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पंचांग - 09-02-2024

 *🚩  राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️*

*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     
*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*♦️ॐ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लींहीं श्रीं गं गणपतये*

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♦️ *_शुक्रवार चतुर्दशी 09 फरवरी 2024 का पंचांग_ *
♦️ *_दिन - शुक्रवार_*
♦️ *_विक्रम संवत् - 2080_*
♦️ *_अयन - उत्तरायण_*
♦️ *_ऋतु - शिशिर_*
♦️ *_मास - माघ_*
♦️ *_पक्ष - कृष्ण_*
♦️ *_तिथि - चतुर्दशी सुबह 08:01:49 तक तत्पश्चात अमावस्या *(क्षय )_*
♦️ *_नक्षत्र - श्रवण रात्रि 11:28:15 तक तत्पश्चात धनिष्ठा_*
♦️ *_योग - व्यतीपात रात्रि
07:05:28 तक तत्पश्चात वरियान_*
♦️ *_राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:27 से 12:49 तक_*
♦️ *_सूर्योदय - 07:18:01_*
♦️ *_सूर्यास्त - 06:20:53_*
♦️ *_दिशा शूल - पश्चिम_*
♦️ *_ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:25 तक_*
♦️ *_अभिजित मुहूर्त    12:27 पी एम से 01:12 पी एम    _*
♦️ *_विजय मुहूर्त    02:40 पी एम से 03:25 पी एम_*
♦️ *_गोधूलि मुहूर्त    06:20 पी एम से 06:46 पी एम    _*
♦️ *_प्रातः सन्ध्या    05:59 ए एम से 07:17 ए एम_*
♦️ *_सायाह्न सन्ध्या    06:22 पी एम से 06:39 पी एम_*
♦️ *_अमृत काल    02:17 पी एम से 03:42 पी एम    _*
♦️ *_सर्वार्थ सिद्धि योग    07:17 ए एम से 12:29 पी एम_*
♦️ *_निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:15am तक_*
♦️ *_व्रत पर्व विवरण - माघ अमावस्या, मौनी-त्रिवेणी अमावस्या_*
♦️ *_विशेष - चतुर्दशी और अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)_*

♦️ *_ चोघडिया, दिन_*
♦️ चर    07:18 - 08:41    शुभ
♦️ लाभ    08:41 - 10:04    शुभ
♦️ अमृत    10:04 - 11:27    शुभ
♦️ काल    11:27 - 12:49    अशुभ
♦️ शुभ    12:49 - 14:12    शुभ
♦️ रोग    14:12 - 15:35    अशुभ
♦️ उद्वेग    15:35 - 16:58    अशुभ
♦️ चर    16:58 - 18:21    शुभ
      ♦️ *_चोघडिया, रात_*
♦️ रोग    18:21 - 19:58    अशुभ
♦️ काल    19:58 - 21:35    अशुभ
♦️ लाभ    21:35 - 23:12    शुभ
♦️ उद्वेग    23:12 - 24:49अशुभ
♦️ शुभ    24:49 - 26:26    शुभ
♦️  अमृत    26:26 - 28:03    शुभ
♦️  चर    28:03 - 29:40    शुभ
♦️ रोग    29:40 - 31:17    अशुभ

♦️ *_महाफलदायी मौनी-त्रिवेणी अमावस्या : 9 फरवरी 24 साथ ही व्यतिपात योग की महिमा व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से
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भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका एक लाख गुना फल मिलता है। वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।_*

♦️ *_माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या के नाम से भी जानी जाती है । यह सबसे बड़ी अमावस्या है । प्रत्येक युग में 100 वर्षों तक दान करने से जो फल मिलता है वो इस दिन दान करने से मिल जाता है । इस दिन तिल के साथ अनाज, वस्त्र आदि उपयोगी चीज़ें गरीबों को दान करने से दानकर्ता के यहाँ लक्ष्मी स्थायी रहती है ।_*

♦️ *_09 फरवरी 2024 : को वारियान और सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी मौनी अमावस्या_*

♦️  *_माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस साल मौनी अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 को है. मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करना शुभ माना जाता है. माघ अमावस्या 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी और 10 जनवरी को सुबह 04:28:09 बजे समाप्त होगी._*

♦️ *_सनातन धर्म में दिनों की गिनती उदया तिथि से की जाती है. इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है. इस बार मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही वारियान योग का अद्भुत संयोग बनेगा. इस संयोग पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष शुभ मानी जाती है.  इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा, तप और दान पुण्यदायक माना जाता है. हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन मौनी अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन श्रद्धालु गंगा, नर्मदा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करेंगे. साथ ही विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी. इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है. _*

♦️  *_उदयातिथि से 9 फरवरी को मौनी अमावस्या_*

♦️ *_माघ अमावस्या शुक्रवार, 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे शुरू होगी. यह 10 जनवरी को प्रातः 04:28:09 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में दिनों की गिनती उदया तिथि से की जाती है. इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है._*

♦️ *_वरियान और सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या_*

♦️ *_मौनी अमावस्या पर सबसे पहले अति शुभ माना जाने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07:05 बजे शुरू होगा और रात 11:29 बजे समाप्त होगा. वहीं, शाम 07.05:28 बजे से वरियान योग शुरू होगा. मान्यतानुसार इन योगों में पूजा, जप, तप और दान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं._*

♦️  *_मौनी अमावस्या पर करें दान_*

♦️  *_शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन का धार्मिक महत्व अधिक है. मौनी अमावस्या के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए. इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए.  ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. शास्त्र के मुताबिक इस दिन तेल, कंबल, दूध ,चीनी, अनाज तथा अपने आवश्यकता अनुसार पैसों का दान करना चाहिए. इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को भोजन करना चाहिए. ऐसा करसे से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में आ रही तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलती है._*
♦️ *_मौनी अमावस्या का महत्व_*
♦️ *_मौनी अमावस्या का महत्व धर्म के साथ-साथ ज्योतिष से भी जुड़ा है. मौनी अमावस्या तब मनाई जाती है जब माघ महीने के दौरान चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में एक साथ आते हैं. मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा और सूर्य दोनों की संयुक्त ऊर्जा के प्रभाव से इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है. मकर राशि चक्र की दसवीं राशि है और कुंडली के दसवें घर में सूर्य मजबूत है. ज्योतिष में सूर्य को पिता और धर्म का कारक माना जाता है, इसलिए जब सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में मिलते हैं तो मौनी अमावस्या का त्योहार मनाया जाता है._*

♦️  *_पूजा- विधि_*
♦️  *_सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।_*
♦️  *_स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।_*
♦️  *_सूर्य देव को अर्घ्य दें।_*
♦️   *_अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।_*
♦️  *_इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।_*
♦️  *_पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।_*
♦️  *_इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।_*
♦️  *_इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।_*
♦️  *_इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।_*

 ♦️ *_माघ अमावस्या का महत्व_*
♦️  *_धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है।_*
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♦️  *_इस पावन तिथि पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है।_*
♦️  *_इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।_*
 ♦️  *_मौनी अमावस्या पर क्या करें: इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें. यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर दें. ध्यान रहे स्नान करने से पहले तक कुछ बोलें नहीं. मौनी अमावस्या के दिन ज्यादा से ज्यादा ध्यान, प्रार्थना व अन्य धार्मिक क्रिया करें.  इस दिन दान जरूर करें. जरूरतमंद लोगों की मदद करें. निस्वार्थ कार्य करना इस दिन शुभ फलदायी होता है. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाएं ताकि शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाएं. मौनी अमावस्या के दिन उपवास करें, ऐसा करना शुभ फल देता है._*
 ♦️  *_मौनी अमावस्या पर क्या ना करें: मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन केवल सादा भोजन ही करें. साथ ही जितना हो सके मौन रहने की कोशिश करें. मौनी अमावस्या के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका उल्टा प्रभाव आपके जीवन में पड़ने की संभावना रहती है. मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन नकारात्मक विचारों और भावनाओं को अपने अंदर न आने दें._*
 ♦️  *_करें इस मंत्र का जाप:  मौनी अमावस्या के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. मौनी अमावस्या के दिन "ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि, शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्” मंत्र का जाप 108 बार करें. ऐसा करने से जातक के घर से पितृ दोष समाप्त हो जाता है._*

♦️  *_क्यों मनाई जाती है मौनी अमावस्या?_*

     ♦️  *_जब माघ के महीने में चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में एक साथ होते हैं, तब मौनी अमावस्या मनाते हैं. चंद्रमा और सूर्य दोनों ही ग्रहों की ऊर्जा के प्रभाव से इस दिन का महत्व अधिक हो जाता है. इसलिए मकर में सूर्य और चंद्र के एकत्र होने पर मौनी अमावस्या मनाई जाती है. यही वजह है कि इस दिन दान-पुण्य करने से कई गुना लाभ प्राप्त होता है._*
      ♦️  *_इस दिन देश भर के मंदिरों में पूजा अर्चना की जाती है. मौनी अमावस्या के दिन तिल से जुड़ी चीजों, जैसे तिल के लड्डू, तिल का तेल, साथ ही निर्धन लोगों को कंबल आदि कपड़े दान करने चाहिए. स्नान-दान आदि के अलावा इस दिन पितृ श्राद्ध भी किया जाता है. इसलिए इस खास दिन गंगा स्नान और दान करने से उसका आपको कई गुना पुण्य मिलता है._*

   
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*🌞*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल.* *8387869068*


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