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पंचांग - 02-02-2024

🔱  *_॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱     🚩 *_मोर मुकुट बंशीवाले की जय_*
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🕉 *_नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।_*
♦️ *_'जय हो महालक्ष्मी माता, जो कि श्रीं ह्रीं श्रीं जैसे बीज मंत्रों से युक्त हैं, जो कमल पर विराजमान हैं, जिनके स्मरण से समस्त प्रकार के प्रसाद अर्थात आशीर्वाद की प्राप्ति हो जाती है'। _*
 ♦️  *_आज सप्तमी शुक्रवार 02 फरवरी  2024 का पंचाग_*
♦️ *_यह  दैनिक पंचांग नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार*
♦️ *_02 फरवरी 2024 : को माघ कृष्ण पक्ष की उदया तिथि सप्तमी और शुक्रवार का दिन है। सप्तमी तिथि शुक्रवार शाम 4:02:07 मिनट तक रहेगी, उसके बाद अष्टमी तिथि लग जाएगी। 02 फरवरी को कालाष्टमी मनााई जाएगी। शुक्रवार को पूरा दिन पूरी रात पार कर के शनिवार सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा।_*
♦️ *_शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
♦️  *_संवत्सर नाम अनला_*
♦️  *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
♦️ *_काली सम्वत् 5124_*
♦️  *_संवत्सर (उत्तर)    पिंगल_*
♦️  *_आयन -     उत्तरायण_*
♦️  *_ऋतु - सौर शिशर ऋतु_*
♦️   *_मास - माघ मास_*
♦️  *_पक्ष - कृष्ण पक्ष_*
♦️  *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
♦️ *_तिथि स्वामी : सप्तमी तिथि के देवता हैं चित्रभानु। सप्तमी तिथि को चित्रभानु नाम वाले भगवान सूर्यनारायण का पूजन करने से सभी प्रकार से रक्षा होती है।_*
♦️ *_नक्षत्र - नक्षत्र स्वाति 05:55:53 AM तक उपरांत विशाखा_*
♦️ *_नक्षत्र स्वामी - स्वाति नक्षत्र स्वामी राहु यानि अधंकार है। स्वाति नक्षत्र के देवता पवन देव हैं।_*
♦️ *_योग - शूल योग 12:53:12 PM तक, उसके बाद गण्ड योग_*
♦️ *_प्रथम करण : बव - 04:02:07 पी एम तक_*
♦️ *_द्वितीय करण - बालव - 04:47:00 ए एम, फरवरी 03 तक कौलव_*
♦️ *_गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 08:44 से 10:06 तक ।_*
♦️ *_दिशाशूल - शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।_*
♦️ *_राहुकाल -दिन – 11:27 से 12:49 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
♦️ *_सूर्योदयः- प्रातः 07:22:11_*
♦️ *_सूर्यास्तः- सायं 06:15:36_*
♦️ *_ब्रह्म मुहूर्त : 05:36 ए एम से 06:29 ए एम_*
♦️ *_प्रातः सन्ध्या : 06:02 ए एम से 07:21 ए एम_*
♦️ *_अभिजित मुहूर्त : 12:27 पी एम से 01:11 पी एम_*
♦️ *_विजय मुहूर्त : 02:38 पी एम से 03:22 पी एम_*
♦️ *_गोधूलि मुहूर्त : 06:14 पी एम से 06:41 पी एम_*
♦️ *_सायाह्न सन्ध्या : 06:17 पी एम से 07:35 पी एम_*
♦️ *_अमृत काल : 08:22 पी एम से 10:07 पी एम_*
♦️ *_निशिता मुहूर्त : 12:22 ए एम, फरवरी 03 से 01:15 ए एम, फरवरी 03_*
♦️ *_यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।_*
♦️ *_आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।_*
♦️ *_आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में चांदी की श्रंगार सामग्री चढ़ाएं।_*
♦️ *_वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
♦️ *_पर्व एवं त्यौहार - देवदर्शन, रामानंदाचार्य जयन्ती, स्वामी विवेकानंदजी जन्म जयन्ती”, वन अग्नि सुरक्षा दिवस (सप्ताह)_*
♦️ *_विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।_*
   ♦️ *_ चोघडिया, दिन_*
*♦️ चर    07:22 - 08:44    शुभ*
*♦️ लाभ    08:44 - 10:06    शुभ*
*♦️ अमृत    10:06 - 11:27    शुभ*
*♦️ काल    11:27-12:49    अशुभ*
*♦️ शुभ    12:49 - 14:11    शुभ*
*♦️ रोग    14:11 - 15:32    अशुभ*
*♦️ उद्वेग    15:32-16:54    अशुभ*
*♦️ चर    16:54 - 18:16    शुभ*
     ♦️ *_ चोघडिया, रात_*
*♦️ रोग    18:16 - 19:54    अशुभ*
*♦️काल    19:54 - 21:32    अशुभ*
*♦️ लाभ    21:32 - 23:10    शुभ*
*♦️उद्वेग    23:10 - 24:49अशुभ*
*♦️ शुभ    24:49 - 26:27    शुभ*
*♦️  अमृत    26:27 - 28:05    शुभ*
*♦️ चर    28:05 - 29:43    शुभ*
*♦️ रोग    29:43 - 31:22    अशुभ*

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♦️ *_02 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज के इस सप्तमी को सर्वाप्ति सप्तमी कहा जाता है।_*
♦️  *_सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।_*
♦️ *_शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म सप्तमी तिथि में होता है, वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इस तिथि में जन्म लेनेवाला जातक गुणवान और प्रतिभाशाली होता है। ये अपने मोहक व्यक्तित्व से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की योग्यता रखते हैं। इनके बच्चे भी गुणवान और योग्य होते हैं। धन धान्य के मामले में भी यह व्यक्ति काफी भाग्यशाली होते हैं। ये संतोषी स्वभाव के होते हैं और इन्हें जितना मिलता है उतने से ही संतुष्ट रहते हैं।_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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