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पंचांग - 22-02-2024

 🚩  राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️
🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱    
⛅ 🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय
⛅ 🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।

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⛅ गुरुवार त्रयोदशी22 फरवरी 2024 का पंचांग ⛅
⛅दिनांक - 22 फरवरी 2024
⛅दिन - गुरूवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - वसंत
⛅मास - माघ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅तिथि - त्रयोदशी दोपहर 01:21:01 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅नक्षत्र - पुष्य शाम 04:42:07 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅योग - सौभाग्य दोपहर 12:11:05 तक तत्पश्चात शोभन
⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 02:14 से 03:40 तक
⛅सूर्योदय - 07:07:47*
⛅सूर्यास्त - 06:29:51*
⛅दिशा शूल - दक्षिण*
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:13 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:16 से 01:12 तक
⛅ गुरु पुष्य योग    07:07ए एम से 04:43 पी एम
⛅सर्वार्थ सिद्धि योग    07:07ए एम से 04:43 पी एम
  ⛅ चोघडिया, दिन ⛅
शुभ    07:10 - 08:35    शुभ
रोग    08:35 - 10:01    अशुभ
उद्वेग    10:01 - 11:26    अशुभ
चर    11:26 - 12:52    शुभ
लाभ    12:52 - 14:17    शुभ
अमृत    14:17 - 15:43    शुभ
काल    15:43 - 17:08    अशुभ
शुभ    17:08 - 18:33    शुभ
     ⛅चोघडिया, रात ⛅
अमृत    18:33 - 20:08    शुभ
चर    20:08 - 21:42    शुभ
रोग    21:42 - 23:17    अशुभ
काल    23:17 - 24:51    अशुभ
लाभ    24:51 - 26:26    शुभ
उद्वेग    26:26 - 28:00    अशुभ
शुभ    28:00 - 29:34    शुभ
अमृत    29:34 - 31:09    शुभ
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⛅व्रत पर्व विवरण - दिनत्रय व्रत, गुरुपुष्यामृत योग
⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
⛅22 फरवरी 2024 :    गुरुपुष्यामृत योग
⛅पूण्य काल - 22 फरवरी सूर्योदय से शाम 04:43 तक
⛅गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।

⛅दिनत्रय व्रत ⛅
⛅माघ शुक्ल त्रयोदशी से माघी पूर्णिमा तक
22 फरवरी से 24 फरवरी तक
⛅पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास में दो बार चतुर्दशी तिथि आती है। हर माह पड़ने वाली 14वीं तिथि को चतुर्दशी/चौदस कहते हैं। यह तिथि एक पूर्णिमा के बाद और दूसरी अमावस्या के बाद पड़ती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्दशी को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्दशी को शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी कहते हैं।
 
 ⛅- चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके भगवान शिव का ध्‍यान करें तथा व्रत का संकल्‍प लें।
 ⛅- पूजन के दौरान शिवलिंग पर जल, दूध, गंगाजल (यदि उपलब्ध हो तो) शकर, घी, शहद और दही अर्पित करके पूजन करें।
⛅- पुष्प, बिल्वपत्र, धतूरा आदि भी चढ़ाएं।
⛅ - भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की आरती करें।
 ⛅ मिठाई का भोग लगाएं।
 ⛅- शिव मंत्र- 'ॐ नम: शिवाय' का जाप अधिक से अधिक करें।
- शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद रात्रि जागरण करें।
 ⛅- अगले दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर पूजन करके ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें।
 ⛅- तत्पश्चात पारण करके व्रत को पूर्ण करें।
 ⛅इसके अलावा मंत्र- 'शिवाय नम:'। 'ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ'। आदि का भी जाप करना फलदायी रहता है।
⛅चतुर्दशी के दिन नमक का सेवन करने से परिवार की खुशहाली खराब हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिन भगवान विष्णु ने चौदह लोकों की रक्षा के लिए चौदह रूप धारण किये थे।
⛅चतुर्थी के दिन मूली खाना निषेध है, इससे धन का नाश होता है।
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⛅चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। इस दिन शिव जी के साथ गणेश, कार्तिकेय तथा माता पार्वती का पूजन किया जाता है। जीवन में सुख एवं शांति की कामना से मासिक शिवरात्रि तथा चतुर्दशी के दिन शिव का पूजन किया जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से शिव की पूजा तथा मंत्र जाप करने से मनुष्य सांसारिक बंधन से मुक्त हो जाता है।
⛅वैसे देखा जाए तो चतुर्दशी के दिन
शाम को घर के मुख्य द्वार के बाहर तेल का दीपक करें ताकि आपको पितृ संबंधी कोई भी समस्या हो तो उसका निवारण हो सकता है एवं अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन एवं गीता का पाठ करें
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♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।
♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे
अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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