🚩✴️✴️✴️🕉️✴️✴️✴️ 🔱
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
*🔱॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥🔱* *🚩मोर मुकुट बंशीवाले की जय* *🕉नमो नित्यं केशवाय च शम्भवे,हनुमते च दुर्गायै, सरस्वत्यै, सच्चियाय, नमोनमः।।*🕉🌸*
*🌞 गुरुवारद्वितीयाका पंचांग 🌞*
*⛅दिनांक - 14 दिसम्बर 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - हेमंत*
*⛅मास - मार्गशीर्ष*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वितीया 12:55:29 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - मूल सुबह 09:45.56 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग - गण्ड दोपहर 01:23:01 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅राहु काल-हर जगह का अलग है - दोपहर 01:48 से 03:06 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:17:31*
*⛅सूर्यास्त - 05:41:37*
*⛅चोघडिया, दिन⛅*
*शुभ 07:18 - 08:36 शुभ*
*रोग 08:36 - 09:54 अशुभ*
*उद्वेग 09:54 - 11:12 अशुभ*
*चर 11:12 - 12:30 शुभ*
*लाभ 12:30 - 13:48 शुभ*
*अमृत 13:48 - 15:06 शुभ*
*काल 15:06 - 16:24 अशुभ*
*शुभ 16:24 - 17:42 शुभ*
*⛅चोघडिया, रात⛅*
*अमृत 17:42 - 19:24 शुभ*
*चर 19:24 - 21:06 शुभ*
*रोग 21:06 - 22:48 अशुभ*
*काल 22:48 - 24:30 अशुभ*
*लाभ 24:30 - 26:12 शुभ*
*उद्वेग 26:12 - 27:54 अशुभ*
*शुभ 27:54 - 29:36 शुभ*
*अमृत 29:36 - 31:18 शुभ*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 05:56 से रात्रि 07:36तक)*
*⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹प्राकृतिक नियमों का करें पालन, बना रहेगा स्वस्थ जीवन (भाग-१)*
*🔸प्राकृतिक नियमों का पालन करने से शरीर, मन, बुद्धि का विकास तथा स्वास्थ्य की रक्षा सहज में होती है और उनकी उपेक्षा करने से अनेक समस्याओं में उलझते-जूझते जीवन का ह्रास हो जाता है । ध्यान रखने योग्य कुछ उपयोगी बातें :*
*🔸१] संतुलित भोजन : कई विद्यार्थी भोजन में केवल पसंदीदा खाद्य पदार्थ लेते रहते हैं लेकिन तन-मन-बुद्धि के विकास के लिए भोजन संतुलित व पोषक तत्त्वों से युक्त होना चाहिए । इसलिए विद्यार्थियों को यथासम्भव फल, सब्जियों तथा षडरस युक्त आहार लेना चाहिए । प्रोटीन शरीर-वृद्धिकारक व शक्तिप्रद हैं । अत: बच्चों के लिए दूध, छिलकेवाली दालें, शकरकंद आदि प्रोटीनयुक्त आहार विशेष सेवनिय है । सर्दियों में पर्याप्त मात्रा में एवं अन्य दिनों में अल्प मात्रा में सूखे मेवे ले सकते हैं । स्मृतिशक्ति-वृद्धि हेतु फॉस्फोरस की अधिकतावाले फल जैसे – अंजीर, बादाम, अखरोट, अंगूर, संतरा, सेब आदि का सेवन उत्तम है ।*
*🔸२] शारीरिक कसरत : व्यायाम व योगासन से शरीरवृद्धि तेजी से होती है तथा मानसिक व बौद्धिक विकास में भी मदद होती है । सूर्यनमस्कार, दौड़, कबड्डी, कुश्ती आदि खेलों से बच्चों को शारीरिक लाभ के साथ आपसी सहयोग, सफलता-असफलता को स्वीकार करने की वृत्ति, एकाग्रता, तन्मयता आदि के विकास का भी सुअवसर मिलता है ।*
*🔸३] पढ़ाई के बीच में विश्रांति : निरंतर अधिक समय तक पढ़ने से थकान व उबान का अनुभव होता है । अत: बीच-बीच में खड़े होकर पंजों के बल कूदना, पानी पीना, थोड़ी देर खुले में (जैसे छत पर) घूम के आना, देव-मानव हास्य प्रयोग करना तथा थोड़ी देर श्वासोच्छ्वास में भगवन्नाम जप अर्थात श्वास अंदर जाय तो ‘ॐ’ बाहर आये तो ‘१’ .... श्वास अंदर जाय तो ‘आनंद’ बाहर आये तो ‘२’... श्वास अंदर जाय तो ‘शांति’ व सर्तकतापूर्वक एवं हिले बिना श्वासोच्छ्वास की गिनती करनी चाहिए । इससे एकाग्रता एवं सोचने-समझने, ग्रहण करने व याद रखने की क्षमता बढ़ेगी तथा शांति, सुख व प्रसन्नता के साथ स्वास्थ-लाभ भी मिलेगा ।*
*🔸४] उचित समय पर निद्रा : देर रात तक जागकर टी.वी. देखते रहना, मोबाइल, इंटरनेट आदि का उपयोग - ये घातक आदतें विद्यार्थियों के समय, स्वास्थ्य व सूझबूझ को उलझा देती हैं । देर रात तक जाग के पढना भी हितकर नहीं है, इससे ज्ञानतंतु दुर्बल होते हैं व बुद्धि कमजोर होती है ।*
*🔸रात को जल्दी (९ बजे ) सोकर प्रात: जल्दी उठ के अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी सूझबूझ सम्पन्न होने लगते हैं, उन्हें पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद रहता है*
*🔹दरिद्रतानाशक तुलसी🔹*
*🔸ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने तथा पूजा के स्थान र गंगाजल रखने से बरकत होती है ।*
*🔸तुलसी को रोज जल चढ़ाने तथा गाय के घी का दीपक जलाने से घर में स ख-समृद्धि बढ़ती है ।*
*🔸जो दारिद्रय मिटाना व सुख-सम्पदा पाना चाहता है, उसे तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए । -*
*🔸1. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा । इस दशाक्षर मंत्र के द्वारा विधिसहित तुलसी का पूजन करने से मनुष्य को समस्त सिद्धि प्राप्त होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण प्र. खं. 22.10.11)*
*🔸2. जिस घर में तुलसी का पौधा हो उस घर में दरिद्रता नहीं रहती । जहाँ तुलसी विराजमान होती हैं, वहाँ दुःख, भय और रोग नहीं ठहरते । (पद्म पुराण, उत्तर खण्ड)*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
🖌🚩 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_* 🚩
○▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩🔥🌞🔯🔮
*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्योहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*रमल ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश "प्रेम" शर्मा*
*संपर्क सूत्र:- मोबाइल* *8387869068*
🌞🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🐊