ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*
*मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।*🕉🌸*
*🕉यह दैनिक पंचांग नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार🕉*
*☀️ *_आज प्रथम तिथि का पंचाग 26 जनवरी 2024 शुक्रवार _* ☀️
*⛅दिनांक - 26 जनवरी 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - प्रतिपदा रात्रि 01:19:05 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र - पुष्य सुबह 10:27:18 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - प्रीति सुबह 07:40:38*
*तक* *तत्पश्चात आयुष्मान्*
*⛅ करण बालव 12:18:15*
*⛅करण कौलव 25:19:05*
*⛅वार शुक्रवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) पौष*
*⛅माह (पूर्णिमांत) माघ*
*⛅चन्द्र राशि कर्क*
*⛅सूर्य राशि मकर*
*⛅रितु शिशिर*
*⛅आयन उत्तरायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2080*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 12, माघ (# note below)*
*⛅सूर्योदय 07:25:11*
*⛅सूर्यास्त 18:10:04*
*⛅दिन काल 10:44:52*
*⛅रात्री काल 13:14:45*
*⛅चंद्रोदय 18:44:47*
*⛅चंद्रास्त 32:00:15*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 11:27 से 12:48 तक*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38Am से 06:21AM तक*
*⛅प्रातः सन्ध्या 06:05 AM से 07:24AM*
*⛅ सायाह्न सन्ध्या 06:11pm से 07:31pm*
*⛅ अभिजित मुहूर्त 12:26 pm से 01:09 pm*
*⛅विजय मुहूर्त 02:36pm से 03:19 pm*
*⛅गोधूलि मुहूर्त 06:09 pm से 06:35 pm*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:14 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - गणतंत्र दिवस*
*⛅विशेष -प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
⛅ _*चोघडिया, दिन*
_ *चर 07:25 - 08:46 शुभ*
_ *लाभ 08:46 - 10:06 शुभ*
_ *अमृत 10:06 - 11:27 शुभ*
_ *काल 11:27 - 12:48 अशुभ*
_ *शुभ 12:48 - 14:08 शुभ*
_ *रोग 14:08 - 15:29 अशुभ*
_ *उद्वेग 15:29 - 16:49 अशुभ*
_ *चर 16:49 - 18:10 शुभ*
⛅ _ *चोघडिया, रात_*
_ *रोग 18:10 - 19:49 अशुभ*
_ *काल 19:49 - 21:29 अशुभ*
_ *लाभ 21:29 - 23:08 शुभ*
_ *उद्वेग 23:08 - 24:47 अशुभ*
_ *शुभ 24:47 - 26:27 शुभ*
_ *अमृत 26:27 - 28:06 शुभ*
_ *चर 28:06 - 29:45 शुभ*
_ *रोग 29:45 - 31:25 अशुभ*
*माघ स्नान कब? माघ माह में स्नान का क्या है धार्मिक महत्व, जानें _*
*हिंदू धर्म में माघ माह को बहुत ही पवित्र माह माना गया है.* *इस माह में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.* *आइये जानते हैं माघ माह में स्नान का महत्व.*
*माघ का पवित्र महीना 26 जनवरी 2024 से शुरु हो रहा है. ये महीना 24 फरवरी तक चलेगा और माघ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा*
_ *माघ के माह में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व होता है._*
_ *माघ का पवित्र महीना 26 जनवरी 2024 से शुरु हो रहा है. ये महीना 24 फरवरी तक चलेगा और माघ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा. माघ के माह में प्रयागराज में संगम तट पर गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व होता है._*
*अगर आप माघ माह में तीन बार स्नान करते हैं तो अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है. माघ पूर्णिमा पर सभी देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं और स्नान करते हैं. साथ ही पूरे महीने का माघ स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य प्रदान करते हैं. _*
*अगर आप माघ माह में तीन बार स्नान करते हैं तो अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है. माघ पूर्णिमा पर सभी देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आते हैं और स्नान करते हैं. साथ ही पूरे महीने का माघ स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य प्रदान करते हैं*
_ *ऐसा माना जाता है माघ मास में गंगा में स्नान करने से आपको आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और शरीर निरोगी बनता है. साथ ही रोगों का नाश होता है. _*
_ *ऐसा माना जाता है माघ मास में गंगा में स्नान करने से आपको आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और शरीर निरोगी बनता है. साथ ही रोगों का नाश होता है._*
_ *माघ मास के दौरान आप किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. नर्दा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, किसी भी नदी में सच्चे मन से स्नान करने सो रोगों का अंत होता है._*
_ *माघ मास के दौरान आप किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं. नर्दा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, किसी भी नदी में सच्चे मन से स्नान करने सो रोगों का अंत होता है. _*
_ *माघ का पवित्र महीना श्री कृष्ण भगवान की भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस माह का सीधा संबंध श्रीकृष्ण के माधव स्वरूप से भी है, इसलिए मधुराष्टक का पाठ जरूर करना चाहिए _*
_ *माघ का पवित्र महीना श्री कृष्ण भगवान की भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस माह का सीधा संबंध श्रीकृष्ण के माधव स्वरूप से भी है, इसलिए मधुराष्टक का पाठ जरूर करना चाहिए._*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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