 🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*

jyotish


*🌞~ सोमवार फाल्गुन द्वितीया 26 फरवरी 2024 का पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक - 26 फरवरी 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया रात्रि 11:15:25 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 27 फरवरी प्रातः 04:29:25 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग - धृति दोपहर 03:25:31 तक तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:30 से 09:56 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:04:06*
*⛅सूर्यास्त - 06:32:22*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:14 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:25 से 01:11 तक*
   *⛅ चोघडिया, दिन⛅*
अमृत    07:04 - 08:30    शुभ
काल    08:30 - 09:56    अशुभ
शुभ    09:56 - 11:22    शुभ
रोग    11:22 - 12:48    अशुभ
उद्वेग    12:48 - 14:14    अशुभ
चर    14:14 - 15:40    शुभ
लाभ    15:40 - 17:06    शुभ
अमृत    17:06 - 18:32    शुभ
   *⛅चोघडिया, रात⛅*
चर    18:32 - 20:06    शुभ
रोग    20:06 - 21:40    अशुभ
काल    21:40 - 23:14    अशुभ
लाभ    23:14 - 24:48    शुभ
उद्वेग    24:48 - 26:22    अशुभ
शुभ    26:22 - 27:55शुभ
अमृत    27:55 - 29:29    शुभ
चर    29:29 - 31:03    शुभ
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*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*द्वितीया तिथि का ज्योतिष महत्त्व
यदि द्वितीया तिथि सोमवार या शुक्रवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा किसी माह में यदि द्वितीया तिथि दोनों पक्षों में बुधवार के दिन पड़ती है तो यह सिद्धिदा कहलाती है। ऐसे समय शुभ कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होता है।*
*कृष्ण द्वितीया को अधिकांश शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है । इसलिए इसे शुभ मुहूर्त समय में शामिल किया गया है।*
ज्योतिष कहना है कि ग्रंथों में हर द्वादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व बताया गया है।*
*ज्योतिष के मूल सिद्धांत (सूक्ष्म तार्किक विश्लेषण )*
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       *अन्यान्य विद्द्या योग*
*सामान्य सूत्र : यदि गुरु नवम् भाव मे हो और उस पर शनि, चन्द्रमा की दृष्टि हो तो जातक विदेश मे रहकर कानून का कार्य करके प्रसिद्धि प्राप्त करता है*
*प्रभावी सूत्र : इसी योग के साथ साथ अगर शुक्र तीसरे भाव मे हो, गुरु स्वयं के या पुष्य, रोहिणी नक्षत्र मे 12-18 डिग्री के साथ हो तो सूत्र शत प्रतिशत लागू होगा बशर्ते जातक कानून की पढ़ाई करें तो उसके लिए ये effortless learning और effortless earning का कार्य करेंगी अर्थात काम समय मे ही कानून की अच्छी समझ हो जाएगी और नाम के साथ साथ धनागम भी
सिर्फ ग्रहो की प्लेसमेंट को ना देखें बल्कि ये देखें की उनकी जो भी प्लेसमेंट है उसके अनुसार कार्य किया जाए तो ना तो कोई चांडाल योग फलित होगा ना ही ग्रहण योग बल्कि ये सभी दुर्योग राजयोग का कार्य करेंगे.....*

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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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