*♦️🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय*
*♦️🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*
*♦️ॐ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लींहीं श्रीं गं गणपतये*
*♦️गुरुवार 08 फरवरी 2024 त्रयोदशी का पंचांग♦️*
*♦️दिनांक - 08 फरवरी 2024*
*♦️ दिन - गुरुवार*
*♦️विक्रम संवत् - 2080*
*♦️अयन - उत्तरायण*
*♦️ऋतु - शिशिर*
*♦️मास - माघ*
*♦️पक्ष - कृष्ण*
*♦️तिथि - त्रयोदशी 11:16:36 दोपहर तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*♦️नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा 08 फरवरी प्रातः 02:13:14 तक तत्पश्चात श्रवण*
*♦️योग - सिद्वि 11:08:13pm*
*08 फरवरी तक तत्पश्चात श्रवण*
*♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 02:12 से 03:35 तक*
*♦️यम घंटा* *07:19 - 08:41*
*अशुभ*
*♦️गुली काल 10:04 - 11:27*
*♦️सूर्योदय - 07:18:41*
*♦️सूर्यास्त - 06:20:08*
*♦️दिशा शूल - दक्षिण*
*♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:26 तक_*
*♦️अमृत काल 08:28 ए एम, से 09:55 ए एम, फरवरी 9*
*♦️विजय मुहूर्त 02:40 पी एम से 03:24 पी एम_*
*♦️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:15 तक*
*♦️अभिजित मुहूर्त 12:27 पी एम से 01:12पी एम*
*♦️गोधूलि मुहूर्त06:19 पी एम से 06:45 पी एम*
*♦️व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, व्यतीपात योग*
*♦️विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
♦️ *_चतुर्दशी के देवता हैं शंकर। इस तिथि में भगवान शंकर की पूजा करने और व्रत रखने से मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों को प्राप्त कर बहुत से पुत्रों एवं प्रभूत धन से संपन्न हो जाता है। यह उग्र अर्थात आक्रामकता देने वाली तिथि हैं। चतुर्दशी को चौदस भी कहते हैं।*
♦️ *_ चोघडिया, दिन_*
*♦️शुभ 07:19 - 08:41 शुभ*
*♦️रोग 08:41 - 10:04 अशुभ*
*♦️उद्वेग 10:04-11:27 अशुभ*
*♦️चर 11:27 - 12:49 शुभ*
*♦️लाभ 12:49 - 14:12 शुभ*
*♦️अमृत 14:12 - 15:35 शुभ*
*♦️काल 15:35-16:57 अशुभ*
*♦️शुभ 16:57 - 18:20 शुभ*
*♦️ *_चोघडिया, रात_*
*♦️अमृत 18:20 - 19:57 शुभ*
*♦️चर 19:57 - 21:35 शुभ*
*♦️रोग 21:35 - 23:12 अशुभ*
*♦️काल 23:12-24:49 अशुभ*
*♦️लाभ 24:49 - 26:26 शुभ*
*♦️उद्वेग 26:26- 28:04अशुभ*
*♦️शुभ 28:04 - 29:41 शुभ*
*♦️शुभ 28:04 - 29:41 शुभ*
*♦️ अमृत 29:41- 31:18 शुभ*
*♦️फरवरी 09 शुक्रवार को राहु* *11:27 AM से 12:49 PM तक है।चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा माघ अमावस्या 9 फरवरी 2024 इसके साथ ही पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है. इस दिन तर्पण, पिंडदान आदि जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं. इस दिन मौन व्रत भी रखा जाता है.*
*♦️चतु्र्दशी के दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और लड़ाई झगड़ा करने से बचना चाहिए।*
*♦️ पंचांग की चौदहवीं तिथि को चतुर्दशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्दशी को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्दशी को शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी कहते हैं।*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर, (राजस्थ
*संपर्क:८३८७८६९०६८.*
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