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पंचांग - 10-02-2024

 *🚩  राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*

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*♦️ॐ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लींहीं श्रीं गं गणपतये*
*♦️ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।। 1।। दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।*

♦️*_आज प्रतिपदा शनिवार  10 फरवरी  2024 का पंचाग_*
♦️ *_शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
♦️*_संवत्सर नाम अनला_*
♦️ *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
♦️ *_काली सम्वत् 5124_*
♦️ *_संवत्सर (उत्तर)    पिंगल_*
♦️ *_आयन -    उत्तरायण_*
♦️ *_ऋतु - सौर शिशर ऋतु_*
♦️*_मास - माघ मास_*
♦️ *_पक्ष - शुक्ल पक्ष_*
♦️*_तिथि - शनिवार माघ माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 12:46:44 AM तक उपरांत द्वितीया_*
♦️ *_तिथि स्वामी - प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।_*
♦️ *_नक्षत्र : नक्षत्र धनिष्ठा 08:32:47 PM तक उपरांत शतभिषा_*
♦️*_नक्षत्र स्वामी : धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल है। तथा राशि स्वामी शनि है। तथा नक्षत्र के देवता वसु है।_*
♦️*_योग - वरीयान योग 02:52:09 PM तक, उसके बाद परिघ योग_*
♦️*_प्रथम करण : किंस्तुघ्न - 02:37:43 पी एम तक_*
♦️*_द्वितीय करण : बव - 12:46:44 ए एम, फरवरी 11 तक बालव_*
♦️ *_गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 7:17से 8:40 बजे तक ।_*
♦️ *_दिशाशूल - शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।_*
♦️*_राहुकाल -सुबह – 10:03 से 11:26 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
♦️*_सूर्योदयः- प्रातः 07:17:20_*
♦️ *_सूर्यास्तः- सायं 06:21:36_*
♦️*_ब्रह्म मुहूर्त : 05:33 ए एम से 06:34 ए एम_*
♦️ *_प्रातः सन्ध्या : 05:51 ए एम से 07:16 ए एम_*
♦️*_अभिजित मुहूर्त : 12:27 पी एम से 01:12 पी एम_*
♦️ *_विजय मुहूर्त : 02:41 पी एम से 03:25 पी एम_*
♦️ *_गोधूलि मुहूर्त : 06:20 पी एम से 06:46 पी एम_*
♦️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:23 पी एम से 07:40 पी एम_*
♦️ *_अमृत काल : 11:26 ए एम से 12:50 पी एम_*
♦️*_निशिता मुहूर्त : 12:23 ए एम, फरवरी 11 से 01:15 ए एम, फरवरी 11_*
     ♦️ *_ चोघडिया, दिन_*
*काल    07:17 - 08:40    अशुभ*
*शुभ    08:40 - 10:03    शुभ*
*रोग    10:03 - 11:26    अशुभ*
*उद्वेग    11:26 - 12:49    अशुभ*
*चर    12:49 - 14:13    शुभ*
*लाभ    14:13 - 15:36    शुभ*
*अमृत    15:36 - 16:59    शुभ*
*काल    16:59 - 18:22    अशुभ*
       ♦️ *_ चोघडिया, रात_*
*लाभ    18:22 - 19:58    शुभ
*उद्वेग    19:58 - 21:35    अशुभ*
*शुभ    21:35 - 23:12    शुभ*
*अमृत    23:12 - 24:49    शुभ*
*चर    24:49 - 26:26    शुभ*
*रोग    26:26 - 28:03    अशुभ*
*काल    28:03 - 29:40 अशुभ*
*लाभ    29:40 - 31:17    शुभ*
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♦️*_यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।_*
♦️*_आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।_*
♦️*_आज का उपाय-देवी मंदिर में तिल का तेल दान करें।_*
♦️ *_वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
♦️ *_पर्व एवं त्यौहार - गुप्त नवरात्रि प्रारंभ/पंचक प्रारंभ 10.02/बुधास्त/द्विपुष्कर योग/ माघ शुक्लादि/ नयी दिल्ली भारत राजधानी दिवस, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती, विश्व दलहन दिवस, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, कवि कुमार विश्वास जन्म दिवस, राष्ट्रीय छाता दिवस, _*
♦️ *_विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता हैं। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।_*
♦️*_प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।_*
*♦️नवरात्रि में मंत्र सिद्धि के अचूक उपाय, नवदुर्गा बीजमंत्र♦️*
    *♦️शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:।
    *♦️ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।*
   *♦️चन्द्रघण्टा : ऐं श्रीं शक्तयै नम:।*
  *♦️ कूष्मांडा : ऐं ह्री देव्यै नम:।
  *♦️ स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।*
   *♦️कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।*
  *♦️  कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।*
  *♦️महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।*
  *♦️ सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।*

*♦️नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है । पौराणिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की देवी दुर्गा की पूजा-आराधना का विधान है।

*♦️नवरात्र के दौरान नव दुर्गा के इन बीज मंत्रों की प्रतिदिन की देवी के दिनों के अनुसार मंत्र जाप करने से मनोरथ सिद्धि होती है | नौ देवियों के दैनिक पूजा के बीज मंत्र-*

 *♦️1. माता शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:।*
  *♦️पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता दुर्गा का प्रथम रूप है।इनकी आराधना से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं।*

*♦️प्रतिपदा को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:’ की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें ।*

*♦️2. माता ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।*

*♦️माता दुर्गा का दूसरा स्वरूप पार्वती जी का तप करते हुए हैं. इनकी साधना से सदाचार-संयम तथा सर्वत्र विजय प्राप्त होती है. चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पर इनकी साधना की जाती है।*

*♦️द्वितिया को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’, की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर घृत से हवन करें।*

*♦️3. माता चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:।*
*♦️माता दुर्गा का यह तृतीय रूप है. समस्त कष्टों से मुक्ति हेतु इनकी साधना की जाती है।*

*♦️तृतीया को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:’ की एक माला जप कर घृत से हवन करें।"

*♦️4.  माता कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:।*
*♦️यह मां दुर्गा का चतुर्थ रूप है. चतुर्थी इनकी तिथि है. आयु वृद्धि, यश-बल को बढ़ाने के लिए इनकी साधना की जाती है।*

*♦️चतुर्थी को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै नम:’ की एक माला जप कर घृत से हवन करें।*

*♦️5. माता स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।*
*♦️दुर्गा जी के पांचवे रूप की साधना पंचमी को की जाती है. सुख-शांति एवं मोक्ष को देने वाली हैं।*

*♦️पांचवें दिन मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नम:’ की एक माला जप कर घृत से हवन करें।*

*♦️6.  माता कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।*
*♦️मां दुर्गा के छठे रूप की साधना षष्ठी तिथि को की जाती है. रोग, शोक, संताप दूर कर अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष को भी देती हैं।*

*♦️छठे दिन मंत्र- ‘ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम:’ की एक माला जप कर घृत से हवन करें।*

*♦️7. माता कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।*
*♦️सप्तमी को पूजित मां दुर्गा जी का सातवां रूप है। वे दूसरों के द्वारा किए गए प्रयोगों को नष्ट करती हैं।*

*♦️सातवें दिन मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:’ की एक माला जप कर घृत से हवन करें।*

*♦️8. माता महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।*
*♦️मां दुर्गा के आठवें रूप की पूजा अष्टमी को की जाती है।समस्त कष्टों को दूर कर असंभव कार्य सिद्ध करती हैं।*

*♦️आठवें दिन मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:’ की एक माला जप कर घृत या खीर से हवन करें।*

*♦️9. माता सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।*
*♦️मां दुर्गा के इस रूप की अर्चना नवमी को की जाती है।अगम्य को सुगम बनाना इनका कार्य है।*

*♦️नौवें दिन मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम:’ की एक माला जप कर जौ, तिल और घृत से हवन करें।*

*♦️कलियुग में प्रत्येक दिन की देवियां अलग-अलग अधिष्ठात्री हैं, जिनकी साधना से कामना-पूर्ति अलग-अलग है, जो की इस प्रकार से की जा सकती है।*
*♦️*_शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*
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