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पंचांग - 30-01-2024

 🚩राम✴️राम✴️राम✴️राम✴️
🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️राम🕉️
🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱     
🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय
🕉नमो नित्यं केशवाय च  शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।

jyotish


🕉  यह  दैनिक पंचांग नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार
♦️~ मंगलवार चतुर्थी  30 जनवरी 2024 का पंचांग ~♦️
♦️ दिन - मंगलवार*
♦️ *_शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
♦️*_संवत्सर नाम अनला_*
♦️ *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
♦️ *_काली सम्वत् 5124_*
♦️ *_संवत्सर (उत्तर)    पिंगल_*
♦️ *_आयन -     उत्तरायण_*
♦️*_ऋतु - सौर शिशर ऋतु_*
♦️*_मास - माघ मास_*
♦️*_पक्ष - कृष्ण पक्ष_*
♦️ तिथि - 30 जनवरी 24 चतुर्थी तिथि    08:53: 32तक पश्चात पंचमी _*
♦️पक्ष    कृष्ण_*
♦️ *_नक्षत्र - नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 10:05:03 PM तक उपरांत हस्त_*
♦️*_नक्षत्र स्वामी - नक्षत्र का स्वामी सूर्य है।उत्तराफाल्गुनी के देवता अर्यमा होते हैं।_*
♦️*_योग - अतिगण्ड योग 10:41:31 AM तक, उसके बाद सुकर्मा योग_*
♦️ *_प्रथम करण : बालव - 08:53:22 ए एम तक_*
♦️ *_द्वितीय करण : कौलव - 10:15:31 पी एम तक तैतिल_*
♦️*_गुलिक काल : मंगलवार का गुलिक दोपहर 12:48 से 02:10 बजे तक।_*
♦️*_राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 03:31 बजे से 04:52 बजे तक। राहु काल में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।_*
♦️ *_दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।_*
♦️ *_हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।_*
♦️ *_सूर्योदयः- प्रातः 07:23:38_*
♦️ *_सूर्यास्तः- सायं 06:13:15_*
♦️ *_यम घंटा 10:06 -11:27    अशुभ_*
♦️ *_अभिजित    12:27 - 13:10    शुभ_*
♦️ *_ चोघडिया, दिन♦️*
♦️ *_रोग    07:24 - 08:45    अशुभ*
♦️  *_उद्वेग    08:45 -10:06    अशुभ*
♦️ *_चर    10:06 - 11:27    शुभ*
♦️  *_लाभ    11:27 - 12:48    शुभ*
♦️ *_अमृत    12:48 - 14:10    शुभ*
♦️ *_काल    14:10 - 15:31    अशुभ*
♦️  *_शुभ    15:31 - 16:52    शुभ*
♦️ *_रोग    16:52 - 18:13    अशुभ*
       
♦️ *_चोघडिया, रात♦️*
♦️  *_काल    18:13 - 19:52    अशुभ*
♦️ *_लाभ    19:52 - 21:31    शुभ*
♦️  *_उद्वेग    21:31-23:09    अशुभ*
♦️ *_शुभ    23:09 - 24:48    शुभ*
♦️ *_अमृत    24:48 - 26:27    शुभ*
♦️ *_चर    26:27 - 28:06    शुभ*
♦️ *_रोग    28:06 - 29:44    अशुभ*
♦️ *_काल    29:44 - 31:23    अशुभ*
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♦️ *_ब्रह्म मुहूर्त    05:37am से 06:30 am*
♦️ *_प्रातः सन्ध्या    06:03am से 07:22am*
♦️ *_अभिजित मुहूर्त    12:27pm से 01:10pm*    
♦️ *_विजय मुहूर्त    02:37pm से 03:21pm*
♦️ *_गोधूलि मुहूर्त    06:12pm से 06:38 pm*    
♦️ *_सायाह्न सन्ध्या    06:15pm से 07:33pm*
♦️ *_अमृत काल    01:57pmसे 03:46 pm*
♦️ *_ निशिता मुहूर्त    12:22am, जनवरी 31 से 01:14am, जनवरी 31*
♦️ *_पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।_*

♦️ *_तिथि स्वामी - पंचमी तिथि के देवता हैं नागराज। इस तिथि में नागदेवता की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और पुत्र प्राप्ति होती है।_*

♦️*_ *_दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।_*
*_मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।_*
♦️ *_मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।_*


♦️ *_अपनी राशि अनुसार करेंगे सही दिशा का चुनाव तो हर काम में मिलेगी सफलता*

♦️ *_यदि व्यक्ति अपनी शुभ दिशा जानकर उसके अनुसार अपने कार्यों को करते समय मुंह करें तो उन्हें निश्चित ही सफलता मिलेगी।*

♦️ *_अपनी राशि अनुसार करेंगे सही दिशा का चुनाव तो हर काम में मिलेगी सफलता*

♦️ *_भारतीय ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन में अंक और रंग के साथ-साथ दिशाओं का बहुत महत्व होता है। किसी व्यक्ति के जीवन में जिस प्रकार लकी अंक और लकी कलर होता है, ठीक वैसे ही एक लकी दिशा भी होती है। अपनी राशि के अनुसार दिशाओं को चुनाव करना पड़ता है। व्यक्ति पर जितना असर राशि का पड़ता है, उतना ही प्रभाव दिशाओं का भी पड़ता है।*

♦️ *_यदि व्यक्ति अपनी शुभ दिशा जानकर उसके अनुसार अपने कार्यों को करते समय मुंह करें तो उन्हें निश्चित ही सफलता मिलेगी। आइए जानते हैं कौन सी दिशा किस राशि के लिए शुभ मानी जाती है।*

♦️ *_ज्योतिष के अनुसार पूर्व दिशा मेष, मिथुन और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ मानी गई है। इस राशि के जातक यदि ऑफिस, दुकान या घर में इस दिशा की तरफ मुख करके किसी भी काम करते हैं, तो उन्हें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है।*

♦️ *_पश्चिम दिशा*
*ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए पश्चिम दिशा को शुभ माना गया है। यदि इस दिशा में मुख करके कोई काम किया जाए तो वह सफल होता है। अटके हुए कार्य शीघ्रता से पूरे होते हैं।*

♦️ *_उत्तर दिशा*
*ज्योतिष के अनुसार वृषभ, कर्क, सिंह और कन्या राशि के जातकों के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है। इस दिशा में मुख करके कार्य करने से धन प्राप्ति होती है। आय के नए स्त्रोत बनते हैं। कार्य में तरक्की मिलती है।*

♦️ *_दक्षिण दिशा*
*कन्‍या, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए दक्षिण दिशा शुभ मानी जाती है। इस दिशा में मुख करके के किसी भी कार्य को करना अच्छा होता है। सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति होती है। किसी भी कार्य में कोई रुकावट नहीं आती है।*

  ♦️ *_चन्द्रमा मन का सूचक है और मनं कारक है |शास्त्र कहता है की "चंद्रमा मनसो जात:" | इसकी कर्क राशि है | कुंडली में चंद्र अशुभ होने पर। माता को किसी भी प्रकार का कष्ट या स्वास्थ्य को खतरा होता है, दूध देने वाले पशु की मृत्यु हो जाती है। स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है या नलकूप, कुएँ आदि सूख जाते हैं मानसिक तनाव,मन में घबराहट,तरह तरह की शंका मनं में आती है औरमनं में अनिश्चित भय व शंका रहती है और सर्दी बनी रहती है। व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार बार-बार आते रहते हैं।*
♦️ *_उपाय :* *सोमवार का व्रत करना, माता की सेवा करना, शिव की आराधना करना, मोती धारण करना, दो मोती या दो चाँदी का टुकड़ा लेकर एक टुकड़ा पानी में बहा दें तथा दूसरे को अपने पास रखें। कुंडली के छठवें भाव में चंद्र हो तो दूध या पानी का दान करना मना है।* *यदि चंद्र बारहवाँ हो तो धर्मात्मा या साधु को भोजन न कराएँ और ना ही दूध पिलाएँ। सोमवार को सफ़ेद वास्तु जैसे दही,चीनी, चावल,सफ़ेद वस्त्र, १ जोड़ा जनेऊ,दक्षिणा के साथ दान करना और ॐ सोम सोमाय नमः का १०८ बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है|*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।*ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर, (राजस्थ
*संपर्क:८३८७८६९०६८.*
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