🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🕉नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार🕉*
🌸 *_ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥_*
🌸 *_आजनवमीकापंचाग_* 🌸 *_शुक्रवार 19 जनवरी 2024_*
*_ पौष मास की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि हैं। आज स्वार्थसिद्धि योग भी है। आज नवमी तिथि को नंदा नाम से भी जाना जाता है, इसलिए नंदा तिथि को रवि योग का निर्माण हो रहा है और यह रवियोग दोषसंघविनासक हैं। लिखा है, "दोषसंघविनासकौ" आज जन्म कुंडली के दोष के लिए उत्तम मुहुर्त है ।।_*
*_19 जनवरी 2024 : को पौष शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और शुक्रवार का दिन है। नवमी तिथि शुक्रवार शाम 7 बजकर 51बजकर.20 मिनट तक रहेगी। 19 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 44.33 तक साध्य योग रहेगा। साथ ही शुक्रवार को पूरे दिन और पूरी रात रवि योग रहने वाला है। इसके अलावा 19 जनवरी को देर रात 2 बजकर 49.22 मिनट भरणी नक्षत्र रहेगा।*
🌸 *_शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन_*
🌐 *_संवत्सर नाम अनला_*
🔯 *_शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)_*
☸️ *_काली सम्वत् 5124_*
🕉️ *_संवत्सर (उत्तर) पिंगल_*
☣️ *_आयन - उत्तरायण_*
☀️ *_ऋतु - सौर शिशर ऋतु_*
⛈️ *_मास - पौष मास_*
🌗 *_पक्ष - शुक्ल पक्ष_*
📆 *_तिथि - शुक्रवार पौष माह के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि 07:51.20 PM तक उपरांत दशमी_*
✏️ *_तिथि स्वामी : नवमी तिथि की देवी हैं दुर्गा। इस तिधि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है।_*
💫 *_नक्षत्र - नक्षत्र भरणी 02:49:22 AM तक उपरांत कृत्तिका_*
🪐 *_नक्षत्र स्वामी - नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है।भरणी नक्षत्र की राशि मेष राशि है और इस नक्षत्र के देवता भगवान यम हैं जिन्हें मृत्यु के देवता कहा जाता है।_*
🔔 *_योग - साध्य योग 12:44:33 PM तक, उसके बाद शुभ योग_*
⚡ *_प्रथम करण : बालव - 08:14:15 ए एम तक_*
✨ *_द्वितीय करण : कौलव - 07:51:20 पी एम तक तैतिल_*
🔥 *_गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 8:47 से 10:60 तक ।_*
⛅ *_माह (अमावस्यांत) पौष*
⛅ *_माह (पूर्णिमांत) पौष*
⛅ *_चन्द्र राशि मेष*
⛅ *_सूर्य राशि मकर*
⛅ *_रितु शिशिर*
⛅ *_आयन उत्तरायण*
⛅ *_संवत्सर शोभकृत*
⛅ *_संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
⛅ *_विक्रम संवत 2080*
⛅ *_गुजराती संवत 2080*
⛅ *_शक संवत 1945*
⛅ *_कलि संवत 5124*
⛅ *_सौर प्रविष्टे 5, माघ*
⛅ *_नागौर, राजस्थान (भारत)*
⛅ *_दिन काल 10:37:24*
⛅ *_रात्री काल 13:22:24*
⛅ *_चंद्रोदय 12:44:23*
⛅ *_चंद्रास्त 26:34:27*
⛅ *_यम घंटा 15:25 - 16:45 अशुभ*
⛅ *_सूर्योदय*
⛅ *_लग्न मकर 4°17' , 274°17'*
⛅ *_सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा*
⛅ *_चन्द्र नक्षत्र भरणी*
⛅ *_पद, चरण*
*_1 ली भरणी 08:52:31*
*_2 लू भरणी 14:49:46*
*_3 ले भरणी 20:48:43*
*_4 लो भरणी 26:49:22*
⛅ *_ चोघडिया, दिन*
*_ चर 07:27 - 08:47 शुभ*
*_ लाभ 08:47 - 10:06 शुभ*
*_अमृत 10:06 - 11:26 शुभ*
*_काल 11:26 - 12:46 अशुभ*
*_ शुभ 12:46 - 14:05 शुभ*
*_रोग 14:05 - 15:25 अशुभ*
*_उद्वेग 15:25 - 16:45 अशुभ*
*_चर 16:45 - 18:04 शुभ*
⛅ *_ चोघडिया, रात*
*_रोग 18:04 - 19:45 अशुभ*
*_काल 19:45 - 21:25 अशुभ*
*_लाभ 21:25 - 23:05 शुभ*
*_उद्वेग 23:05 - 24:46 अशुभ*
*_शुभ 24:46 - 26:26 शुभ*
*_अमृत 26:26 - 28:06 शुभ*
*_चर 28:06 - 29:47 शुभ*
*_रोग 29:47 - 31:27 अशुभ*
⚜️ *_ आज दिन की कुंडली*
⚜️ *_दिशाशूल - शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।_*
🤖 *_राहुकाल -दिन – 11:26 से 12:47 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |_*
🌞 *_सूर्योदयः- प्रातः 07:27:04_*
🌅 *_सूर्यास्तः- सायं 06:04:28_*
👸🏻 *_ब्रह्म मुहूर्त : 05:39 ए एम से 06:32 ए एम_*
🌇 *_प्रातः सन्ध्या : 06:06 ए एम से 07:26 ए एम_*
🌟 *_अभिजित मुहूर्त : 12:24 पी एम से 01:07 पी एम_*
🔯 *_विजय मुहूर्त : 02:32 पी एम से 03:15 पी एम_*
🐃 *_गोधूलि मुहूर्त : 06:02 पी एम से 06:29 पी एम_*
🌃 *_सायाह्न सन्ध्या : 06:05 पी एम से 07:25 पी एम_*
💧 *_अमृत काल : 10:04 पी एम से 11:39 पी एम_*
🗣️ *_निशिता मुहूर्त : 12:29 ए एम, जनवरी 20 से 01:12 ए एम, जनवरी 20_*
❄️ *_रवि योग :2:58pm से 7:26pm _*
🚓 *_यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।_*
👉🏽 *_आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।_*
🤷🏻♀️ *_आज का उपाय-किसी ब्राह्मण को खीर खिलाएं।_*
🪵 *_वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।_*
⚛️ *_पर्व एवं त्यौहार - देवदर्शन/ साध्य योग/ रवियोग/ श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नियुक्त दिवस, धर्मगुरु - आचार्य रजनीश स्मृति दिवस, देवेन्द्र नाथ टैगोर स्मृति दिवस, राजपूत राजा राणा प्रताप सिंह स्मृति दिवस, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय)।_*
✍🏼 *_विशेष – नवमी तिथि को काशीफल (कोहड़ा एवं कद्दू) एवं दशमी को परवल खाना अथवा दान देना भी वर्जित अथवा त्याज्य होता है। नवमी तिथि एक उग्र एवं कष्टकारी तिथि मानी जाती है। इस नवमी तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता दुर्गा जी हैं। यह नवमी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह नवमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। नवमी तिथि के दिन लौकी खाना निषेध बताया गया है। क्योंकि नवमी तिथि को लौकी का सेवन गौ-मांस के समान बताया गया है।_*
🌌 *_दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।_*
*_शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।_*
*_शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।_*
*_शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।_*
⚜️ *_नवमी तिथि में माँ दुर्गा कि पूजा गुडहल अथवा लाल गुलाब के फुल करें। साथ ही माता को पूजन के क्रम में लाल चुनरी चढ़ायें। पूजन के उपरान्त दुर्गा सप्तशती के किसी भी एक सिद्ध मन्त्र का जप करें। इस जप से आपके परिवार के ऊपर आई हुई हर प्रकार कि उपरी बाधा कि निवृत्ति हो जाती है। साथ ही आज के इस उपाय से आपको यश एवं प्रतिष्ठा कि भी प्राप्ति सहजता से हो जाती है।_*
*_आज नवमी तिथि को इस उपाय को पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा से करने पर सभी मनोरथों कि पूर्ति हो जाती है। नवमी तिथि में वाद-विवाद करना, जुआ खेलना, शस्त्र निर्माण एवं मद्यपान आदि क्रूर कर्म किये जाते हैं। जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए, यह नरक की प्राप्ति कराता है।_*
▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🐊