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*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞सोमवारद्वादशीकापंचांग🌞*
*⛅दिनांक - 08 जनवरी 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वादशी रात्रि 11:58.28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 10:02.03 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - गण्ड रात्रि 02:54.29 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅करण कौलव 12:28:17*
*⛅करण तैतुल 23:58:28*
*⛅माह (अमावस्यांत) मार्गशीर्ष*
*⛅माह (पूर्णिमांत) पौष*
*⛅चन्द्र राशि वृश्चिक*
*⛅सूर्य राशि धनु*
*⛅रितु शिशिर*
*⛅आयन उत्तरायण*
*⛅ संवत्सर शोभकृत*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत 2080*
*⛅गुजराती संवत 2080*
*⛅शक संवत 1945*
*⛅कलि संवत 5124*
*⛅सौर प्रविष्टे 24, पौष (# note below)*
*⛅नागौर राजस्थान (भारत)*
*⛅दिन काल 10:28:28*
*⛅रात्री काल 13:31:37*
*⛅चंद्रास्त 14:46:49*
*⛅चंद्रोदय 29:15:25*
*⛅ सूर्योदय⛅*
*⛅लग्न धनु 23°4' , 263°4'*
*⛅सूर्यनक्षत्र पूर्वाषाढा
*⛅ चन्द्र नक्षत्र अनुराधा*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - सुबह 08:46 से 10:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:27.20*
*⛅सूर्यास्त - 05:55.48*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:38 से 06:32 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:01 तक*
*⛅ विजय मुहूर्त 02:27pm से 03:09pm*
*⛅व्रत पर्व विवरण द्वादशी-*
*द्वादशी तिथि को लेकर कुछ इस प्रकार उपाय करे:*
*ज्योर्तिविद आचार्य दिनेश प्रेम शर्मा का कहना है कि ग्रंथों में हर द्वादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व बताया गया है।* *इस तिथि पर भगवान विष्णु के 12 नामों से पूजा करनी चाहिए। साथ ही ब्राह्मण भोजन या जरूरतमंद लोगों को अन्न दान करना चाहिए। ऐसा करने से हर प्रकार के दोस्त और रोग समाप्त हो जाते हैं और कभी ना खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है*
*इस स्थिति से समृद्धि बढ़ती है और मोक्ष मिलता है भगवान विष्णु को नारायण के रूप में पूजने से महायज्ञ का फल मिलता है पौष मास की द्वादशी तिथि पवित्र महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने का परंपरा है इस दिन भगवान विष्णु को नारायण के रूप में पूजा जाने का विधान ग में बताया गया है*
*ऐसा करने से पूर्ण महायज्ञ का फल प्राप्त होता है विष्णु की पूजा करने के लिए खास दिन होने से श्री कृष्ण ने इस दिन इस तिथि को पर्व का रूप दिया।*
*द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु के 12 नामों से पूजा करनी चाहिए.*
*द्वादशी तिथि को ब्राह्मण भोजन या ज़रूरतमंद लोगों को अन्न दान करना चाहिए.*
*द्वादशी तिथि को मंदिर की सफ़ाई करनी चाहिए.*
*द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.*
*कुछ संप्रदायों और परंपराओं में, द्वादशी के दिन चावल खाने को विधिवत माना जाता है। इसका कारण है कि एकादशी दिन ग्रहण करने वाले अन्नों का सेवन विशेष रूप से नहीं किया जाता है, जिसमें चावल भी शामिल होते हैं।*
*द्वादशी (संस्कृत: द्वादशी, रोमनकृत: द्वादशी), जिसे द्वादशी भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर में प्रत्येक चंद्र माह के शुक्ल (उज्ज्वल) या कृष्ण (अंधेरे) पखवाड़े, या पक्ष का बारहवां चंद्र दिवस (तिथि) है।*
*द्वादशी को पवित्र तुलसी वृक्ष की पूजा और विष्णु की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है । यह दशमी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय एकादशी व्रत के अंत का प्रतीक है ।*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
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🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
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