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पंचांग - 14-02-2024

 *🚩  राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*♦️वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्वनीम् *

jyotish



*♦️~ बुधवार पंचमी 14 फरवरी 2024 का पंचांग ~♦️*
*♦️दिनांक - 14 फरवरी 2024*
*♦️दिन - फरवरी*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - शिशिर*
*♦️मास - माघ*
*♦️पक्ष - शुक्ल*
*♦️तिथि - पंचमी दोपहर 12:09:02 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*♦️नक्षत्र - रेवती सुबह 10:42:04 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*♦️योग - शुभ शाम 07:57:21 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 12:49 से 02:13 तक*
*♦️सूर्योदय - 07:14:26*
*♦️सूर्यास्त - 06:24:28*
*♦️दिशा शूल - उत्तर*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:22 तक*
*♦️प्रातः सन्ध्या    05:56 ए एम से 07:13 ए एम*
*♦️अभिजित मुहूर्त    कोई नहीं    *
*♦️विजय मुहूर्त    02:42 पी एम से 03:26 पी एम*
*♦️गोधूलि मुहूर्त    06:23 पी एम से 06:49 पी एम    *
*♦️सायाह्न सन्ध्या    06:26 पी एम से 07:42 पी एम*
*♦️अमृत काल    08:30 ए एम से 09:49ए एम*
*♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:15 तक*
*♦️व्रत पर्व विवरण - मातृपितृ पूजन दिवस, वसंत पंचमी*
*♦️विशेष -  पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*♦️14 फरवरी : मातृपितृ पूजन दिवस♦️*
    *♦️चोघडिया, दिन♦️*
*लाभ    07:14 - 08:38    शुभ*
*अमृत    08:38 - 10:02    शुभ*
*काल    10:02 - 11:26    अशुभ*
*शुभ    11:26 - 12:49    शुभ*
*रोग    12:49 - 14:13    अशुभ*
*उद्वेग    14:13 - 15:37    अशुभ*
*चर    15:37 - 17:01    शुभ*
*लाभ    17:01 - 18:24    शुभ*
    *♦️चोघडिया, रात♦️*
*उद्वेग    18:24 - 20:01    अशुभ*
*शुभ    20:01 - 21:37    शुभ*
*अमृत    21:37 - 23:13    शुभ*
*चर    23:13 - 24:49    शुभ*
*रोग    24:49 - 26:25    अशुभ*
*काल    26:25 - 28:01    अशुभ*
*लाभ    28:01 - 29:38    शुभ*
*उद्वेग    29:38 - 31:14    अशुभ*
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*♦️नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता भक्तों को सुख-शांति प्रदान करने वाली हैं। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।*
*♦️स्कंदमाता को सुख-शांति देने वाली देवी माना जाता है. स्कंदमाता को देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता माना जाता है. इनके विग्रह में स्कंदजी बालरूप में माता की गोद में बैठे हैं*

*♦️सरस्वती पूजन : 14 फरवरी 24♦️*
*♦️पूजा मुहूर्त : सुबह 07:13 से 12:54 तक ।♦️*

*♦️ माघ मास शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें । सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।*

*♦️ वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव का दिवस है । जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।*

*♦️इस दिन सारस्वत्य मंत्र का अधिक-से-अधिक जप करना चाहिए ।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*


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seema

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