*🚩 *राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️*
*🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*♦️ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।*
*♦️रविवार माघ(शु) नवमी 8 फरवरी 2024 का ♦️*
*♦️दिनांक - 18 फरवरी 2024*
*♦️दिन - रविवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - शिशिर*
*♦️मास - माघ*
*♦️पक्ष - शुक्ल*
*♦️तिथि - नवमी सुबह 08:14:52 तक तत्पश्चात दशमी*
*♦️नक्षत्र - रोहिणी सुबह 09:21:36 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*♦️योग - वैधृति दोपहर 12:37: 27तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*♦️चन्द्र राशि वृषभ till 21:52:46*
*♦️चन्द्र राशि मिथुन from 21:52:46*
*♦️सूर्य राशि कुम्भ*
रितु शिशिर*
*♦️आयन उत्तरायण*
*♦️संवत्सर शोभकृत*
*♦️संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*♦️विक्रम संवत 2080*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - शाम 05:03 से 06:27 तक*
*♦️सूर्योदय - 07:11:14*
*♦️सूर्यास्त - 06:27:13*
*♦️दिशा शूल - पश्चिम*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:19 तक*
*♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:14 तक*
*♦️ विजय मुहूर्त 02:42 पी एम से 03:27 पी एम*
*♦️व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्रि-नवमी*
*♦️चोघडिया, दिन*♦️
*उद्वेग 07:11 - 08:36 अशुभ*
*चर 08:36 - 10:00 शुभ*
*लाभ 10:00 - 11:25 शुभ*
*अमृत 11:25 - 12:49 शुभ*
*काल 12:49 - 14:14 अशुभ*
*शुभ 14:14 - 15:38 शुभ*
*रोग 15:38 - 17:03 अशुभ*
*उद्वेग 17:03 - 18:27 अशुभ*
*♦️चोघडिया, रात*♦️
*शुभ 18:27 - 20:03 शुभ*
*अमृत 20:03 - 21:38 शुभ*
*चर 21:38 - 23:13 शुभ*
*रोग 23:13 - 24:49 अशुभ*
*काल 24:49 - 26:24 अशुभ*
*लाभ 26:24 - 27:59 शुभ*
*उद्वेग 27:59 - 29:35 अशुभ*
*शुभ 29:35 - 31:10 शुभ*
*♦️विशेष - नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*♦️मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है.♦️*
*♦️ नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री, देवी दुर्गा की नौवीं अभिव्यक्ति हैं.* *वह कमल या सिंह पर सवारी करती हैं और मोर हरे रंग के कपड़े पहनती हैं.*
*♦️नवरात्रि के नौवें दिन को नवमी कहते हैं.* *इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.* *नवमी के दिन अगर केवल इन्हीं की पूजा कर ली जाए तो व्यक्ति को सम्पूर्ण देवियों की पूजा का फल मिल सकता है.* *इस दिन कमल के पुष्प पर बैठी हुई देवी का ध्यान करना चाहिए.*
*मां सिद्धिदात्री को सफलता और धन की देवी माना गया है. उनका पसंदीदा रंग, मोर हरा है, ये रंग ज्ञान और अज्ञानता के अंत का प्रतीक है.*
*♦️नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्त नौ अलग-अलग रूप की पूजा करते हैं. ये हैं:*
*♦️शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री.*
*♦️नवरात्रि के नौवें दिन मां भवानी को घर में बने हुए हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगाकर कंजक पूजा करें.*
*नवरात्रि के भोग दिलाएंगे समस्याओं से मुक्ति*
*♦️नवरात्रि पर्व पर माता की आराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन का विशेष महत्व है। जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन, मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार इस नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार भोग या प्रसाद अर्पित करने से देवी मां सभी प्रकार की समस्याओं का नाश करती हैं।*
*♦️यहां पर बताया जा रहा है, कि माता रानी को दिन के अनुसार भोग लगाने पर क्या लाभ मिलता है और कौन-सी समस्याएं दूर होती हैं। आप भी जानिए, किस दिन कौन सा प्रसाद चढ़ाकर प्रसन्न करें देवी मां को -*
*♦️नवरात्रि के अंतिम दिन यानि नवमी तिथि के दिन तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। इससे मृत्यु भय से राहत मिलती है, साथ ही अनहोनी होने की घटनाओं से बचाव भी होगा।*
*♦️19 फरवरी 2024 से वसंत ऋतु प्रारम्भ*
*♦️आहार : इस ऋतु में देर से पचनेवाले, शीतल पदार्थ, दिन में सोना, स्निग्ध अर्थात् घी-तेल*
*♦️वसंत में मिठाई, सूखा मेवा, खट्टे-मीठे फल, दही, आइसक्रीम तथा गरिष्ठ भोजन का सेवन वर्जित है । इन दिनों में शीघ्र पचनेवाले, अल्प तेल व घी में बने, तीखे, कड़वे, कसैले, उष्ण पदार्थों जैसे - लाई, मुरमुरे, जौ, भुने हुए चने, पुराना गेहूँ, चना, मूँग; अदरक, सोंठ, अजवायन, हल्दी, पीपरामूल, काली मिर्च, हींग; सूरन, सहजन की फली, करेला, मेथी, ताजी मूली, तिल का तेल, शहद, गोमूत्र आदि कफनाशक पदार्थों का सेवन करें । भरपेट भोजन न करें । नमक का कम उपयोग तथा 15 दिनों में एक कड़क उपवास स्वास्थ्य के लिए हितकारी है ।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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