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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞शनिवार दशमीका पंचांग *🌞⛅*दिनांक - 06 जनवरी 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - दशमी रात्रि 12:41.13 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - स्वाती रात्रि 09:22:21 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग - धृति 07 जनवरी सुबह 06:08:42 तक*
*⛅करण वणिज 12:19:36*
*⛅करण विष्टि भद्र 24:41:13*
*⛅वार शनिवार*
*⛅माह (अमावस्यांत) मार्गशीर्ष*
*⛅माह (पूर्णिमांत) पौष*
*⛅चन्द्र राशि तुला*
*⛅सूर्य राशि धनु*
*⛅रितु शिशिर*
*⛅आयन उत्तरायण*
*⛅संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2080*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 22, पौष (# note below)*
*⛅नागौर राजस्थान भारत*
*⛅सूर्योदय 07:27:03*
*⛅सूर्यास्त 17:54:19*
*⛅दिन काल 10:27:15*
*⛅रात्री काल 13:32:52*
*⛅चंद्रास्त 13:26:52*
*⛅चंद्रोदय 27:08:44*
*⛅सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न धनु 21°2' , 261°2'*
*⛅सूर्य नक्षत्र पूर्वाषाढा*
*⛅चन्द्र नक्षत्र स्वाति*
*⛅पद, चरण⛅*
*2 रे स्वाति 08:41:18*
*3 रो स्वाति 15:03:20
*4 ता स्वाति 21:22:21*
*1 ती विशाखा 27:38:17*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 10:04 से 11:22 तक*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅चन्द्रवास पश्चिम*
*⛅राहु वास पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:32 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:08 तक*
*⛅अमृत काल 12:01PM से 01:43PM*
*⛅गोधूलि मुहूर्त 5:53PNसे 06:20PM*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*काल 07:27 - 08:45 अशुभ*
*शुभ 08:45 - 10:04 शुभ*
*रोग 10:04 - 11:22 अशुभ*
*उद्वेग 11:22 - 12:41 अशुभ*
*चर 12:41 - 13:59 शुभ*
*लाभ 13:59 - 15:18 शुभ*
*अमृत 15:18 - 16:36 शुभ*
*काल 16:36 - 17:54 अशुभ*
*⛅ चोघडिया, रात⛅*
*लाभ 17:54 - 19:36 शुभ*
*उद्वेग 19:36 - 21:18 अशुभ*
*शुभ 21:18 - 22:59 शुभ*
*अमृत 22:59 - 24:41 शुभ*
*चर 24:41 - 26:22 शुभ*
*रोग 26:22 - 28:04 अशुभ*
*काल 28:04 - 29:46 अशुभ*
*लाभ 29:46 - 31:27 शुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*⛅शनिवार के दिन विशेष प्रयोग ⛅*
*⛅शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*
*⛅ हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल,दूध, गंगाजल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*⛅सफला एकादशी व्रत : 07 जनवरी रविवार 2024 को रखा जाएगा⛅*
*एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है.* *मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध और सफल हो जाते हैं.*
*साथ ही इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।*
*पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है.*
*मान्यता है कि, इस एकादशी का व्रत करने से सारे कार्य सफल हो जाते हैं, इसलिए इसे सफला एकादशी कहा गया है*
*इस दिन भगवान अच्युत और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सफला एकादशी इस साल की पहली एकादशी है.*
*इस बार सफला एकादशी 7 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी.*
*एकादशी के दिन व्रत करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है.*
*एकादशी पौष माह की कृष्ण पक्ष की तिथि को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, सफला एकादशी की शुरुआत 7 जनवरी को रात 12 बजकर 41:02 मिनट पर होगी और समापन 8 जनवरी को रात 12 बजकर 45:35 मिनट पर होगा. 8 जनवरी को पारण का समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट तक रहेगा.*
*एकादशी के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. उसके बाद भगवान अच्युत और भगवान विष्णु को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करना चाहिए. नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग आदि से भगवान अच्युत और भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए*.
*इस दिन रात्रि में जागरण कर श्री हरि के नाम के भजन करने का बड़ा महत्व है. व्रत के अगले दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए.*
*एकादशी के दिन भगवान अच्युत जी का पूजन किया जाता है. साथ ही इस दिन श्रीहरि का पूजन भी किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी की रात जागरण करने से सभी इच्छाएं पूरी होती है. इस दिन श्रद्धालु बड़े स्तर पर पूजा, हवन और भंडारों आदि का आयोजन करते हैं. इस दिन किसी गरीब और ब्राह्मणों को भोजन करवाना बहुत ही शुभ और फलदायी माना गया है. सफला एकादशी के मंगलकारी व्रत को पूरे विधि विधान से करने से मनुष्य को मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. इसी के साथ इस व्रत से मानव जीवन में भी सुखद जीवन की प्राप्ति होती है.*
*एकादशी कथा*
*प्राचीन काल में चंपावती नगर में राजा महिष्मत राज करते थे. राजा के 4 पुत्र थे, उनमें लुम्पक बड़ा दुष्ट और पापी था. वह पिता के धन को कुकर्मों में नष्ट करता रहता था.* *एक दिन दुःखी होकर राजा ने उसे देश निकाला दे दिया, लेकिन फिर भी उसकी लूटपाट की आदत नहीं छूटी. एक समय उसे 3 दिन तक भोजन नहीं मिला. इस दौरान वह भटकता हुआ एक साधु की कुटिया पर पहुंच गया. सौभाग्य से उस दिन सफला एकादशी थी. महात्मा ने उसका सत्कार किया और उसे भोजन दिया.*
*महात्मा के इस व्यवहार से उसकी बुद्धि परिवर्तित हो गई।*
*वह साधु के चरणों में गिर पड़ा. साधु ने उसे अपना शिष्य बना लिया और धीरे-धीरे उनका चरित्र निर्मल हो गया*
*वह महात्मा की आज्ञा से एकादशी का व्रत रखने लगा. जब वह बिल्कुल बदल गया तो महात्मा ने उसके सामने अपना असली रूप प्रकट किया. महात्मा के वेश में स्वयं उसके पिता सामने खड़े थे. इसके बाद लुम्पक ने राज-काज संभालकर आदर्श प्रस्तुत किया और वह आजीवन सफला एकादशी का व्रत रखने लगा.*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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