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पंचांग - 13-02-2024

 *🚩  राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*♦️या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥*♦️

jyotish



*♦️मगलवार चतुर्थी13 फरवरी 2024का पंचांग*♦️

*♦️दिनांक - 13 फरवरी 2024*
*♦️दिन - मंगलवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - शिशिर*
*♦️मास - माघ*
*♦️पक्ष - शुक्ल*
*♦️तिथि - चतुर्थी दोपहर 02:41:20 तक तत्पश्चात पंचमी*
*♦️नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 12:34:11 तक तत्पश्चात रेवती*
*♦️योग - साध्य सुबह 11:03:13 तक तत्पश्चात शुभ*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 03:37 से 05:00 तक*
*♦️सूर्योदय - 07:15:11*
*♦️सूर्यास्त - 06:23:46*
*♦️दिशा शूल - उत्तर*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:23 तक*
*♦️प्रातः सन्ध्या    05:57 ए एम से 07:14 ए एम*
*♦️अभिजित मुहूर्त    12:27पी एम से 01:12 पी एम    *
*♦️विजय मुहूर्त    02:41 पी एम से 03:26 पी एम*
*♦️गोधूलि मुहूर्त    06:32 पी एम से 06:48 पी एम    *
*♦️सायाह्न सन्ध्या    06:25 पी एम से 07:42पी एम*
*♦️अमृत काल     08:15 ए एम से 09:42 ए एम*    
*♦️सर्वार्थ सिद्धि योग    07:14 ए एम से 12:35 पी एम    *
*♦️रवि योग    07:14 ए एम से 12:35 पी एम*
*♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:15 तक*

    *♦️चोघडिया, दिन♦️*
*रोग    07:15 - 08:39    अशुभ*
*उद्वेग    08:39 - 10:02    अशुभ*
*चर    10:02 - 11:26    शुभ*
*लाभ    11:26 - 12:49    शुभ*
*अमृत    12:49 - 14:13    शुभ*
*काल    14:13 - 15:37    अशुभ*
*शुभ    15:37 - 17:00    शुभ*
*रोग    17:00 - 18:24    अशुभ*
    *♦️चोघडिया, रात♦️*
*काल    18:24 - 20:00    अशुभ*
*लाभ    20:00 - 21:36    शुभ*
*उद्वेग    21:36 - 23:13    अशुभ*
*शुभ    23:13 - 24:49    शुभ*
*अमृत    24:49 - 26:25    शुभ*
*चर    26:25 - 28:02    शुभ*
*रोग    28:02 - 29:38    अशुभ*
*काल    29:38 - 31:14    अशुभ*
*♦️व्रत पर्व विवरण - श्री गणेश जयन्ती, विनायक चतुर्थी , वरद चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी, विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति*
*♦️विशेष -  चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*♦️विनायक चतुर्थी : 13 फरवरी♦️*
*♦️नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा का विधान है, जिनकी साधना करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं। इनका निवास सूर्य मंडल के भीतर के लोक में स्थित है। सूर्य लोक में निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है।*
*♦️मां कुष्मांडा अष्टभुजाओं वाली देवी हैं. इनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल, और कमंडल शोभा पाते हैं. मान्यता है कि जो साधक नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही, जातक का बुद्धि, विवेक, और यश बढ़ता है.*
*♦️नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा देवी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके पीले वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान देवी मां को पीला चंदन, कुमकुम, मौली और अक्षत चढ़ाएं और एक पान के पत्ते को ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए माता को चढ़ाएं.♦️*
*♦️अस्त शनि के षष्ठेश के पाप प्रभाव में होने पर रीढ़ की हड्डी में दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर में जकड़न रहने लगता है, मुकदमों का सामना करना पड़ता है।*
*♦️अस्त शनि के अष्टमेश के पाप प्रभाव में होने पर अस्थि टूट जाने, रोजगार में समस्या अथवा किसी प्रियजन का अभाव हो जाना होता है।*
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*♦️यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*♦️आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
 *🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*

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