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पंचांग - 11-01-2024

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

jyotish


*🕉नागौर राजस्थान (भारत) के सूर्योदय समय के अनुसार🕉*
*🌞गुरुवार अमावस्या पंचांग🌞*
*⛅पौष अमावस्या - दिनांक.                    11जनवरी 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अमावस्या शाम 05:26:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढा शाम 05:37.55 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
*⛅योग - व्याघात शाम 05:47:57 तक तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 14:02 से 03:20 तक*
*⛅करण    विष्टि भद्र    09:21:39*
*⛅करण    शकुनी    20:10:19*
*⛅करण    चतुष्पद    30:51:28*
*⛅वार    बुधवार*
*⛅माह (अमावस्यांत)    मार्गशीर्ष*
*⛅माह (पूर्णिमांत)    पौष*
*⛅चन्द्र राशि       धनु*
*⛅सूर्य राशि       धनु*
*⛅ रितु    शिशिर*
*⛅आयन    उत्तरायण*
*⛅संवत्सर    शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर)    पिंगल*
*⛅विक्रम संवत    2080*
*⛅गुजराती संवत    2080*
*⛅शक संवत    1945*
*⛅कलि संवत    5124*
*⛅सौर प्रविष्टे    26, पौष    (# note below)*
*⛅ सूर्योदय    07:27:30    *
*⛅सूर्यास्त    17:57:19*
*⛅दिन काल    10:29:48    *
*⛅रात्री काल    13:30:14*
*⛅चंद्रास्त    16:39:08    *
*⛅ चंद्रोदय    31:22:51*
*⛅यम घंटा    07:28 - 08:46    अशुभ*
*⛅गुली काल    10:05 - 11:24*
*⛅अभिजित    12:22 - 13:04    शुभ*
          *⛅सूर्योदय⛅*
 लग्न      धनु 25°6' , 265°6'*
 सूर्य नक्षत्र    पूर्वाषाढा    *
 चन्द्र नक्षत्र    मूल*
      *⛅पद, चरण⛅*
*2 यो    मूल    08:29:05*
*3 भा    मूल    14:05:07*
*4 भी    मूल    19:39:07*
*1 भू    पूर्वाषाढा    25:11:13*
*2 धा    पूर्वाषाढा    30:41:37*
     *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ    07:28 - 08:46    शुभ*
*रोग    08:46 - 10:05    अशुभ*
*उद्वेग    10:05 - 11:24    अशुभ*
*चर    11:24 - 12:43    शुभ*
*लाभ    12:43 - 14:02    शुभ*
*अमृत    14:02 - 15:20    शुभ*
*काल    15:20 - 16:39    अशुभ*
*शुभ    16:39 - 17:58    शुभ*
     *⛅चोघडिया, रात*⛅
*अमृत    17:58 - 19:39    शुभ*
*चर    19:39 - 21:20    शुभ*
*रोग    21:20 - 23:02    अशुभ*
*काल    23:02 - 24:43    अशुभ*
*लाभ    24:43 - 26:24    शुभ*
*उद्वेग    26:24 - 28:05    अशुभ*
*शुभ    28:05 - 29:46    शुभ*
*अमृत    29:46 - 31:28    शुभ*
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          *⛅लग्न⛅*
  *धनु    07:28 - 07:44*
  *मकर    07:44 - 09:28*
  *कुम्भ    09:28 - 10:57*
  *मीन    10:57 - 12:23*
  *मेष    12:23 - 13:59*
  *वृषभ    13:59 - 15:56*
  *मिथुन    15:56 - 18:10*
  *कर्क    18:10 - 20:30*
  *सिंह    20:30 - 22:45*
  *कन्या    22:45 - 25:00*
  *तुला    25:00* - 27:19*
  *वृश्चिक    27:19* - 29:36*
  *धनु    29:36 - 31:28*

*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:39 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 01:10 तक*
*⛅विजय मुहूर्त दोपहर-2:28pm to 3:11pm*
*⛅व्रत पर्व विवरण - पौष अमावस्या*
*⛅ अमृत काल01:15pm to 2:43pm*

*2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी 2024 गुरुवार को पड़ रहा है. इस अमावस्या को पौष मास की अमावस्या कहा जाता है. पूरे साल में 12 अमावस्या होती है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या पर क्या उपाय करना चाहिए?*

*पौष अमावस्या से मिलता है पितरों को मोक्ष*,
 *पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 को है. ये अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी गई है. बस इस दिन कुछ विशेष कार्य जरुर करें, ये जीवन में खुशियां लाते हैं*.
  *इस साल की पहली अमावस्या यानी पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 को है. वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन चूंकि पौष का महीना और अमावस्या दोनों ही पितरों को समर्पित है, ऐसे में पौष अमावस्या का महत्व दोगुना हो जाता है.*
*मान्यता है कि पौष अमावस्या पर कुछ विशेष कार्य करने से पितरों यमलोक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और वह स्वर्ग को प्राप्त होते हैं. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या पर क्या करें.*
*पौष अमावस्या पर करें ये काम*
*इस समय करें श्राद्ध - पितरों का श्राद्ध करने के लिए सुबह 11.30 से दोपहर 1 बजे तक के बीच का समय उत्तम माना जाता है. मान्यता है अमावस्या पर दोपहर के समय पितर अपने वंशज के बीच आकर उनसे जल-अन्न प्राप्ति की उम्मीद रखते हैं. ऐसे में इस समय किया गया श्राद्ध 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को तृप्त करता है. पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं.*
*पितृ दोष से मुक्ति दिलाएगा ये दान - सुपात्र में दिया गया दान व्यक्ति को यश, सफलता और सौभाग्य के साथ अमोघ फल प्रदान करता है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पौष अमावस्या पर अन्न, चावल, दूध, घी, कंबल, धन का दान करें. कहते हैं पितृ दोष से जीवन संकटों से घिर रहता है लेकिन अमावस्या पर किया श्राद्ध कर्म इससे मुक्ति दिलाता है. वंश में वृद्धि होती है.*
*पीपल की पूजा से पूरे होंगे काम - कई बार पितृ दोष या फिर पूवर्जों की नाराजगी के कारण परिवार की तरक्की रूक जाती है, मांगलिक कार्य में बाधाएं आने लगती है. ऐसे में पौष अमावस्या पर पीपल को जल में दूध, चावल, काले तिल मिलाकर सीचें. शाम को पीपल के नीचे तेल का दीपक लगाएं. इससे जीवन का अंधकार समाप्त होता है. शनि भी प्रसन्न होते है और पूर्वजों के आशीर्वाद से परिवार उन्नति करता है.*
*स्नान - पौष अमावस्या पर गंगा नदी या घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करें. इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है. पूर्वजों के निमित्त तर्पण करें.*
*पितृमोक्ष अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और शाम को तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन ये सब करने से पीपल की पूजा करने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं.*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*आप अपने शहर के लिए सुर्योदय के अनुसार घटत बढ़त करे*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवे...
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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