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पंचांग - 23-01-2024

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🕉नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार🕉*
 *☀️ *_आज का पंचाग_*☀️
*🌞मंगल त्रयोदशीकापंचांग🌞*
*⛅दिनांक - 23 जनवरी 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी रात्रि 08:38:51 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - आर्द्रा 24 जनवरी प्रातः 06:25:25 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग - इन्द्र सुबह 08:02:50 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - शाम 03:27 से 04:47 तक*
*⛅यम घंटा    10:07 - 11:27    अशुभ*
*⛅गुली काल    12:47 - 14:07*
*⛅अभिजित    12:26 - 13:08    शुभ*
*⛅सूर्योदय - 07:26:10*
*⛅सूर्यास्त - 06:07:41*
*⛅करण    कौलव    08:12:06*
*⛅करण    तैतुल    20:38:51*
*⛅वार    मंगलवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    पौष*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    पौष*
*⛅चन्द्र राशि       मिथुन*
*⛅सूर्य राशि       मकर*
*⛅रितु    शिशिर*
*⛅आयन    उत्तरायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2080*
*⛅शक संवत    1945*
*⛅कलि संवत    5124*
*⛅सौर प्रविष्टे*    *9 माघ*
*⛅नागौर राजस्थान (भारत)*
*⛅सूर्योदय    07:26:10*
*⛅सूर्यास्त    18:07:41*
*⛅दिन काल    10:41:30*    
*⛅रात्री काल    13:18:11*
*⛅चंद्रोदय    15:51:59*
*⛅चंद्रास्त    30:30:18*
          *⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न      मकर 8°21' , 278°21'*
*⛅सूर्य नक्षत्र    उत्तराषाढा*
*चन्द्र नक्षत्र    आद्रा*
       *⛅पद, चरण*
*1 कु    आद्रा    11:17:15*
*2 घ    आद्रा    17:38:36*
*3 ङ    आद्रा    24:01:20*
*4 छ    आद्रा    30:25:25*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:32 तक*
*⛅गोधूलि मुहूर्त-06:06से 06:35 तक*
*⛅ अमृत काल-07:50 से  09:31तक*
*⛅  रवि योग-07:25से 06:26    तक*
*⛅प्रातः सन्ध्या- प्रात: 06:05Am से 07:25Am तक*
*⛅सायाह्न सन्ध्या    06:09 Pm से 07:29pm*
*⛅विजय मुहूर्त 02:34से 07:17तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:13 तक*
    *⛅ चोघडिया, दिन⛅*
*रोग    07:26 - 08:46    अशुभ*
*उद्वेग    08:46 - 10:07    अशुभ*
*चर    10:07 - 11:27    शुभ*
*लाभ    11:27 - 12:47    शुभ*
*अमृत    12:47 - 14:07    शुभ*
*काल    14:07 - 15:27    अशुभ*
*शुभ    15:27 - 16:47    शुभ*
*रोग    16:47 - 18:08    अशुभ*
     *⛅चोघडिया, रात⛅*
*काल    18:08 - 19:47    अशुभ*
*लाभ    19:47 - 21:27    शुभ*
*उद्वेग    21:27 - 23:07    अशुभ*
*शुभ    23:07 - 24:47    शुभ*
*अमृत    24:47 - 26:27    शुभ*
*चर    26:27 - 28:06    शुभ*
*रोग    28:06 - 29:46    अशुभ*
*काल    29:46- 31:26    अशुभ*

*⛅व्रत पर्व विवरण - भौम प्रदोष व्रत, चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग,  नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयन्ती (दि. अ. )*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅ कर्ज-निवारक कुंजी🔹*
*⛅भौम प्रदोष व्रत : 23 जनवरी 2024*
*⛅ ज्योतिष गणना के आधार पर प्रदोष व्रत हर प्रत्येक महीने में दो बार आता है।*
*प्रदोष व्रत यदि मंगलवार के दिन पड़े तो उसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहते हैं ।*
*मंगलदेव ऋणहर्ता होने से कर्ज-निवारण के लिए यह व्रत विशेष फलदायी है ।*
*भौम प्रदोष व्रत के दिन संध्या के समय यदि भगवान शिव  का पूजन करें तो उनकी कृपा से जल्दी कर्ज से मुक्त हो जाते हैं।*
*मृत्युंजय महादेव त्राहि मां शरणागतम ।*
*जन्ममृत्युजराव्याधिपीडितं कर्मबन्धनै: ।।*
*इस प्रदोष व्रत के सेवन करने से ऋण से निश्चित मुक्ति मिलती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसके बाद व्रत का फलाहार किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के करने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत हो जाती है।*
*एक शुक्ल पक्ष के दौरान और दूसरा कृष्ण पक्ष के दौरान किया जाता है। ऐसे में  माह का प्रदोष व्रत इस पक्ष के दौरान रखा जाएगा।*
*आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के इन नियम क्या-क्या हैं, जिनका ध्यान रखा जाए तो साधक को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।*
*शास्त्रानुसार प्रदोष-व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से प्रारंभ किया जा सकता है। श्रावण व कार्तिक मास प्रदोष-व्रत को प्रारंभ करने के लिए अधिक श्रेष्ठ माने गए हैं।*
*प्रदोष-व्रत का प्रारंभ विधिवत् पूजन-अर्चन एवं संकल्प लेकर करना श्रेयस्कर रहता है।*
*प्रदोष व्रत के कुछ नियम से करें तो बहुत फायदा होता है: -*
*त्रयोदशी के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए*.
*नहाकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए*.
*इस व्रत में भोजन नहीं करना चाहिए*.
*दिन और रात में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.*
*नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.*
*ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.*
*दिनभर गुस्सा या विवाद से बचना चाहिए.*
*अपशब्द न बोलें.*
*तन, मन और चित्त में लोभ, ईर्ष्या और क्रोध जैसे विकारों को नहीं लाना चाहिए*
*व्रत के दौरान सूर्यास्त से एक घंटा पहले नहाकर पूजा करनी चाहिए.*
*व्रत के दिन भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करके पूजा-अर्चना करनी चाहिए.*
*व्रत के दौरान हरी मूंग और फलाहार का सेवन करना चाहिए.
व्रत के दौरान लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए.*
*प्रदोष व्रत के दिन महादेव को दूध, धतूरा, आक, गंगाजल, चंदन, अक्षत और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए.
प्रदोष व्रत की शाम को शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर पूजा करनी चाहिए.*
*प्रदोष व्रत के दिन किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को दूध, शक्कर, सफ़ेद वस्त्र और दही का दान करना चाहिए.*
*प्रदोष व्रत को बहुत लाभकारी माना जाता है. इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और जातक पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं.*

*प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस बार साल 2024 का दूसरा प्रदोष व्रत 23 जनवरी को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।*

 *प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या न करें*
*प्रदोष व्रत की पूजा-अर्चना संध्याकाल में की जाती है।*
*साल 2024 का दूसरा प्रदोष व्रत 23 जनवरी को है।*
*प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है।*
*सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को उत्तम माना गया है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। साल 2024 का दूसरा प्रदोष व्रत 23 जनवरी को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को नहीं करना चाहिए, जिनको करने से भगवान भोलेनाथ नाराज होते हैं और जीवन में बुरे परिणाम मिलते हैं।*
*प्रदोष व्रत के दिन क्या करें*
*प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना गया है। शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, फूलों की माला और भांग अर्पित करें। पूजा के दौरान आरती और शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन गरीब लोगों को श्रद्धा अनुसार गर्म कपड़ों और धन का दान करें। इस दिन भजन कीर्तन करना फलदायी होता है।*
*प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें*
*प्रदोष व्रत के दिन बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें और किसी से बातचीत के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग न करें। किसी के प्रति गलत न सोचें। तामसिक भोजन का सेवन और किसी भी तरह का कोई नशा न करें। मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत करने वाले साधक को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है। पूजा के दौरान भगवान भोलेनाथ को नारियल का जल, कुमकुम और तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए।*
*प्रदेश व्रत 2024 शुभ मुहूर्त*
*पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 52:04 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 23 जनवरी को संध्याकाल 08 बजकर 38:51 मिनट पर तिथि का समापन होगा।* *इस बार 23 जनवरी को प्रदोष व्रत है।*


*⛅ॐ कार जप अक्षय फलदायी🔸*
*चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग में ॐकार का जप अक्षय फलदायी है ।*
*(23 जनवरी रात्रि 04-57:17 से 24 जनवरी सुबह 06:25:25 तक)*

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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

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