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पंचांग - 04-01-2024

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 *🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱*     *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै,  सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*

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*🌞गुरुवार अष्टमी का पंचांग🌞*
*⛅दिनांक - 04 जनवरी 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी रात्रि 10:04.11 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - हस्त शाम 05:32.29 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग - अतिगण्ड 05 जनवरी सुबह 06:47.33 तक*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 13:58 से 03:16 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:26.41*
*⛅सूर्यास्त - 17:52:53*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:31 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:07 तक*
*⛅विजय मुहूर्त    02:25PM से 03:07PM.*
   *⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ    07:27 - 08:45    शुभ*
*रोग    08:45 - 10:03    अशुभ*
*उद्वेग    10:03 - 11:22    अशुभ*
*चर    11:22 - 12:40    शुभ*
*लाभ    12:40 - 13:58    शुभ*
*अमृत    13:58 - 15:16    शुभ*
*काल    15:16 - 16:35    अशुभ*
*शुभ    16:35 - 17:53    शुभ*
    *⛅चोघडिया, रात⛅*
*अमृत    17:53 - 19:35    शुभ*
*चर    19:35 - 21:16    शुभ*
*रोग    21:16 - 22:58    अशुभ*
*काल    22:58 - 24:40    अशुभ*
*लाभ    24:40 - 26:22    शुभ*
*उद्वेग    26:22 - 28:03    अशुभ*
*शुभ    28:03 - 29:45    शुभ*
*अमृत    29:45 - 31:27    शुभ*
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*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹घर में सुख-सम्पदा व बरकत का अचूक उपाय🔹*

*🔸सुबह जब घर में भोजन बने तो सबसे पहलेवाली रोटी अन्य रोटियों से थोड़ी बड़ी बनायें और इसे अलग निकाल लें । इस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें और इन चारों पर कुछ मीठा जैसे – खीर, गुड़ या शक्कर रख दें ।*

*👉 सबसे पहले एक टुकड़ा गाय को खिला दें और भगवान से प्रार्थना करें । धर्मग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास होता है इसलिए सबसे पहले रोटी गाय को ही दी जाती हैं ।*

*👉 फिर दूसरा टुकड़ा कुत्ते को खिला दें । ’शिवपुराण’ के अनुसार ‘कुत्ते को रोटी खिलाते समय बोलना चाहिए कि ‘यमराज के मार्ग का अनुसरण करनेवाले जो श्याम और शबल नाम के दो कुत्ते हैं, मैं उनके लिए यह अन्न का भाग देता हूँ । वे इस भोजन को ग्रहण करें ।’ इस श्वानबलि कहते हैं |’*

*👉 रोटी के तीसरे भाग को कौओं को खिला दें और बोलें : ‘पश्चिम, वायव्य, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में रहनेवाले जो पुण्यकर्मा कौए हैं, वे मेरे इस दिये हुए भोजन को ग्रहण करें ।’ इसे काकबलि कहते हैं ।*

*👉 अब रोटी का अंतिम टुकड़ा एवं कुछ अन्न घर पर आये किसी भिक्षु को दे दें ।*

*🔸यह छोटा-सा उपाय रोज करने से आपको औदार्य सुख (उदारता का सुख) मिलेगा और आपकी किस्मत कुछ ही दिनों में बदल जायेगी ।*

*🔸कैसे रखें सर्दी को दूर ?🔸*

*🔹कुछ लोगों को सर्दी सहन नहीं होती, थरथराते हैं, दाँत से दाँत बजते हैं, हाथ काँपते हैं । वे कड़ाही में थोडा-सा घी डाल दें और फिर उसमें गुड़ गला दें । जितना गुड़ डाले उतनी सोंठ डाल दें । समझो २५ ग्राम गुड़ है तो २५ ग्राम सोंठ डाल दी । उसे घी में गला के सेंक दें । १ -१ चम्मच सुबह-शाम चाटने से सर्दी झेलने की ताकत आ जायेगी ।*

*🔸 राई पीस के शहद के साथ पैरों के तलवों में लगा दें तो भी सर्दी में ठिठुरना बंद हो जायेगा ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*
*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*
*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*

*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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