🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय
🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमो नमः।।
🕉 यह दैनिक पंचांग नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार
♦️~ रविवार तृतीया 29 जनवरी 2024 का पंचांग ~♦️
♦️ दिन - सोमवार*
♦️विक्रम संवत् - 2080*
♦️अयन - उत्तरायण*
♦️ऋतु - शिशिर*
♦️मास - माघ*
♦️पक्ष - कृष्ण*
♦️ तिथि - चतुर्थी 29 जनवरी अहोरात्र तक (वृद्धि तिथि)*
♦️पक्ष कृष्ण*
♦️नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 18:56:08
तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
♦️योग शोभन 09:42:07
तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
♦️करण बव 19:31:16*
♦️वार सोमवार*
♦️चन्द्र राशि सिंह till 25:43:21
♦️चन्द्र राशि कन्या से 25:43:21
♦️सूर्य राशि मकर*
♦️रितु शिशिर*
♦️आयन उत्तरायण*
♦️संवत्सर शोभकृत*
♦️संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
♦️विक्रम संवत 2080*
♦️गुजराती संवत 2080*
♦️शक संवत 1945*
♦️कलि संवत 5124*
♦️सौर प्रविष्टे 15, माघ*
♦️नागौर राजस्थान (भारत)*
♦️ सूर्योदय 07:24:04*
♦️सूर्यास्त 18:12:28*
♦️दिन काल 10:48:24 *
♦️रात्री काल 13:11:09*
♦️चंद्रास्त 09:33:17*
♦️चंद्रोदय 21:25:13*
♦️यम घंटा11:27-12:48 अशुभ
♦️गुली काल 14:09 - 15:30*
♦️अभिजित 12:27-13:10 शुभ
♦️राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:45 से 10:06 तक*
♦️दिशा शूल - पूर्व*
♦️ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37AM से 06:30AM तक*
♦️ प्रातः सन्ध्या प्रातः 06:04AM से 07: 23AMतक *
♦️अभिजित मुहूर्त 12:27PM से 01:10PM तक*
♦️ विजय मुहूर्त 02:37PM से 03:20PM तक*
♦️ गोधूलि मुहूर्त 06:11PM से 06:38तक*
♦️सायाह्न सन्ध्या 06:14PM से 07:33PMतक*
♦️अमृत काल 11:44 AMसे 01:32PMतक*
♦️ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:114 तक*
♦️व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 09:25:13)*
♦️चोघडिया, दिन♦️
♦️अमृत 07:24 - 08:45 शुभ*
♦️काल 08:45 - 10:06 अशुभ*
♦️शुभ 10:06 - 11:27 शुभ*
♦️रोग 11:27 - 12:48 अशुभ*
♦️उद्वेग 12:48 -14:09 अशुभ*
♦️चर 14:09 - 15:30 शुभ*
♦️लाभ 15:30 - 16:51 शुभ"
♦️अमृत 16:51 - 18:12 शुभ*
♦️चोघडिया, रात♦️
♦️चर 18:12 - 19:51 शुभ*
♦️रोग 19:51 -21:30 अशुभ*
♦️काल 21:30 -23:09 अशुभ*
♦️लाभ 23:09 - 24:48 शुभ*
♦️उद्वेग 24:48 -26:27 अशुभ*
♦️शुभ 26:27- 28:06 शुभ*
♦️अमृत 28:06 - 29:45 शुभ*
♦️ चर 29:45 - 31:24 शुभ*
♦️आज सूर्योदय की कुंडली*
♦️सूर्योदय♦️
♦️लग्न मकर 14°26' , 284°26'*
♦️सूर्य नक्षत्र श्रवण*
♦️चन्द्र नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी*
♦️पद, चरण♦️
♦️3 टी पूर्वफाल्गुनी 12:09:11*
♦️4 टू पूर्व फाल्गुनी 18:56:08*
♦️1टे उत्तरफाल्गुनी 25:43:21*
♦️माघ मास चतुर्थी, कृष्ण पक्ष, विक्रम संवत 2080 दिनांक 29जनवरी 2024 सोमवार को संकट चतुर्थी के रूप में मनाई जाएगी।
♦️माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकट चौथ के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन यदि माताएं संपूर्ण विधि-विधान के सा व्रत रखती है तो संतान हमेशा स्वस्थ्य रहती है और दीर्घायु होती है। संकट चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार संकट चतुर्थी व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा। व्रती महिलाएं इस तिथि को निर्जला व्रत रखती है और रात में चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देकर व्रत को पूरा करती है।
♦️चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश जी की पूजा-व्रत करने का विधान है। इस माह में लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।
♦️संकट चौथ का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के मुताबिक, माघ माह की संकट चौथ तिथि का शुभारंभ 29 जनवरी को सुबह 6.11 बजे पर होगा और इस तिथि का समापन 30 जनवरी को सुबह 8.53:32 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार संकट चतुर्थी व्रत 29 जनवरी को ही रखा जाएगा।
संकट चौथ के दिन महिलाओं को सुबह घर की सफाई के बाद जल्द स्नान करना चाहिए।
♦️भगवान गणेश का ध्यान कर संकट चतुर्थी व्रत पर निर्जला व्रत का संकल्प लें। महिलाएं यदि चाहे तो खिचड़ी मूंगफली और फलाहार कर सकती है। विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की आराधना करें। भगवान गणेश को काले तिल और गुड़ से बना भोग लगाएं। गणेश पूजा के बाद आखिर में आरती उतारकर प्रसाद वितरण करें।
♦️माघ मास की संकष्टी चतुर्थी यू कहे की लंबोदर चतुर्थी व्रत करने से मानसिक शांति एवं संकटों का निवारण होता है। कार्य में सफलता प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान में वृद्धि होती है एवं संतान के सभी दु:खों का निवारण होता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार चंद्रमा का उदय और चतुर्थी दोनो का संयोग होना चाहिए। इस दिन चंद्रमा के उदय की विशेष प्रतीक्षा रहती है। व्रत करने वालों को चाहिए कि कुछ इस दिन दान करें। जिसमें अन्न, नमक का दान, स्वर्ण दान,चांदी दान,वस्त्र, घृत दान, एवं शक्कर का दान करें। ऐसा करने से दरिद्रता कर्ज और रोग और अपमान मुक्ति मिलती है। यदि गए और हाथी को गुड़ खिलाया जाए तो अकाल मृत्यु नहीं होती, विशेषताएं विद्यार्थी वर्ग को गणपति का ध्यान पूजन मंत्र जप अवश्य करना चाहिए। अध्ययन और परीक्षा में निरंतर सफलता मिलती है।
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा नागौर, (राजस्थान)*
*संपर्क:८३८७८६९०६८*
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