*एक नई पहल: माली समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में कई वर वधू नहीं लेंगे कोई भी उपहार*
*उपहार नहीं लेने का लिखित में दिया पत्र, समाज ने किया स्वागत*
नागौर। विवाह समारोह में अनेक लोगों द्वारा वधू पक्ष की ओर से स्वेच्छा से दिये गये टीका, नकद राशि व भेंट सामग्री को लेने से मना किया जा रहा है, वहीं सामूहिक विवाह सम्मेलन में भी आयोजकों की ओर से वर वधू को दिए जाने वाले उपहार को भी लेने से मना करके सादे तरीके से शादी करने की अनुकरणीय पहल सामने आई है। आगामी 12 मार्च को सैनिक क्षत्रिय माली समाज की ओर से नागौर में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर वधू के कई परिजनों ने उपहार लेने से मनाकर लिखित में आयोजकों को आग्रहपत्र दिया है। सैनिक क्षत्रिय सामूहिक विवाह समिति पदाधिकारी सहित समस्त माली समाज ने इस पहल का स्वागत करते हुए समाज सुधार की ओर एक और अच्छा कदम बताया है। विवाह समिति के संयोजक राजेंद्र पंवार ने बताया कि ताऊसर के बास भीटीयाणीसर के हरकाराम पुत्र सोहनलाल ने अपने पुत्र के विवाह में समाज द्वारा प्रदत्त किसी भी प्रकार का उपहार या सामान लेने से मना कर समाज में एक अनुकरणीय पहल कर माली समाज ही नहीं अन्य समाजों के के समक्ष एक नवीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर ताराचंद का विवाह राठौड़ी कुआं निवासी वतन सांखला की पुत्री भावना के साथ होगा जिनकी जोड़ी नंबर 31 पर पंजीकृत है।
इसी प्रकार कुचेरा निवासी मूलचंद पुत्र दयाल राम ने भी किसी प्रकार का कोई उपहार लेने से मना किया है। दूल्हा धीरज टाक का विवाह सोनू पुत्री रामकिशोर के साथ होगा जिनकी जोड़ी नंबर 18 पंजीकृत है।
माली समाज अध्यक्ष कृपाराम देवड़ा ने बताया कि इस प्रकार के जागरूक स्वजातीय समाज बंधुओं से ही समाज आर्थिक ही नहीं सामाजिक रूप से भी निरन्तर विकास करता है। अब तक पूर्व में हो चुके समाज के तीन सामूहिक विवाह सम्मेलन में 315 जोड़ों का विवाह संपन्न करवाया गया था। यह पहला अवसर है जब समाज बंधुओं ने नई पहल की है। जिसको देखकर और भी समाज बंधु जागरूक होंगे। उन्होंने बताया कि समाज के ऐसे जागरूक बुद्धिजीवी बंधुओं को सामूहिक विवाह सम्मेलन में समारोह पूर्वक सम्मानित किया जाएगा। हम भी चाहते हैं कि सम्मेलन का आयोजन पूर्णतया सादगी के साथ करें। इस पहल से एक नई दिशा मिलेगी।